Life 2 continue

Part 3

अब वे उससे प्यार करने का नाटक नहीं करते थे बल्कि उसे ताना देते थे ।

कुछ दिनो बाद वे उसे बड़े स्कूल से निकालकर गांव के सरकारी स्कूल में डाल देते हैं गांव वालों के पूछने पर वे उनसे कहते हैं कि वह पढ़ने में अच्छी नहीं है इसलिए उसे सरकारी स्कूल में डाल रहे है । अगर वह पढ़ाई में अच्छी नहीं है तो उस पर इतना पैसा खर्च करने क्या मतलब और अब उसे स्कूल छोड़ने जाने के लिए भी कोई नहीं है। उसे उसके दोस्तों के छूटने का दुख होता है ,लेकिन वह क्या करती ।

अब वह सरकारी स्कूल में जाती है सुरेश की पत्नी उससे थोड़ा प्यार करती थी वह उसे कभी परेशान नहीं करती थी बल्कि उसकी मदद करती थी।

अब घर के बच्चे भी बड़ों को देखकर उसके साथ वैसा ही व्यवहार करने लगे वे पहले उसके साथ खेलते थे लेकिन अब वे उसके साथ खेलना भी छोड़ देते है । वे उसके खिलौने तोड़ देते । जब वह खाना खाती उसे परेशान करते थे। एक दिन चारों लड़के मिलकर उसकी प्रिय गुड़िया को फाड देते हैं जिसे उसके दादा ने दिया था। उस दिन उसे लगता है कि उसकी जिंदगी में अब कभी खुशी और प्यार नहीं आएगा और उसकी जिंदगी दुख और तकलीफों में ही बीतेगी।

गांव में ही मीरा की सरकारी स्कूल की एक सहेली रहती थी जिसके साथ मीरा खेलती थी वह उनके घर खेलने जाती थी ।अब वह अकेली उसके दादा के कमरे में रहती थी ,छोटे होने के बावजूद भी वह अपना सब काम खुद करती थी जैसे कि कपड़े धोने से लेकर साफ-सफाई तक।क्योकी यह उसके बड़ी मां का आदेश था । घर में बस अभी तक उसे खाना नहीं बनाना पड़ता था ।

उसके दादा के मौत के कई साल तक वैसे ही चलता है। वह उसकी सहेली के साथ मिलकर साइकिल चलाना सीखती है। अब वह कक्षा 5 में पहुंच गई थी और स्कूल साइकिल में जाती थी जो उसके सबसे बड़े भाई बसंत की थी। अब घर के लोग खाना बनाने के लिए उसे उसकी छोटी मां की मदद करने के लिए कहते हैं इसलिए अब वह अपनी पढ़ाई के साथ-साथ घर के कामों में भी हाथ बटाती थी।

1 दिन उसके स्कूल वाले जंगल में पिकनिक के लिए जाते हैं वह भी अपनी सहेली के साथ वहां जाती है वह वही जगह थी जहां उसके माता और पिता की एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई थी लेकिन उसे यह नहीं पता था । जब सब बच्चे वहां पहुंच जाते हैं उसके टीचर सभी बच्चों को दो -दो की जोड़ी भी बांट देते हैं मीरा अपनी सहेली के साथ जोड़ी बनाती है और उन्हें जंगल में अलग अलग तरह की पत्तियां इकट्ठा करने का प्रोजेक्ट मिलता है जिसे उन्होने पर्ची निकाल कर प्राप्त किया था। फिर उनके शिक्षक उन्हें एक दिशा में जाने को कहते हैं हर बच्चे को अलग-अलग दिशा की ओर भेजा जाता है । मीरा और उसकी सहेली को दलान की दिशा की ओर भेजा जाता है और वे उधर जाते हैं।

थोड़ी दूर जब वे पत्ती इकट्ठा करते हुई ढलान की ओर नीचे उतरते है तभी मीरा को किसी की रोने की आवाज आती है मीरा उसकी सहेली से पूछती है कि उसे किसी की रोने की आवाज सुनाई दे रही है तो बताती है नहीं, मुझे किसी की रोने की आवाज सुनाई नहीं दे रही। लेकिन मीरा को अभी भी वह अवाज सुनाई दे रही थी मीरा अपनी सहेली को उस आवाज की तरह जबरदस्ती खींच कर ले जाती है वह कहती रहती है कि उसे कुछ सुनाई नहीं दे रहा है पर वह उसे ले ही जाती है मीरा थोड़ी दूर और जाती है ।

