बहुत ज्यादा बेचैनी थी ...दिल में दर्द था, ख्वाहिशें थी जो पूरी नहीं हो पा रही थी , पता नहीं मैं उसे कितना चाहता था शायद जान से भी ज्यादा लेकिन शायद वह मुझे समझ नहीं पाई, वही मेरी आखरी तमन्ना थी वही मेरे शख्सियत का किस्सा थी वह मेरी जान थी जहां थी हर आरजू थी हर गुफ्तगू थी सब कुछ थी लेकिन वह रंडी थी…अब कैसे कहता कि वह क्या थी, मेरी दुनिया थी.. खैर मैं काजल के प्यार में था , मैं उससे कहना चाहता था कि मैं उससे प्यार करता हूं लेकिन शायद वह समझने को ही तैयार नहीं थी। उसे लगता था कि कोई उससे कैसे प्यार कर सकता है। वह अपने आप को उस दर्जे का समझती थी जहां से कोई वापस नहीं आ सकता, उसे मैं कैसे समझाता कि जहां वह है वहां कोई जा नहीं सकता। वो मेरे दिल में बस चुकी थी , मेरा प्यार उसके लिए बिल्कुल बेपनाह था निर्दोष निष्कलंक था। उसके लिए मेरा प्यार मेरी आंखों से ही झलकता था, मेरे दोस्तों को भी पता चल चुका था की मैं कुछ बदला बदला सा रहता हूँ , लेकिन जिसे जानना था वही इन सबसे अनजान थी ..या अनजान बनने की कोशिश कर रही थी..???खैर..जीवन की गाड़ी चल निकली थी , मेरे पास मेरा अकाउंट था जिससे मैं शेयर मार्किट में पैसा लगाने को तैयार था, लेकिन दिल मे बेहद ही डर भी था, कारण साफ था की वो पैसे मेरे नही थे ,किसी और के थे जो की खुद ही बड़ा खतरनाक आदमी है। मेरे रहते काजल धंधा नही करती थी और मैं अब अधिकतर घर में ही रहता था, वो दिन भर कुछ ना कुछ बोलती रहती लेकिन फिर मुझे अपने लेपटॉप में घुसा हुआ देखकर मुँह बना कर बाहर चली जाती । उसके यूँ रूठ कर जाने से मेरे होठों में एक मुस्कान सी फैल जाती थी। अब उसका बिस्तर ही मेरे दिन भर का ठिकाना था, मैं रात मे सोते समय बस अपने बिस्तर में जाया करता..मैं यूँ ही लेपटॉप में आँखें गड़ाए बैठा था और साथ ही पेन से कॉपी पर कुछ लिख रहा था..वो पैर पटकते हुए कमरे में आयी..उसके पैरों की पायल की आवाज जोरों से आ रही थी, वो मेरे बाजू में बैठ गई और लेपटॉप को देखने लगी जिसपर अभी एक कंपनी के शेयर की चार्ट दिख रही थी, मैंने जितना भी सीखा था उसी हिसाब से मैं अभी पेपर ट्रेडिंग किया करता था। पैसे लगाने की हिम्मत मैं अभी भी नही जुटा पाया था….हेकेनेसी केण्डलस्टिक चार्ट हर एक के बाद एक बनता जा रहा था।मार्किट लाइव चल रहा था..मैं अपनी उंगली दांतो में फसाये हुए उस 15 मिनट वाली केंडल को बनता हुआ देख रहा था..अभी भाव 230 रुपये पर था, जो कभी ऊपर जाता तो कभी नीचे, कभी केंडल हरी होती तो कभी लाल (पुराने भाव से ज्यादा होने पर केंडल हरी हो जाती है और कम होने पर लाल) ..मेरा दिमाग और गणित कह रहा था की भाव बढेगा , लेकिन फिर भी मैंने पैसे नही लगाए थे, मैं बस ध्यान से मार्किट को देखकर समझना चाहता था..“इतने ध्यान से क्या देख रहे हो ..” वो मेरे बाजू में बैठकर मेरे कंधे पर अपना सर रखकर लेपटॉप को देखने लगी“यही की ये लाइन ऊपर जाएगी की नीचे “ मैंने अपनी होशियारी बघारी ..“अरे इसमें इतना सोचना क्या है ऊपर ही जाएगी ..”मैंने आश्चर्य से पलटकर उसे देखा, उसने बड़ी ही मासूमियत से ये कहा था जैसे उसे रत्ती भर भी अपनी कही बात पर शंका नही है ..“क्या..क्यों ऊपर जाएगी ”“अरे ये तो दिख ही रहा है ना ..”