पहली मुलाकात में लड़ाई

सुबह सिया के घर,

सिया अपने पुराने दिनों को याद करते करते कब सो गई उसे पता नही चला वो अचानक उठ जाती है , उसे कुछ आवाजे सुनाई देती है जैसे उसके अलावा भी कोई और घर में है वो खुद से बोली, " बाहर से ये कैसी आवाजे आ रही है जैसे कोई आया हो पर मैंने तो दरवाजा बंद किया था।" ये बोल वो धीरे धीरे रूम से निकलती है और चारों तरफ अपनी नजर दौड़ती है और तभी किचेन में कुछ गिरने की आवाज आती है वो पास में रखे फ्लावर बस को उठाती है और धीरे धीरे उस तरफ अपनी कदम बढ़ाती है।

किचेन में वो इंसान को भी ऐसा लगा की कोई आ रहा है वो भी किचेन से निकलता है तभी अचानक से उसके सामने सिया आ जाति है दोनो डर कर चिला पड़ते है और सिया उस आदमी के ऊपर फ्लावर बस मार देती है पर वो आदमी साइड हो जाता है। वो आदमी डर से सिया से दूर जाता है और बोला, " ये क्या कर रही हो "। सिया डर पर गुस्से से बोली, "तुम कोन हो और मेरे घर में क्या कर रहे हो कहीं तुम चोर तो नही हो न सीधे सीधे बताओ कोन हो तुम वरना मैं पुलिस के हवाले कर दूंगी तुम्हे समझे।"

वो आदमी डरते हुए बोला, " ये तुम्हारा घर कैसे हुआ इतने सालों से तो मैं यहां रेह रहा हूं।" फिर कुछ याद करते हुए वो बोला, " कहीं आप सिया बेटिया तो नही है।" सिया चौंकते हुए बोली, "आपको मेरा नाम कैसे पता है आप है कोन।" तो वो बूढ़ा आदमी बोला, " अपने हमें पहचाना नहीं बेटियां हम आपके रामू काका है आप हमें इतनी जल्दी भूल गई।" तो सिया बोली, " क्या आप सच में रामू काका है।" ये बोलते वक्त उसके आंखों में नमी आ गई और वो जा के रामू काका को गले लगा लेती है।

रामू काका उसे अलग कर के बोले , " सिया बेटिया आप जिंदा है पर आप तो साहब और मैडम के साथ ही।" , ये बोलते बोलते वो रुक गया। सिया एक उदासी के साथ बोली, " हां काका मैने जिंदा हूं उस हादसे में मम्मा पापा ने मुझे बचाने के लिए अपनी जिंदगी की कुर्बानी दे दी मैं बच तो गई पर हर दिन यही सोच कर गिल्ट में जी रही हूं की काश मैं उस दिन कुछ कर पति तो शायद वो आज हमारे साथ होते।" रामू काका ने सिया को सोफे पर बैठाया और बोला, " आपकी इसमें कोई गलती नही है बेटिया ये सब भगवान का खेल है उसके आगे हमारी कुछ नही चलती, पर सिया बेटिया आप इतने साल कहां थी घर वापस क्यों नहीं आई।"

सिया आज खुशी के मौके पर बीते दिनों को याद नहीं करना चाहती थी इसलिए उसने रामू काका से बोली, " रामू काका आप भी ना कितने सवाल करते है अभी सब जान लोगे क्या आपकी आदत गई नही है।" रामू काका को समझ आ रहा था की सिया उनसे अपनी बीते दिनों को याद नहीं करना चाहती इसलिए वो बहाना बना रही है। रामू काका ने सिया के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए बोले, " तो आज हमें हमारी सिया बेटी मिल गई इसलिए आज हम आपकी फैवरेट डिशेज बनाएंगे तो चलिए बोलिए क्या खाना पसंद करेंगी आप।" सिया बच्चों की तरह अपने जल पर उंगली रख कर बोली, " umm मुझे चोले भटूरे खाने है कितने साल हो गए आपके हाथों का बनाया हुआ चोले भटूरे नही खाए है तो आप मेरे लिए वो बना दीजिए।"

