Life 4

Friend zone love

This is introduction about 4th life .full story begins when they went to college.

चौथी जिंदगी फिर उसी तरह शुरू होती है।इस बार वह आत्मा एक गरीब परिवार में जन्म लेता है उसके पिता समोसे का ठेला चलाकर परिवार का गुजारा करते थे ।  उसके माता-पिता उसे पढ़ा लिखा कर एक बड़ा साहब बनाना चाहते थे इसलिए उसे अपने  हैसियत के अनुसार एक स्कूल में भेजते हैं लेकिन वह स्कूल हिंदी माध्यम का था बच्चा अपने पिता की चाह को देखते हुए अच्छे  से पढ़ता है और हमेशा प्रथम आता ।

उसकी मां एक सरल स्वभाव की  महिला थी वह घर का ही काम करती थी वह भी उसके पति की तरह ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी उनके परिवार में बस तीन ही लोग थे।

इस कहानी का दूसरा किरदार है आगाज जो विधायक जी के छोटे भाई का बेटा था  । जो मानिक से 2 साल बड़ा था वह पढ़ने में थोड़ा कमजोर था वह बचपन में थोड़ा दबा हुआ और सहमा हुआ रहने वाला बच्चा था वह ज्यादा, लोगों से बात नहीं करता था । लेकिन बाद में जब वह दूसरे स्कूल में जाता है जहां वह हॉस्टल में रहता हैं  वहां वह  बिगड़ जाता है और गलत आदत भी अपनाना शुरू कर देता है जैसे कि शराब और सिगरेट आदि । वह गालियां देता और लोगों को परेशान करता।   उसे लोगों को परेशान करने में मजा भी आता।

चलो उन दोनों के बारे में जानकारी तो बहुत हो गई उनकी कहानी कैसे शुरू होती है यह देखते हैं

मानिक के पिता उसी  विधायक  जी की गली में ठेला चलाते थे और रोज ठेला विधायक जी के घर के बाहर से पार कराकर ले जाते थे ।  मानिक भी अपने पिता के ठेले को पहुंचाने और  वापस लाने में उनकी मदद करता। वह कभी-कभी अपने पापा को सामान इकट्ठा करने और प्लेटें उठाने में उनकी मदद  करता ।  मानिक कभी-कभी उसके पिता के  ठेले के पास बाकी ठेले वालो के बच्चों के साथ खेलता था।

एक दिन जब वह खेल रहा था तब आगाज स्कूल से वापस घर जा रहा था तभी  अचानक आगाज को एक कुत्ता दौड़ता है जिससे  डरकर   वह भागने लगता है वह भागते- भागते उस जगह पहुंच जाता है जहां सभी बच्चे खेल रहे थे और भागते हुए वह सड़क पर बने एक गड्ढे में, जो कीचड़ से भरा हुआ था उसमें गिर जाता है,  उसके  गिर जाने पर पास में खड़े सभी बच्चे और लगभग सभी लोग उसे देखकर हंसते हैं (यह तो प्रवृत्ति ही है लोगों का कि वे किसी के गिरने पर  हंसते हैं) लेकिन तुरंत उसे कोई उठाने नहीं आता मात्र  मानिक ही भागकर उसे बचाने आता है वह ही उस पागल  कुत्ते को भगाता है । अभी भी आगाज कुत्ते के डर के कारण कांप रहा था  और उसके पुरे चेहरे में कीचड़ लग गया था मानिक  उसे हाथ देता है और उसे उठाता है बाकी लोग यह चुपचाप खड़े होकर देख रहे थे और उसपर हस रहे थे लोग  कुछ-कुछ कहते रहते हैं जैसे कि छी वह गंन्दे कीचड़ में गिर गया वह कितना बदबूदार होगा , उसके शरीर से कितनी बदबू  आ रही होगी इत्यादि।

मानिक अभी 10 साल का था लेकिन वह जोर से चिल्लाकर सबको शांत कराता है और उन्हें आगाज पर हंसने से  रोकता है फिर वह आगाज से पूछता है कि तुम ठीक तो हो,  तो वह कहता है मैं ठीक हूं मानिक उसे उठाता है ,आगाज उठता है और अपने बैग को भी उठाता है‌। वह  उसी अवस्था में लोगों को उस पर बात करते देखकर  अपने घर की ओर भागकर  घर चला जाता है घर पर उसे कोई नहीं देखता वह तुरंत अपने कमरे में जाकर कपड़े निकाल कर नहाने लगता है।

जब आगाज नहा रहा था तब उसे पता चलता है कि उसने अपना लॉकेट खो दिया जिसे उसके अब्बु  ने उसे आखिरी समय में दिया था । जिसे  उन्होने खुद बनाई थी ।

जब आगाज़ वहां से भाग रहा था तब मानिक को वह लॉकेट मिल जाता है  तब वह उस लॉकेट को उठाता है और  उसे उठाकर अपने पापा के ठेले के पास जाता है और उसके पापा  से पानी मांगकर उस लॉकेट को धोता है ।

उसके पापा उससे पूछते  है कि तुम्हे यह कहां से मिला तो वह बताता है कि यह उस लड़के का है जो गड्ढे में गिर गया था तो उसके पापा कहते हैं कि तुमने इसे उसे वापस क्यों नहीं दिया तो वह कहता है मुझे यह उसके जाने के बाद मिला तब उसके पापा उसे कहते हैं उसे अभी के लिए अपने  पास  रख लो जब वह तुम्हें दिखे तो उसे दे देना। 