तब वह वहां एक बच्चे को रोते हुए देखती है जो उसी की तरह थोड़ा दिख रहा था लेकिन उसने लड़के के कपड़े पहने थे। मीरा अपनी सहेली से फिर पूछती है अब तो तुम्हे दिखाई दे रहा है न कि वहां एक बच्चा रो रहा है। वह कहती है "नहीं " मीरा कहती है ध्यान से देख , लेकिन उसकी सहेली कहती है मुझे तो वहां बस एक मोटा सा पेड़ दिख रहा है जिसकी पत्तियां अलग तरीके की है यह कहते हुए वह उसके तरफ जाती है वह रोते हुए लड़के के शरीर को पार करते हुए पत्ते इकट्ठे करने लगती है यह देखकर मीरा आश्चर्य में पड़ जाती है कि उसकी सहेली कैसे उसके आर पार हो गई। वह डर जाती है फिर वह उसकी सहेली को वहां से चलने को कहती है उसे लगता है कि वह भुत है जो उसे ही दिख रहा है ।

वह सोचती है कि वह अच्छा भूत होगा इसलिए तो उसने कुछ नहीं किया वह यह बात मन में सोचती रहती है और खोई हुई रहती है । वह यह भी सोचती रहती है वह उसे ही क्यों दिखाई दिया। फिर वे वही पहुंच जाते है जहां से उनके शिक्षक ने उन्हे भेजा था ।सभी बच्चे धीरे- धीरे एक एक करके वहां पहुंच जाते हैं ।

प्रोजेक्ट खत्म होने के बाद सभी वहां मिलकर खाना बनाते हैं फिर खाना खाकर स्कूल के लिए रवाना होते हैं स्कूल की छुट्टी होने के बाद मीरा अपनी सहेली के साथ घर वापस आ जाती है।

🌼

शाम को जब मीरा अपनी छोटी मां के साथ मिलकर सब्जी काट रही थी तब वह अपने आप में खोई हुई नजर आ रही थी तब उसकी छोटी मां उसे पूछती है कि मीरा तुम कहां खोई हुई हो ,तुम्हारा ध्यान कहां है ? तो वह कहती हैं कुछ नही छोटी मां।

परंतु उसकी छोटी मां के बार बार पूछने पर वह उनसे पूछती है कि क्या कभी इंसानों को आत्मा दिखाई देती है । उसकी छोटी मां कहती है नहीं लोगों को आत्माएं तो नहीं दिखाई देती , लेकिन मैंने सुना है कि लोगों को आत्माएं तभी दिखाई देती है जब वे दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हो य फिर किसी व्यक्ति ने उस आत्मा का बुरा किया हो या तो वह आत्मा किसी से बदला लेना चाहती हो । तभी सुरेश मीरा की छोटी मां को आवाज देता है और वह उठकर वहां से चली जाती है ।

रात को वह जब सोने जाती है उसके मन में यह विचार घूमते रहता है कि उसने तो उस आत्मा का कुछ नहीं बिगाड़ा और यदि वह आत्मा उससे बदला लेना चाहता तो वह कल ही उस पर हमला कर देता । वह सोचती है जरूर उनके बीच में कुछ जुडाव है वह भी उसी की तरह ही दिख रहा था । फिर वह यह सोचती है कि वह मेरा जुड़वा भाई तो नही (जिसके बारे में दादा ने बताया था ) यह सब कुछ सोचते हुए उसकी आंख लग जाती है।

वह रात को सपना देखती है कि वह देखती है कि वह और उसका भाई सड़क पर जा रहे हैं और अचानक एक कार उसके भाई को कुचल देता है । वह घबराकर अचानक उठकर बैठ जाती है फिर उसे रात भर नींद नहीं आती अगली रात फिर उसे वही सपना आता है जिस कारण वह बेचैन हो जाती है ।

