Life 3

LOVE TRIANGLE

This is introduction about third life. story begins when they went to college.

नई जिंदगी फिर शुरू होती है । अगले सप्ताह 12:00 बजे जब घंटी बजती है और एक नया डब्बा खुलता है आत्मा डब्बे से निकलकर धरती की ओर बढ़ते हुए एक ऐसी महिला के शरीर में जाती है जो मुस्लिम थी वह एक मध्यम वर्ग परिवार की महिला थी उसके पति और वे , दोनों एक ही जगह काम (नौकरी) करते थे ।

9 महीने बाद जब उनका बच्चा जन्म लेता है तो वे उसे अच्छे से पालते हैं और उसके लिए बड़े-बड़े सपने देखते हैं। वे उसके जन्म पर उससे वादा करते हैं कि उसकी परवरिश और उसकी खुशियों में कभी कोई कमी नहीं आने देंगे। जिस कारण वे और बच्चा न लेने का निर्णय लेते है ।

अब कहानी शुरू होती है जब वे उनके बच्चे को पढ़ाना शुरू करते है । उसके माता-पिता उसे एक ऐसे स्कूल में भेजते हैं जहां शहर के बड़े - बड़े अमीर घर के बच्चे पढ़ते थे जिस कारण से उन्हे एक की कमाई का पुरा पैसा उसकी पढ़ाई पर लगाना पड़ता था । उनके बच्चे का नाम था अरमान।

इस कहानी में अगला किरदार है फलक जो एक विधायक की बेटी थी वह भी मुस्लिम थी । वह भी अरमान के बराबर की उम्र की ही थी वह उससे मात्र 1 महीने ही छोटी थी।

अब वे स्कूल में एडमिशन लेते है । जब स्कूल शुरू होता है तो वे दोनों स्कूल में पहले दिन गेट में एक साथ अंदर प्रवेश करते हैं वे दोनो एक दुसरे को देखकर मुस्कुराते हैं उस समय वे दोनो एक दुजे को नही जानते थे जब वे कक्षा में अपने माता पिता के साथ प्रवेश करते है तब वे दोनो एक दुसरे से मिलते है । उनके माता पिता दोनो की दोस्ती करवाते है और उन दोनों को एक ही बेंच में बैठाते हैं(उस समय फलक के पिता विधायक नही थे )।

धीरे-धीरे दोनों अच्छे दोस्त बन जाते हैं वे दोनों एक दूसरे के घर का फोन नंबर भी ले लेते हैं और एक दूसरे से बात करते हैं । जब भी उनमे से कोई स्कुल नही जा पाता था तो दोनो फोन पर ही होमवर्क डिस्कस कर लेते थे। वे शुरू से लेकर कक्षा सातवी तक एक दुजे के साथ ही बैठते थे । जब कक्षा आठवीं में उनका सीटिंग अरेंजमेंट होता है तो उन्हे दूसरो के साथ बैठया जाता हैं । फलक को दुसरो के साथ बैठना पसंद नही आता वह अपने अब्बू से कहकर अपना सीट बदलवा देती है और उसे अरमान के बगल में ही करा लेती है । अब फलक के अब्बू विधायक बन चुके थे विधायक होने के कारण उनका कहना वहां चलता था।

अरमान बड़ा होने लगा था तो वह अब अपने लड़के दोस्तों के साथ ज्यादा समय रहने लगा । उसके दोस्त उसे यह कहकर चिढाने लगे कि फलक उससे प्यार करती है , उसे पसंद करती है लेकिन अरमान कहता है कि वे दोनों सिर्फ अच्छे दोस्त हैं ।

फलक और अरमान की अच्छी दोस्ती के कारण विधायक जी और अरमान के पिता भी एक दूजे के अच्छे दोस्त बन गये थे । उन दोनों के परिवार के बीच अच्छे संबंध हो गए थे। विधायक जी उनकी मदद करके उनके नौकरी में प्रमोशन करवा देते हैं और अरमान के माता-पिता उनका धन्यवाद करते हैं ।

जब भी अरमान के घर में कोई कार्यक्रम होता तो वे फलक को जरूर इनवाइट करते और जब फलक के घर कार्यक्रम होता तो वे अरमान को जरूर बुलाते । दोनों का एक दूसरे के घर में आना जाना लगा रहता था।