मैंने अपनी आंखे बड़ी कर दी , मैं जो महीने भर से अपना दिमाग पुस्तक में खपा रहा था, हर न्यूज़ देख रहा था, इतना रिसर्च कर रहा था तब भी इसके बारे में मैं 100% कांफिडेंस नही था की भाव ऊपर जाएगा, 100 छोड़ो 50% भी कांफिडेंस नही था। लेकिन इस लड़की ने ऐसा कहा था जैसे ये मार्किट की पृरानी ज्ञाता हो ..“ओह्ह तो बताओ तो सही की क्या दिख रहा है ..”वो खुश होते हुए अच्छे से बैठ गई और उंगली स्क्रीन पर करके दिखाने लगी..“देखो पहले ये लाइन ऐसे आयी फिर यंहा से मुड़ गई फिर ऊपर गई फिर यंहा से मुड़ गई और नीचे आयी फिर यंहा से मुड़ गई अब यंहा से ऊपर जाएगी ,”मैं मुस्कुराते हुए उसे देखते रहा, काजल को ये एक खेल लग रहा था ,की ये लाइन ऐसे ही बन रही है, असल में एक एक केंडल अगर 15 मिनट की हो (इंट्राडे ट्रेडर्स अधिकतर 15 या 5 मिनट की केंडल पर ही काम करते है) तो वो 15 मिनट में उस शेयर में हुए हर खरीदी बिक्री ,लाखों लोगों के द्वारा उस शेयर के पीछे चल रही राय को दर्शाते है, वो एक निचोड़ होता है जो 15 मिनट में लाखों करोड़ों लोगों द्वारा उस शेयर में किया गया काम होता है...और ऐसे ही कई हरी और लाल रंगों की केंडल(मोमबत्ती की आकर की होती है ,इसलिए इसे केंडल कहते है) एक चार्ट बनकर तैयार होता है..और काजल को ये बस मजाक लग रहा था..उसने मेरा मुस्कुराता हुआ चहरा देखा और फिर अपनी बात पर जोर डालकर कहने लगी..“अरे देखो ना ध्यान से ये लाइन नीचे उतरी लेकिन यंहा से नीचे नही गई , फिर ऊपर गई लेकिन यंहा से फिर से नीचे, लेकिन दूसरी बार जब ये नीचे गई तो फिर उसी जगह से ऊपर गई जंहा से पहली बार गई थी,और ऊपर गई तो फिर लगभग उसी जगह से नीचे हो गई जंहा से पहली बार आयी थी, मतलब ये लाइन इससे ऊपर और इससे नीचे नही जा रही है, जैसे कोई दीवार हो जो उसे रोक रहा हो..”मैं काजल को देखता ही रह गया ,क्योकि जो उसने अभी अभी कहा था वो शेयर मार्किट के टेक्निकल भाषा में सपोर्ट और रजिस्टेंस कहलाता है, वो दो भाव जंहा से शेयर ना नीचे जा पता है ना ही ऊपर , मैं कैसे इतने इम्पोर्टेन्ट फेक्टर को भूल गया था। मैं इतना खुश हुआ की काजल के गालों में एक जोर की पप्पी ले ली ..वो हल्के से हँसी लेकिन उसे भी ये समझ नही आया की आखिर मैंने ऐसा किसलिए किया था..और मैंने अपने जीवन का पहला ट्रेड डाल दिया, मुझे कुछ संकेत मिलने लगे थे की ये शेयर ऊपर जाएगा..मैंने तुरंत ही निफ्टी की वेबसाइड से उस शेयर का ऑप्शन चार्ट निकाला, मैंने देखा की उस शेयर में लोगों की भागीदारी तेजी से बढ़ने लगी है (इसे मार्किट की भाषा में वोलेटलिटी कहते हैं) ,मैंने तुरंत ही एक काल ऑप्शन 10000 की खरीद ली (जब भाव बढ़ने वाला होता है तो लोग काल ऑप्सन और जब भाव गिरने की संभावना हो तो पुट ऑप्सन खरीदते हैं)
अगर आप लोग नही जानते तो मैं बताना चाहता हूँ की शेयर में पैसे लगाना और ऑप्सन में पैसे लगाने में बहुत फर्क होता है, शेयर का भाव अगर 1-2 परसेंट भी चढ़ा तो काल ऑप्शन का भाव 50-60 परसेंट चढ़ जाता है,वही put option का भाव वैसे ही गिर जाता है, अगर शेयर का भाव गिरता है तो उसका अपोज़िट होता है, इसलिए भाव चढ़ने पर लोग call को खरीदते है और गिरने पर put को..