तब मानिक कहता है कि वह उसे पहचानेगा कैसे  क्योंकि उसने तो  उसका चेहरा  देखा ही नहीं क्योंकि उसके चेहरे पर तो कीचड़ लगा था।  तब  उसके पापा उससे कहते हैं इसे  तुम  पहन लो जब वह लड़का  तुमसे यह लॉकेट मांगेगा तो तुम उसे दे देना । वह  पिता की आज्ञा मानता है और उस लाँकेट को गले में पहन लेता है।

कुछ दिनों बाद जब वह फिर अपने पिता के ठेले के साथ   जा रहा था तब आगाज उसे उस लाकेट को गले में पहने देखता है वह उससे अपने लॉकेट के बारे में पूछना चाहता था ।  फिर वह सोचता है कि यदि वह उससे लॉकेट को  मांगने जाएगा तो उसका चेहरा उस लड़के को पता चल जाएगा, उसे पता चल जाएगा कि वह  मैं हूं जो कीचड़ में गिर गया था  और जब भी वह मुझे  देखेगा तो वह मेरा मजाक बनाएंगे यह सोचकर वह लॉकेट को  जाने देता है और उससे नहीं मांगता।

यह घटना जबसे आगाज के साथ हुआ था वह उसके सपने में उसे  बार-बार देखता था और उसे समझ में नहीं आता था कि ऐसा क्यो हो रहा है।  जब भी मानिक   उसके घर के सामने से गुजरता आगाज उसे हर  रोज देखता । वह  उसे उस दिन की मदद के लिए उसका धन्यवाद करना चाहता था ।

आगाज  मानिक को घर की क्षत  से   देखता और  उसे हमेशा  देखना चाहता  ।वह उसे घर से ही खेलता देखता और खुश होता । वह उसके  तरफ आकर्षित महसूस करता  था क्योंकि उसे अचानक ऐसा दोस्त मिला जिसने निस्वार्थ भाव से उसकी मदद की।

एक से डेढ़ साल ऐसे ही बीत जाते हैं  फिर अचानक  मानिक उस  रास्ते से पार होना छोड़ देता है तब आगाज की  निगाहें उसे खोजती है कुछ दिनों तक आगाज उसके वहां से पार होने का इंतजार करता है ।

कुछ दिनों बाद आगाज उनके दुकान की जगह पर जाता है ( उसे वह जगह पता था क्योंकि वह घटना के बाद उनके  ठेले में कभी-कभी खाने भी जाता था)  वहां  वह आसपास के  दूसरे ठेले वालों  से पूछता है कि यहां पर एक ठेला लगता था अब वह क्यो नहीं लगता तो वे उसे बताते हैं कि उस ठेले वाले की मृत्यु हो गई है इसलिए वे अब ठेला नहीं चलाते।   तब वह वही खड़ा होकर याद करता है जब उसने उसे  आखरी बार देखा था जब वह अपने पापा के साथ उसके घर के पास से गुजर रहा था।

मानिक के पिता की मृत्यु तबीयत खराब होने के कारण हो जाती है तब मानिक बहुत रोता है लेकिन मानिक की मां नहीं रोती क्योंकि वह रोती तो मानिक को कौन संभालता वह उसके सामने मजबूत बनी रहती है क्योंकि वह और उसके पिता ने मिलकर निर्णय लिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए मानिक को पढ़ा लिखा कर अच्छा और बड़ा साहब बनाएंगे इसलिए वे उस जगह को छोड़कर गांव आ जाते हैं जहां उनका घर था वे शहर में किराए के मकान में रहते थे।

गांव में उसकी मां दूसरों के घर में काम करती, कभी-कभी खेतों में भी काम करने जाती थी  वह मानिक को  गांव के पास  के अच्छे से अच्छे  स्कूल में भेजती हैं ।  मानिक की मां उसे कहती थी कि बेटा तुम अच्छे से पढ़ो जो  तुम्हारे काम का नहीं वह भी पढ़ो क्योकी  बड़ा साहब बनने के लिए  सभी विषयों का ‌‌ज्ञान जरूरी है वह जी भरकर मेहनत करता था।

जब वह 12वीं पास कर लेता है तब वह कॉलेज के लिए आवेदन करता है कॉलेज में 100 बच्चों की पढ़ाई मुफ्त थी  जो टॉप 100 के अंदर में आएंगे ।तो वह कड़ी मेहनत करता है और टॉप 10 में आ जाता है।

आगाज जब वहां 8वी पास  हो जाता है तो उसके बड़े पापा उसे  बड़े शहर के बड़े  स्कूल में भेजते हैं जहां वह हॉस्टल में रहता था वहां वह उनके दोस्तों की संगति में आकर बिगड़ जाता है वह कभी कभी जबरदस्ती छोटे बच्चों को परेशान करता,  अपना काम उन्हें डराकर करवाता ।वह विधायक जी का भतीजा था इसलिए उसे हॉस्टल के  लोग  भी  ज्यादा कुछ नहीं कहते थे  । वह  भी  मानिक के भर्ती के 1साल पहले ही भारत के टॉप कॉलेज में आवेदन  करता है वह भी आखरी नंबर में आकर भर्ती ले लिया था बाकी कहानी कॉलेज में पूरी होगी।

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