जब तक वे दोनों कक्षा आठवीं में थे तब तक सब ठीक था। अब अरमान उसके दोस्तों के साथ ज्यादा खेलने और समय बिताने लगा जिस कारण फलक अब ज्यादा अकेली महसूस करने लगी। धीरे -धीरे वह कुछ सहेलियां बना लेती है लेकिन अब भी वे दोनों एक साथ ही बैठते थे।

अब वे कक्षा नवमी में थे । अब अरमान के दोस्त उसे बार बार कहने लगे कि फलक उसे पसंद करती है और उससे प्यार भी करती है इसलिए तो वह तुमसे अलग नही बैठती । वे उसे यह बार-बार कहकर चिढ़ाने लगे अरमान कहता था कि वह उससे प्यार नही करता वे सिर्फ अच्छे दोस्त हैं लेकिन उनके बार-बार कहने और उसके बार- बार सुनने पर उसके मन में भी प्यार वाले ख्याल आने लगे ।

वह अब यह पता करने में लग गया कि क्या सचमें फलक उससे प्यार करती हैं ,और क्या वह भी फलक से प्यार करता है । अब अरमान उसे अलग प्यार के नजरिए से देखने की कोशिश करने लगा और उसे भी लगा कि फलक उसे सच में पसंद करती है अब वे दोनो ज्यादा करीब आने लगे और उन दोनों में ज्यादा फोन पर बाते होने लगी । यह सब अरमान अपने प्यार के बारे में पता करने के लिए कर रहा था ।

जब तक अरमान पूरा पता कर पाता स्कूल में यह बात थोड़ी फैल जाती है और शिक्षकों को भी पता चल जाती है, तब उनके शिक्षक उन्हे बुलाते हैं और उनसे प्यार से कहते हैं (क्योंकि वह विधायक की बेटी थी) वे उस पर जोर नही लगाते वे कहते है कि हम जो सुन रहे हैं कि तुम एक दूजे से प्यार करते हो क्या यह सच है फलक थोड़ा झिझकती है फिर वह कहती है हां हम एक दूसरे से प्यार करते है अब अरमान को भी लगता है कि वह भी उससे प्यार करता है इसलिए वह कुछ नही कहता ।

उनके शिक्षक उनसे ज्यादा कुछ नहीं कहते वे उन्हे समझाते हैं कि बेटा तुम दोनों थोड़ा दूर रहो यह प्यार तुम दोनों की पढ़ाई पर भी असर करेगा तुम दोनों अभी छोटे हो जब तुम बड़े हो जाओगे तो तुम दोनों अपना प्यार करते रहना। अभी स्कूल में यह सब नहीं चलेगा क्योंकि बाकी बच्चे भी तुमको देखकर बिगड़ेंगे और हमारी स्कूल की रेपोटेशन पर भी इसका असर पड़ेगा तो संभाल कर रहिए और यह शिकायत हमें दोबारा नहीं मिलनी चाहिए।

शिक्षकों के समझाने के कारण वे दोनों अलग अलग रहने लगे और वे अपने सहेलियों और दोस्तों के साथ बैठने लगे लेकिन छुट्टी के बाद अब भी वे एक दूजे से बात करते थे।एक दिन फलक अरमान से प्यार का इजहार कर देती है अरमान कहता है कि मैं अभी स्योर नहीं हूं और वह उससे कुछ समय मांगता है। अब वे कक्षा 12वीं में थे वैलेंटाइन डे के दिन फलक उससे अपने प्यार का फिर इजहार करती है फलक के बार-बार कहने और उनके दोस्तों से बार-बार सुनकर उसे भी लगता है कि वह भी उससे प्यार करता है और वह उसके प्यार को स्वीकार कर लेता है ।

लेकिन आगे जिंदगी को तो कुछ और ही मंजूर था अब आगे वे दोनों एक ही कॉलेज में एक ही कक्षा में फिर भर्ती लेते हैं और कॉलेज में एंट्री होती है उसके असली प्यार की ।

जो एक सुंदर और हिंदू लड़की थी धीरे-धीरे अरमान को उससे प्यार हो जाता है और यह कहानी कॉलेज की लव स्टोरी में पुरी होगी। इस कहानी में अरमान को कितने उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ेगा उसे अपने प्यार को पाने के लिए, क्या उसे उसका सच्चा प्यार मिलेगा यह जानने के लिए पढ़ते रहिए ।

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