और इसलिए ये जितना पैसे कमा के देने के लिए मशहूर है वैसे ही लोगों को नंगा भी कर देता है.. अभी हाल में ही एक शेयर(नाम नही बताऊंगा 3-4 दिन पहले की ही बात है)ऐसे चढ़ा था की उसका call एक ही दिन में 2000% बढ़ गया था यानी जिसने उसका call खरीदा होगा उसका पैसा एक ही दिन में 20 गुना बढ़ गया..और जिसने put खरीदा होगा उसका पैसा ही डूब गया होगा..मैं सांसे रोके स्क्रीन पर देखने लगा था,“अरे क्या हुआ इतने परेशान क्यों हो गए हो ”“तेरे बोलने पर 30 हजार लगा दिया हूँ , 20 हजार उसके शेयर में और 10 हजार call में ”वो आश्चर्य से मुझे देखने लगी ..“तू कर क्या रहा है, तूने जुआ खेला है??”उसकी बात से मेरे होठों में एक मुस्कान आ गई“वही समझ ले ,लेकिन ये सोचा समझा जुआ है”अब तो उसकी भी सांसे रुक गई थी क्योकि ऐसे भी उसे कुछ समझ नही आ रहा था की मैं कर क्या रहा हूँ लेकिन उसे इतना तो समझ आ चुका था की 30 हजार फंसे हुए है…हम दोनो की नजर स्क्रीन में जम सी गई थी ..और मार्किट नीचे गिरने लगा ,मेरे माथे में पसीने की बूंदे टपकने लगी थी 2 बजकर 15 मिनट हुए थे (भारत का मार्किट 9:15 से 3:30 तक चलता है) अभी 2 घंटे थे मेरे पास ,अभी 15 मिनट ही हुए थे की हम दोनो की सांसे रुक सी गई थी, काजल को मैंने इतना तो समझा दिया था हमने 230 रुपये में खरीदा है और ये जितना ज्यादा जाएगा उतना हमे फायदा होगा और 15 मिनट में शेयर का भाव 229 हो चुका था लेकिन मैंने हिम्मत रखी अभी उसे बेचा नही ,स्क्रीन में हर सेकंड में वो पैसा बदल रहा था कभी वो 229.50 हो जाता तो कभी 229.30 तो कभी और कुछ मार्किट में ऐसे भी काम दशमलव में ही चलता है, अचानक से कुछ हुआ और भाव 225 में पहुच गया ,वो इतनी तेजी से गिरा की मुझे कुछ सोचने का मौका ही नही दिया। मैं बुरी तरह के घबरा चुका था ,मैंने तुरंत अपने call का भाव देखा वो 80% गिर चुका था मतलब की मुझे सीधे सीधे वँहा से 8 हजार का घटा हो चुका था। शेयर में हुआ घाटा अलग था, वँहा भी 1000 के लगभग का घाटा था ,मैं अपना सर पकड़ कर बैठ गया । ये मेरा पहला ट्रेड था और पहली ही बार में इतना बड़ा घाटा ..“क्या हुआ ”“लगभग 9 हजार का नुकसान हो गया है..” मेरे मुँह से अचानक निकला और मैं अपने शेयर को बेचने के लिए अपना हाथ बढ़ाने ही वाला था की ..“हे भगवान नही ”..... “ये क्या किया तुमने ??” मैं बुरी तरह से चिल्ला उठा था क्योकि काजल ने डर के मारे लेपटॉप ही बंद कर दिया था,अभी तो ये घाटा सिर्फ 9 हजार का था लेकिन अगर अभी उसे नही बेचा तो पता नही 1-2 मिनट में मार्किट और कितना नीचे गिर जाए और लेपटॉप के चालू होते तक कितना नुकसान हो जाए ..मैं सोचकर ही कांप गया था…वहीं काजल रोने लगी थी“मुझे लगा था इसे बंद कर देने से वो खत्म हो जाएगा ..”सच कहुँ मन किया की उसके कान के नीचे एक खिंच कर लगाऊं लेकिन मेरे सामने अभी शकील का खूंखार चहरा घूम गया था , मैंने तुरंत ही लेपटॉप चालू किया ..लेकिन ..जब किस्मत हो गांडू तो क्या करेगा पांडु..पता नही क्या हुआ था की लेपटॉप चालू होने के बाद भी इंटरनेट से कनेक्ट नही हो रहा था..मैं अपने आप को कोशे जा रहा था की मैंने इतनी जल्दबाजी में बिना किसी स्टॉपलॉस (स्टॉपलॉस एक तरीका है मार्किट में नुकसान से बचने का ,अगर इसे लगा दिया जाय तो गिरते मार्किट में सॉफ्टवेयर अपने आप ही शेयर को बेच देता है.. और नुकसान कम होता है..) लगाए ही क्यों ट्रेडिंग करने लगा ...