भाग - 14

दरवाजे के बाहर बनवारी था ,पहले तो वो मुझे देखकर थोड़ा डरा फिर काजल को देखने लगा..“अब बोल भी ना “काजल ने थोड़ा जोर लगा कर कहा ..“वो ….”उसने सब कुछ काजल को बताया साथ ही मैं भी सुन रहा था..“ठीक है थोड़ी देर में आती हूँ ..” वो दरवाजा बंद करके मुड़ी..और मुझे देखने लगी“जाऊँ की नही ”मैं उसे क्या कहता मुझे समझ नही आ रहा था..“नही जाएगी तो भी चल जाएगा ”उसे कोई बाहर ले जाने आया था शायद उसका कोई परमानेंट ग्राहक था ..“तुझे तेरे पैसे भी तो देने है ..”“मैंने मांगा है क्या ..??”“तूने तो नही मांगा लेकिन शकिल को क्या बोलेगा ..”“वो मैं देख लूंगा ..”वो थोड़ी देर तक चुप ही रही ..फिर पलटी ,“मैं तुझपर कोई बोझ नही डालना चाहती , 16 हजार कमा के दे दूँ तुझे तो मुझे भी चैन मिले..”उसने चेहरा दूसरी ओर किये हुए कहा और तेजी से बाहर निकल गई ..उसके जाने से मुझे एक अजीब से दर्द का अहसास हुआ , ऐसा अहसास मुझे कभी नही हुआ था, शायद यही दर्द प्यार था। वो प्यार जो मेरे दिल में उसके लिए जन्म ले रहा था। मैं भी उसके पीछे बाहर आया , नीचे दो लड़के बनवारी से बात कर रहे थे, साथ में शबनम भी थी , मैं उन लड़कों को देखकर तुरंत ही छिप गया था, मैं उस लड़के को पहचानता था ,वो आकाश था (मेरे क्लास का एक रहीश लड़का )...मैंने थोड़ी देर बाद फिर से छिपकर देखा तो आकाश और उसका कोई दोस्त काजल और शबनम के साथ जा रहे थे…मेरा दुख पहले तो थोड़ा कम ही था लेकिन अब वो और भी तेज हो गया था।

************रात हो चुकी थी जब काजल वापस आयी …मुझे देखकर मुस्कुरायी और मेरे हाथों में 5 हजार रख दिए .... “बड़े रहीस लवंडे थे साले , एक- एक को 5 हजार दिए .....मैंने भी उसे खुश कर दिया है, बोल रहा था की वो फिर से मुझे ले जाएगा …”वो खुश होकर मेरे बाजू में बैठी मैं अब भी अपनी नजर उससे नही मिला पा रहा था और अपने लेपटॉप को देख रहा था..“जानता है उसका घर कितना बड़ा था बड़ा सा बिस्तर , बहुत मखमली था नरम नरम ..” वो खुश थी की उसकी नजर मुझपर पड़ गई …“क्या हुआ तुझे ..”“कुछ नही ..”“तू मेरे जाने से खुश नही है ना ..?”“नही तो ..”“रहने दे ..मुझे पता है की तू दुखी था, लेकिन क्या करें करना तो होगा ना काम , इससे पहले की शकील को पता चले की उसका पैसा कहाँ गया , उसके पैसे इकठ्ठे हो जाने चाहिए ..2 -3 बार और ले जाएँ साले तो अपनी तो लॉटरी लग गई समझो ”उसने मेरी बांहे पकड़ी और झूल गई ..लेकिन मेरा अभी भी वही हाल था ..उसने बड़े ही प्यार से मेरे बालों में अपने हाथों से सहलाया ,“जानती हूँ तुझे दुख हुआ होगा, लेकिन करना तो पड़ेगा ना ...काम है मेरा …”पहली बार मैंने उसे नजर उठा कर देखा था , वो हल्के से मुस्कुराई और मैं रोते हुए उससे लिपट गया..ये रोना यूँ ही नही आया था। उसके जाने के बाद से ना जाने मेरे मन में क्या क्या नही चल रहा था। मुझे आज अपने गरीब होने पर इतना दुख हो रहा था जितना पहले कभी नही हुआ था। अपनी मजबूरी को मैं काजल को भी कैसे बताता की जिस लड़के के साथ वो गई थी वो मेरे ही क्लास में पढ़ने वाला एक लड़का था। मुझे छिपना पड़ा क्योकि अगर उसे ये पता चल जाता की मैं कहा रहता हूँ....तो वो कालेज में मेरा मजाक बना देता और मैं कुछ भी नही कर पाता…काजल को जाने क्या लगा की मैं क्यों रो रहा हूँ ,वो मुझे अलग अलग बातों से बहला रही थी …“देख ये मेरे साथ पहली बार तो नही हो रहा है ना,..”उसने मुझे बहलाते हुए कहा ..“ह्म्म्म”“और तू अगर इसलिए दुखी हो रहा है की वो तेरे कालेज के लड़के थे और तेरे बारे में पता चल जाएगा तो फिक्र मत कर मैंने उन्हें कुछ नही बताया ..”मैं चौक कर काजल को देखने लगा“हाँ मुझे तो पहले ही पता चल गया था जब उसने अपने कालेज का नाम बोला , वो क्या ...साहब का नाम क्या था ..हाँ आकाश ..”“लेकिन ना मैंने कुछ बताया ना ही शबनम ने कुछ कहा ”मैं आँखें फाड़े उसे देख रहा था।

