Life 2 continue

Part 6

2 दिन बाद वे उस वसीयत में मीरा के हस्ताक्षर करवाने तीनों उसके कमरे में आते हैं वे मीरा को इस बार डराते है उसे उससे कहते हैं, कि इस पर हस्ताक्षर करो ! वह कहती हैं यह कैसे कागज हैं सुरेश कहता हैं यह प्रॉपर्टी के कागज है वह कहती है मैं इस पर हस्ताक्षर क्यों करूं फिर कामिनी कहती है जितना कहा जा रहा है उतना कर सवाल मत पूछ। मीरा कागज को देखती है और कहती है कि इस पर मै दस्तखत नहीं करूंगी ।

वे उससे कहते हैं यदि तू ऐसा नहीं करेगी तो हम तुम्हारी पढ़ाई रोक देंगे ( मीरा को पढ़ाई बहुत पसंद थी वह पढ़ाई कितनी मुश्किलों और कामो के बाद भी कर ही लेती थी और हमेशा प्रथम भी आती थी ) वह फिर मना कर देती है फिर कामिनी उसके बाल पकड़कर उसे हस्ताक्षर करने को कहती है और उसे जान से मारने की धमकी भी देती है ।

मीरा डरते हुए हस्ताक्षर कर देती है (डरने का नाटक मीरा जानबूझकर कर रही थी क्योंकि अगर वह चाहती तो मिहिर की मदद से उन्हें तुरंत सबक सिखा सकती थी) लेकिन वह जानबूझकर सब सहन करती है और हस्ताक्षर कर देती हैं क्योकी उसे पता था अगर वह हस्ताक्षर करेगी तो काम को पूरा कराने के लिए उन्हें शहर जाना पड़ेगा और शहर उसी रास्ते से होकर जाऐगा जहां उसके माता पिता को मारा गया था ।

अभी उनका काम पूरा नहीं हुआ था अभी उन्हें मीरा के और हस्ताक्षर चाहिए थे जिसे करवाने के लिए उसे शहर लेकर जाना चाहते थे जिसके लिए वे उससे कहते हैं हम जल्दी ही तुम्हें शहर लेकर जाएंगे वह डरने का नाटक करते हुए हाँ कहती है ।

जब सब वहां से चले जाते हैं तो वे दोनों जी भरकर हंसते है । मीरा मिहिर से पुछती है कि मैंने अच्छी एक्टिंग की ना मिहिर करता है मै मान गया तुम्हारे एक्टिंग को, क्या एक्टिंग की तुमने, मुझे एक समय के लिए लगा कि यह सच में हो रहा है क्या वास्तविकता थी तुम्हारी एक्टिंग में । फिर दोनों मिलकर सोचते हैं।

हमने तो अपना पहला कदम चल दिया अब यह सोचना है कि उनसे कैसे बदला लिया जाए क्योंकि अब उन्हें सबक सिखाना ही उनका एक उद्देश्य था वे मिलकर निर्णय लेते है कि हम भी उन्हें वही मारेंगे जहां हमारे माता-पिता और तुम्हें मारा गया था अगले ही दिन मिहिर वहां जाता है और हाथी को इस प्लान में शामिल कर लेता है क्योंकि उन्ही की वजह से उसकी मां (हाथी ) की मृत्यु हुई थी। हाथी भी उसकी मां के मौत का बदला लेना चाहता था।

2 दिन बाद वे काम को पूरा करवाने के लिए मीरा को लेकर जाते हैं । कामिनी उसके साथ नहीं जा रही थी तब मीरा पेट दर्द का बहाना बनाती है और करती है कि मैं अकेले नहीं जा सकती अगर कुछ प्रॉब्लम हो गयी तो । वे पूछते हैं तुम क्यों नहीं जा सकती । मीरा बताती है कि मेरा पेट दर्द कर रहा है अगर बड़ी माँ मेरे साथ चलें तो मैं चली जाऊंगी । फिर रमेश कामिनी को जल्दी तैयार होने के लिए कहता है कामिनी भी जल्दी तैयार होकर आती है फिर सभी वहां से निकलते है मिहिर भी उनके साथ कार के ऊपर बैठकर जाता है । रमेश सोच रहा था कि सब प्लान के हिसाब से हो रहा है। सब प्लान के हिसाब से हो तो रहा था लेकिन उनके नहीं बल्कि मीरा के ।

जब कार वहां पहुंचती है जहां उनके माता पिता को मारा गया था मिहिर कार को जादू से बंद कर देता है रमेश और सुरेश कार से नीचे उतरते हैं फिर उन्हें पता चलता है कि वह वही जगह है जहां उन्होंने कबीर, काव्या और उसके बच्चे को मारा था रमेश कार को ठीक करता है और जब वह कार को चलाने वाला था तभी कार के आगे हाथी आ जाता है सभी हाथी को देख कर चौक जाते है और रमेश कार को पीछे करने की कोशिश करता हैं मिहिर फिर जादू करके कार को बंद कर देता है कार बंद हो जाने पर हाथी कार को उठाने लगता है जिसके डर के कारण वे सभी नीचे उतरते हैं और इधर उधर भागने लगते हैं रमेश और कामिनी एक दिशा की ओर भागते है।