लेकिन अब पछताने से होता भी क्या ....मैं इंटरनेट से कनेक्ट होने की कोशिश कर रहा था वहीं काजल का चेहरा लाल हो चुका था..लगभग 2 बजकर 50 मिनट हो चुका था, मार्किट बंद होने के करीब था , मुझे बुरी तरह नुकसान होने वाला था, मेरा मोबाइल घनघनाया …ये 5 वीं बार था लेकिन मैं उसे उठा नही रहा था, क्योकि ये उसी सीनियर का था जो पहले से मार्किट में काम करता था, वो आधे घंटे से मुझे फोन लगा रहा था लेकिन मैं अपने ही दर्द में था लेकिन फोन फिर से घनघना उठा..“इसकी माँ का अब इसे क्या हुआ ..”उसी सीनियर का फोन था ..“हैलो सर ”“अबे कहा था तू पता है ,*** कंपनी के ऊपर आज बड़ी न्यूज़ आयी है”उसने उसी कंपनी का नाम लिया था जिसे मैंने अभी खरीदा था, मैं सतर्क हो गया..“उसके CEO ने रिजाइन कर दिया ”“क्या ??”अब तो मैं पूरी तरह से ही टूट गया था, अब मुझे समझ आया की इसका प्राइस इतने तेजी से क्यों गिरने लगा था।मेरा दिल ही भर गया क्योकि अब मुझे 15 हजार तक या ज्यादा का भी घाटा हो सकता था, call वाले पैसे तो गए ही समझो ,“लेकिन जानता है कंपनी ने आधे घंटे बाद ही अनाउंसे किया की उनका अगला CEO **** होगा ..”“क्या वो मशहूर बिजनेसमैन ”“हाँ ,भाई आज जिसने भी उसका शेयर खरीदा होगा वो तो मालामाल हो गया होगा ..”सीनियर ने ऐसे कहा था जैसे काश उसके पास वो सस्ते शेयर होते जो भाव गिरने के समय लिए गए थे..मैंने तुरंत ही उनका फोन काटा और काजल की ओर देखा वो कुछ समझने की कोशिश जरूर कर रही थी लेकिन उसका चेहरा बता रहा था की उसे कुछ भी समझ नही आ रहा था। मैंने फिर से कोशिश की और इस बार इंटरनेट से लेपटॉप कनेक्ट हो चुका था और जैसे ही मैंने अपना सॉफ्टवेयर खोला मेरा मुँह खुला का खुला रह गया ,क्योकि इतने समय में शेयर का भाव 264 रुपये पहुँच चुका था मलतब लगभग 15% बढ़ चुका था, मैंने तुरंत ही call का रेट देखा मेरी आंखों से आंसू आ गए वो 400% बढ़ चुका था मतलब की मुझे 4 गुना का प्रॉफिट हो चुका था, मार्किट बंद होने में बस 15 मिनट ही बचे थे और मैं इसे दूसरे दिन के लिए रखकर रिस्क नही ले सकता था मैंने तुरंत ही उसी रेट में सभी को बेच दिया…काजल मुझे घूर रही थी उसकी आंखों में प्रश्न था और एक दो बूंद आंसू भी ,उसने आंखों से ही पूछा “क्या हुआ ”“मेरी जान 4 गुना प्रॉफिट हुआ है “मैं खुशी से उसके गले लग गया लेकिन उसके गले तक जाने से ही पहले ही मेरा चेहरा उसके चेहरे से टकराया और मैं खुशी से भरा हुआ उसके होठों में अपने होठों को मिला दिया..ये एक ही झटके में ऐसे हुआ की हम दोनों को ही समझ नही आया की कब वो एक सेकंड की गलती मिनट और फिर मिनटों में बदलने लगी थी………..
नोट-1. यंहा मैंने शेयर मार्किट के कुछ टेक्निकल शब्दों का प्रयोग किया है, अपने तरफ से आप लोगों को समझाने की पूरी कोशिश की है लेकिन अगर ना समझ आये तो मुझे माफ करें और उनके बिना ही कहानी का सार पकड़ने की कोशिश करें..
कहानी जारी है...... मिलते हैं कहानी के अगले भाग में.....
दोस्तों , अगर कहानी आप लोगों पसंद आ रही है तो... Please ज्यादा से ज्यादा rating और comment करके support कीजिये...
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