“मैं इसलिए दुखी नही हो रहा हूँ , मुझे इसलिए दुख हो रहा है की मेरे होते हुए भी तुम्हे ये करना पड़ रहा है, ये मेरी ही तो मजबूरी है की तुम्हे ये करना पड़ रहा है …अगर मेरे पास पैसे होते तो मैं तुम्हे कभी ये काम करने नही देता …”

वो थोड़ी देर मुझे देखती रही फिर खिलखिला कर हँस पड़ी ..“अरे चूतिये अगर तेरे पास पैसा होता तो तू यंहा थोड़ी ना रहता, ना ही कभी मुझसे मिलता ..”वो हँसे जा रही थी लेकिन उसने मुझे एक बड़ा सबक दे दिया था, वो सच ही तो कह रही थी ,अगर मेरे पास पैसे होते तो क्या वो मुझसे मिल पाती , क्या हमारा ये रिश्ता बन पाता जो अभी था??तो क्या मैं उस कंडीसन में इसलिए दुखी होता या उस पैसे का सुख भोग पाता...शायद उस समय और पैसे की चाह करता क्योकि उस समय मेरे सामने प्रॉब्लम कुछ अलग होती …

उसकी एक ही बात से मेरे देखने का पूरा नजरिया ही बदल गया । मैं उठ खड़ा हुआ जैसे कोई करेंट का संचार मेरे पूरे बदन में हो गया हो । मैं इस अहसास को खोना नही चाहता था। ऐसा लगा जैसे जीवन की सच्चाई अचानक से मेरे सामने आ गई हो ..सब कुछ बस खेल तमाशे जैसा ही है, जो आज करोगे वही कल घूमकर मिलता है। मतलब है की इस सेकंड लिया गया एक फैसला आने वाले सालों का निर्धारण करता है ...मेरे सर में तेज दर्द हुआ। मैं किसी गहरे सोच में डूब गया था।

मैं तुरंत ही बाहर निकल गया , मैं रास्ते में चले जा रहा था।कुछ अजीब से गहरे से ख्यालात में डूबा हुआ, मानो दुनिया रुक गई हो , सब कुछ ही रुक गया हो और साथ ही मैं भी …चलते चलते ना जाने कितनी देर मुझे हो गई थी ,जब पैरों में थकावट आयी तो मैं रुका और सामने मेरे कालेज वाली चाय की टपरी थी, अभी कुछ ज्यादा चहल पहल नही थी बस होस्टल के कुछ लोग ही दिख रहे थे..मैं जाकर सिगरेट पीने लगा, आज मैंने पहली सिगरेट पी थी, इससे पहले मुझे सीनियरों द्वारा पिलाई गई थी लेकिन आज मैं सिगरेट खरीद कर पी रहा था…

लंबे लंबे कस लगा रहा था और अचानक ही उठा और सिगरेट को जोर से फेंका ..“क्या हुआ  ” दुकान मालिक मुझे देख रहा था“साले को आज मुह लगाऊंगा तो कल आदत बन जाएगा..”वो मुझे आश्चर्य से देखने लगा की मैं क्या कह रहा हूँ, मैं तेजी से दौड़ा और दौड़ता हुआ हॉस्टल पहुँच गया मैं सीधे उस सीनियर के पास पहुँचा जो शेयर मार्किट के बारे में जानते थे …“सर मेरे पास कुछ पैसे हैं और मैं इन इन कंपनी में उसे लगाना चाहता हूँ ...आप अपने अकाउंट से लगाएंगे ,जब तक मेरा डीमेट खाता नही खुल जाता …”मैं उसे एक ही सांस में बोल गया“तेरे पास इतने पैसे ??”“वो छोड़ो ,कहीं से जुगाड़ किया है दूसरे के हैं...सामने वाली पार्टी को प्रॉफिट दिखाना है , मैं आपके साथ ट्रेड करूंगा ..जंहा मैं बोलूं वही ट्रेड करना , हम साथ ही लाइव मार्किट में रहेंगे, मोबाइल से कांटेक्ट में ”उसने मुझे घुरा ..“10 परसेंट मेरा …” उसने बड़े आराम से कहा“50 परसेंट आपका , लेकिन प्रॉफिट का ,टेक्स काटने के बाद ”“तो बचेगा क्या घण्टा …”“अभी एक बड़ा भूचाल आने वाला है ,****कंपनी का शेयर नीचे जाएगा, पुट ऑप्शन में ट्रेडिंग करें तो शायद बड़ा फायदा मिलेगा ..”वो सोच में पड़ गया ..“तुझे कैसे पता की उसका शेयर नीचे जाएगा, उससे तो पूरी आयल इंड्रस्ट्री की प्राइस गिरेगी ,”“ एक्सक्टली ”“लेकिन तुझे कैसे पता ??”मैंने उन्हें थोड़ी देर पहले ही रेडियो में चल रहे एक समाचार के बारे में उन्हें बताया जो की उस टपरी में चल रहा था, वो उछल पड़े और तुरंत ही लेपटॉप खोलकर न्यूज़ देखने लगे …“साले बड़ा जल्दी सिख रहा है तू ,...लेकिन ”“लेकिन क्या सर टाइम नही है कल से भाव गिरना शुरू हो जाएगा ..”“नही वो तो है मैं ये बोल रहा हूँ की अगर तेरे पैसे मैं ही खा जाऊँ तो क्या करेगा ….”मैं जोरो से हँस पड़ा ..“क्या हुआ साले ऐसे क्यो हँस रहा है ”“सर जिसके वो पैसे है ना , वो आपका पेट फाड़कर भी पैसे निकाल लेगा, तो सोचना भी मत ..”

मैं मुस्कुराता हुआ वँहा से निकल गया था ...

कहानी जारी है...... मिलते हैं कहानी के अगले भाग में.....

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