दुश्मन प्रेमी से जुदाई का गम

पिता की मौत के बाद उसके चाचा चाची ने चालाकी से उनकी सारी जमीन जायदाद पर कब्जा कर लिया था और देवा देवा की मां के गरीब होते ही वैशाली के पिता यानी की तुम्हारे पिता ने देवा से तुम्हारी शादी करवाने से साफ इन्कार कर दिया था। रेल के मजदूरों की बस्ती में पन्ना और तुम्हारे प्रेम संबंध का पता चलने के बाद जब देवा अपने घर पहुंचा था, तो मां से तुम्हारे साथ शादी का रिश्ता टूटने की बात सुनकर पिता की अचानक मौत चाचा की चालाकी से गरीब हुआ देवा और तुम्हारी बेवफाई से बिल्कुल टूट गया था। 

प्रेम में मजबूर होकर देवा एक बार तुमसे मिलकर पूछना चाहता था कि पन्ना से शादी करोगी या मुझ से और जब तुमने देवा से कहा था कि मैं अकेली नहीं आऊंगी, पन्ना को जरूर साथ लेकर आऊंगी, तो देवा इस वजह से बहुत खुश हो गया था कि पन्ना के साथ आने से और अच्छी तरह हम तीनों में बातचीत होगी और तीनों के दिल में दबी बातें बाहर आ जाएंगी। लेकिन प्राचीन किले के पास हम तीनों की मुलाकात जिस समय हुई थी, उस समय प्राचीन किले में लुटेरे छिपे हुए थे और उन लुटेरे ने मौका देखकर हमारे ऊपर हमला कर दिया था।

पन्ना और तुमने सोचा कि देवा ने पन्ना की हत्या करवाने के लिए किराए के गुंडे बुलावा रखे हैं थे।

लेकिन पन्ना और तुम्हें प्राचीन किले से सुरक्षित निकालने के बाद देवा ने उन लुटेरों का अकेले डटकर मुकाबला किया था और कई लुटेरों को मौत के घाट भी उतार दिया था। 

अंग्रेजी सरकार के सैनिकों ने वहां आकर यह सब देखा तो वह देवा की की बहादुरी से बहुत प्रसन्न हुए और अंग्रेजी सरकार के बड़े अफसर ने देवा से उसी समय अंग्रेजी सरकार में सरकारी जल्लाद की नौकरी देने का पक्का वादा कर दिया था। पिता की मौत के बाद चाचा चाची की चालाकी से बर्बाद देवा को अपना और अपनी मां का पेट पालने के लिए रोजगार की बहुत जरूरत थी इसलिए देवा देवा से देवा जल्लाद बन गया था।” 

युग के मुख से देवा जल्लाद के लिए हमदर्दी की बातें सुनकर वैशाली का दिल तेज तेज धड़क रहा था, क्योंकि उसे महसूस हो रहा था की अपनी बात पूरी करने के बाद युग कहेगा मैं ही पूर्व जन्म में देवा जल्लाद था। 

और वैशाली की दोनों भाभियों को यह डर था कि जब वैशाली को पता चलेगा की युग ही पूर्व जन्म में देवा जल्लाद था, तो वैशाली यह दुख कैसे बर्दाश्त करेगी, क्योंकि युग जिस तरह से देवा जल्लाद के जीवन के विषय में बता रहा था, ऐसे तो कोई अपने जीवन के बारे में ही बता सकता है। इस वजह से दोनों भाभियों को यकीन हो गया था की युग ही पूर्व जन्म में देवा जल्लाद था।

और जब अपनी बात पूरी करके युग बोलता है “ तो यह था तुम्हारे सामने खड़े युग उर्फ देवा जल्लाद का 23 वर्ष का दुखों से भरा जीवन।”

युग के मुख से यह बात सुनकर वैशाली की बड़ी भाभी वैशाली को कंधे से पकड़ कर अपने सीने से लगा लेती है और छोटी भाभी वैशाली के सर पर धीरे-धीरे हाथ फेरने लगती है।

सर्दी की धूप में बड़े पहाड़ी पत्थरों पर बैठकर युग से बातें करते-करते न जाने चारों कैसे आम के पेड़ की ठंडी घनी छाया में पहुंच गए थे।

और जब ठंड से कांपती हुई, वैशाली को जब युग अपनी लेदर की ब्लैक जैकेट पहने के लिए देता है तो वैशाली युग कि ब्लैक जैकेट दूर फेंक कर बोलती है “मुझे तेरे से पहले से ज्यादा नफरत हो गई है, क्योंकि पन्ना और मेरी जान लेने के बाद अब तू मेरे जीवन के साथ-साथ मेरे भाइयों भाभियों का जीवन भी बर्बाद करने पर तुला हुआ है।”

“मैंने तुम्हारी जान नहीं ली थी बल्कि तुमने खुद हीरे की अंगूठी थोड़ी तोड़कर निगल कर आत्महत्या की थी और पन्ना को मेरे आदमियों ने मेरे कहने से बस मामूली तरीके से पीटा था और जब उसमें थोड़ी बहुत भी मार खाने की शक्ति नहीं बची थी तो मैंने पन्ना को दर्द कम करने और पूरी तरह होश में आने की जड़ी बूटी खिलाकर अपने आदमियों से कहकर खाई से नीचे पान सिंघाड़े के तालाब में फिकवा दिया था, क्योंकि पन्ना अपने और आसपास के गांव में सबसे अच्छा तैराक था, और हम दोनों की मौत के बाद भी पन्ना कम से कम पाचस बरसों तक जीवित रहा था यह सब मेरी भटकती बेचैन आत्मा ने स्वयं देखा था। 

“और वैशाली एक आखरी बात तुम्हारे गांव से जाने से पहले तुमसे विनती है, मुझे सिर्फ देवा समझना देवा जल्लाद नहीं और हां जब से यह दुनिया बनी है और रहेगी मुझसे ज्यादा तुम्हें कोई प्रेम करने वाला नहीं मिलेगा और नहीं करेगा।”

यह कहकर युग उर्फ़ देवा नदी की तरफ चला जाता है, जहां मजदूर पूल निर्माण के कार्य में लगे हुए थे।

युग उर्फ़ देवा के जाने के बाद वैशाली की छोटी भाभी बड़ी भाभी से पूछती है? “युग वैशाली के लिए कैसा रहेगा।”

“युग देवा का नया रूप है और वैशाली कभी भी देवा के साथ सुखी नहीं रह सकती, क्योंकि वह जब-जब देवा को देखेगी उसे पन्ना की याद आएगी।” बड़ी भाभी बोली 

भाभियों की आपस में बातें सुनकर वैशाली चिल्ला कर बोलती है “चुप हो जाओ मैं युग या देवा के बारे में एक भी शब्द सुनना नहीं चाहती हूं मैं प्रताप की होने वाली पत्नी हूं, इसलिए मुझे किसी से कोई लेना देना नहीं है।”

किंतु वैशाली यह भी नहीं समझ पा रही थी कि युग उर्फ़ देवा मेरे दिलो दिमाग पर इतना क्यों छा गया है। 

और रात को अपने भाइयों के साथ खाना खाते वक्त वैशाली को अपने भाइयों से पता चलता है कि युग उसकी शादी से पहले पुल निर्माण का कार्य छोड़कर अपने घर चला जाएगा, क्योंकि उसकी मां एक वर्ष से जिस लड़की से युग की शादी करवाना चाहती थी युग उस लड़की से शादी करने के लिए अब तैयार हो गया है।

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