रमेश और कामिनी एक दिशा की ओर भागते हैं सुरेश अलग दिशा की ओर भागता है। हाथी रमेश और कामिनी को पकड़ लेता है जिसको देखकर सुरेश रुक जाता है। तब मीरा कहती है आप लोगों को लग रहा होगा कि यह क्या हो रहा है आपके साथ । वही हो रहा है जो आपने मेरे माता-पिता के साथ किया था आज मैं अपने माता पिता की मौत का बदला लूंगी ।

मुझे पता है कि आपने कैसे मेरे माता- पिता का एक्सीडेंट करवा कर उन्हे मारना चाहा। जब मेरी मां बच गई तो आप लोगों ने उसे डंडे और पत्थर से मार दिया । अरे क्या बिगाड़ा था मेरे छोटे से भाई ने , उसने तो बस जन्म ही ली थी आपने तो उसे भी नहीं छोड़ा।

(रमेश और कामिनी मीरा से अपने किए की माफी मांगते है।)

अब आप मुझसे माफी मांग रहे हैं , मैं आपको माफ क्यों करूं। क्या आपको माफ कर देने से मेरे माता-पिता वापस आ जाएंगे और मेरे भाई को उसका शरीर वापस मिल जाएगा । ओह! मैं आपको तो मेरे भाई से मिलवाना ही भुल गयी थी यहां है मेरा भाई मिहिर (तब मिहिर उनके सामने आता है) वे और डर जाते है ।

मीरा कहती है - आज नियति यहां फिर दोहरायेगी ,आप लोगों ने मेरे माता-पिता और मेरे भाई को मारा था अब हम आपको मारेंगे । अब होगी मौत के बदले मौत और बदला मैं नहीं लूंगी आपने मुझे पाला है मैं आपको कैसे मार सकती हूं लेकिन ये दोनो तो मार सकते है , जिसको आपने मारा और आप लोगो की वजह से जिसने अपना मां खोया।

तभी हाथी दोनों को छोड़ता है और वे भागने लगते हैं हाथी कामिनी के पीछे भागता हैं और उसे सुड़ मे उठा कर फेककर मार देता है फिर मिहिर रमेश को अपने जादू से उठाता है और इधर-उधर फेंक फेंक कर उसे भी मार देता है।

अब सुरेश की बारी थी हाथी सुरेश की ओर भागता है और सुरेश भागते हुए वहां पहुंच जाता है जहां पेड़ गिरने की वजह से जाम लग गई थी वह ज्यादा दुर नही थी वहां से जहा पर उनकी गाडी बिगड़ी थी हाथी उसके पीछे भागता है सुरेश इधर-उधर गाड़ियों के बीच भागते हुए छिपने लगता है जब वह बस में चढ़ने वाला था तब हाथी उसे खींचकर नीचे उतारता है और उसे दबा कर मार देता है।

मारने के बाद हाथी वहां से चुपचाप चला जाता है लोग यह देखकर चकित हो जाते है कि उसने एक ही व्यक्ति को मारा और चला गया वे समझ जाते है कि इस व्यक्ति ने उसका कुछ बिगाड़ा होगा ।

थोड़ी देर बाद पुलिस मौके पर आ जाती है आधी पुलिस वाले सुरेश के शरीर की जगह जांच पड़ताल करते हैं और बाकी रमेश और कामिनी की जगह । जांच पड़ताल के बाद उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया जाता है।

पुलिस यहां क्या हुआ था उसे मीरा से पुछती है तो वो बताती है हमारे सामने हाथी आ गया जब हम गाड़ी को पीछे कर रहे थे तभी हमारी गाड़ी बंद हो गई और हाथी हमारे गाड़ी को उठाने लगा जिसकी वजह से हम बाहर निकल गए और इधर-उधर भागने लगे मैं उस पेड़ के पीछे जाकर छिप गई थी तब हाथी ने बड़े पापा , छोटे पापा और बड़ी मम्मी को दौड़ा-दौड़ा कर उठा -उठा कर मार दिया पुलिस गवाही लेती है और उसे हाथी का आतंक बताकर कोई केस नहीं बनाती शाम तक उनका शरीर घर आ जाता है और उनका अंतिम संस्कार उनके बेटे करते हैं। मीरा भी घर में रोने का नाटक करती है लेकिन वह खुश थी कि उसने अपने माता पिता और भाई के मौत का बदला ले लिया।

अब मीरा और मिहिर घर में प्यार से रहते थे। मीरा छोटी मां और घर वालों को मिहिर के बारे में बता देती है और मिहिर उनके भाइयों से कहता है अगर उन्होने मीरा को परेशान किया तो वो उसे नहीं छोड़ेगा । तब से वे मीरा को कुछ नहीं कहते। मीरा जब 12वीं पास कर लेती है तो कॉलेज में भर्ती के लिए परीक्षा दिलाती है और पास हो जाती है।

मीरा अपनी सारी जायदाद का 20% रखकर अपने भाइयों को 7.5% , सभी भाइयों को दे देती है ताकि सभी को बराबर हिस्सा मिले अब उनके कारोबार को उनका सबसे बड़ा भाई संभालता था अब वे सभी मीरा को भी प्यार करने लगे थे और उसके फैसले के कारण उसकी इज्जत भी करने लगे अब उसे पांचों भाइयों का प्यार मिल रहा था।

कहानी में अब तक के लिए इतना ही आगे की कहानी कॉलेज में पूरी होगी।

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