वह अगले दिन स्कूल छोड़कर उस जगह अकेले अपने साइकिल में पहुंच जाती है और वहां फिर उस रोते हुए लड़के को देखती है । वह लड़का उसे देख कर चौक जाता है क्योंकि उसे अभी तक किसी ने नहीं देखा था उससे बात तो किसी ने की ही नहीं थी।

वह थोड़ा सहम जाता है वह उसे पूछती है कि तुम क्यों रो रहे हो । पहले वह कुछ नहीं बोलता । मीरा भी डरी हुई थी लेकिन वह अपने सपनो के कारण दम जुटाकर वहां गयी थी वो इशारे में उसे बताने की कोशिश करता है लेकिन मीरा कुछ समझ नहीं पाती जिस कारण वह भूत मीरा को छू लेता है और उसको उसकी भाषा आ जाती है यह सब जादू से होता है।

वह उसे बताता है कि उसके माता-पिता और उसका एक्सीडेंट यही हुआ था उसके माता-पिता को मुक्ति मिल गई है लेकिन उसे अब तक मुक्ति नहीं मिली शायद इसलिए क्योंकि उसे उसकी अंत का बदला लेना है एक्सीडेंट यही होने के कारण उसकी आत्मा वही फस गई है और वह वहां से कहीं और नहीं जा सकता ।

मीरा डरना छोड़कर अब उससे और सवाल पूछती है वह मीरा को बताता है कि उसकी एक्सीडेंट नहीं हुई बल्कि उसे मारा गया था जब वह पैदा हुआ था।

मीरा बोलती है जब तुम्हें मारा गया था तब तो तुम बहुत छोटे थे तुम्हें यह सब बात कैसे पता चला। तो वह सिटी बजाकर हाथी को बुलाता है, वह वहीं हाथी था जो उसके माता पिता की मौत के समय वहां खड़ा था और जिससे कार टकराने वाली थी । वह बताता है कि इस हाथी ने उसे यह सब बताया है वह बताता है कि वह उसकी भाषा समझता है और वह उससे बात भी कर सकता है वह उसका दोस्त है । मीरा थोड़ी आश्चर्य हो जाती है ।

मीरा का बात करने के बाद डर खत्म होने लगता है फिर वह लड़का उससे पूछता है कि तुम मुझे कैसे देख सकती हो मीरा कहती है मुझे नहीं पता लेकिन मेरी छोटी मां के कहने के अनुसार हम दोनों में कुछ जुडाव है उन्होंने कहा था कि हम किसी आत्मा को तब देख सकते हैं जब उनके बीच में कुछ जुडाव हो या फिर आपने आत्मा का कुछ बुरा किया हो या वह आत्मा आप से बदला लेना चाहती हो ।

मैंने तो तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ा और तुम मुझसे बदला नही लेना चाहते तो जरूर हमारे बीच में कोई जुड़ाव हो सकता है वह बताती है कि मेरे मम्मी पापा का एक्सीडेंट भी इसी जंगल में हुआ था लेकिन मुझे नहीं पता कि वह कहां हुआ था । मेरे दादा ने मुझे बताया था कि मेरा एक जुडवा भाई भी था जिसका भी एक्सीडेंट में ही मौत हो गई थी मेरा जन्म भी इस जंगल में ही हुआ था और उस एक्सीडेंट में मैं ही बची थी । वह लड़का आश्चर्य से कहता है तो तुम मेरी बहन हो ! मुझे हाथी ने बताया था कि जिन्होंने मुझे मारा था वे मेरी बहन को साथ लेकर चले गए थे । तो क्या तुम सच मे मेरे भाई हो। फिर वे दोनों बहुत खुश होते हैं और एक दूसरे को छूने की कोशिश करते हैं लेकिन वे एक दूजे को नहीं छु पाते। मीरा उसे उसके साथ चलने को कहती है ।

डाउनलोड

क्या आपको यह कहानी पसंद है? ऐप डाउनलोड करें और अपनी पढ़ाई का इतिहास रखें।
डाउनलोड

बोनस

ऐप डाउनलोड करने वाले नए उपयोगकर्ताओं को 10 अध्याय मुफ्त में पढ़ने का अवसर मिलता है

प्राप्त करें
NovelToon
एक विभिन्न दुनिया में कदम रखो!
App Store और Google Play पर MangaToon APP डाउनलोड करें