तो राम काका भी झट से मन गए और बोले, " ठीक है जैसे आपकी मर्जी मैं आपके लिए ये बना दूंगा आप जल्दी से फ्रेश हो जाइए।"

सिया वहां से चली गई, रामू काका ने किसी को कॉल कर बोला, " वो जिंदा है हमारी सिया बेटिया जिंदा है बाबा हमारी बेटिया जिंदा है और यही घर पर है।" ये बोल वो रोने लगे वही दूसरी तरफ जो शक्स था वो सुन हो गया वो कुछ नहीं बोला और फोन रख दिया। रामू काका आज बहुत खुश थे।

दूसरी तरफ आर्यन के ऑफिस में आर्यन चेयर पर बैठे एक टक सेलिंग को देख रहा था उसे देख पता नही लग रहा था की वो सोच रहा है। तभी ऑफिस का केबिन नोक होता है , आर्यन सर्द आवाज में come in बोलता है उसका असिस्टेंट आता है और बोला, " बॉस ये सारी डिटेल्स जो अपने मांगी थी।" ये बोल कर वो टेबल पर रख देता है और फिर से अपनी बात पूरी करते हुए बोला, "बॉस साम को आपकी मीटिंग है मून कैफे में।" आर्यन ने हां में सर हिलाया और असिस्टेंट को जाने का इशारा किया।

FBI का सीक्रेट बेसमेंट,

आर्य अपने जूनियर एजेंट से बोला, " राघव और उसके टीम के होश में आने से पहले उन्हे यहां से ले जाओ उन्हे इस जगह के बारे पता नही लगना चाहिए।" उसके जूनियर एजेंट समीर ने जी सर बोलकर चला गया। तभी पूर्वी का कॉल आता है आर्य कॉल स्पीकर पर रख कर बोला, " हां पूर्वी कोई न्यूज़।" पूर्वी बोली, " हां आर्यन आज मून कैफे में जाने वाला है मीटिंग के लिए।" आर्य बोला, " अच्छा किसके साथ होगा ये मालूम है तुम्हे।" पूर्वी हामी भरते हुए बोली, " हां आर्य वो मिस्टर शेट्टी है उनका बड़ा बिजनेस भी है जो अच्छा खासा चल रहा है वो आर्यन के साथ एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे है उसी की मीटिंग है आज, और हमारे एक एजेंट को मैंने आर्यन के कंपनी में भेजा है एक एम्प्लॉय बना कर।"

आर्य बोला, " ओके परफेक्ट सब उसके प्लान के अकॉर्डिंग हो रहा है पर ध्यान रखना इसके बारे में किसी को खबर नही होना चाहिए।" "हां आर्य" बोलकर वो कॉल रख देती है।

साम के 7 बजे,

मून कैफ़े… हल्की धीमी रोशनी, जज़ म्यूज़िक की सॉफ्ट ट्यून, बाहर हल्की बारिश और काँच की दीवार से दिखती झिलमिलाती सड़क।

सिया अपनी दोस्त के साथ कैफ़े में आई थी, पर दोस्त को अचानक फोन आ गया और वो बाहर निकल गई।

वो अकेली बैठी थी, तभी वेटर गलती से किसी और के ऑर्डर की ट्रे उसकी टेबल पर रख देता है। सिया हँसते हुए बोलती है—

सिया (थोड़ी शरारत में)

"Wow! इतना royal welcome? मून कैफ़े ने तो VIP समझ लिया मुझे!"

उसी वक्त सामने से कोई तेज़ कदमों से आता है और रुकता है। काली शर्ट, तीखी आँखें वो और कोई नही आर्यन था।

आर्यन (गंभीर लहजे में)

"तुम मेरी सीट पर बैठी हो। और ये मेरा ऑर्डर है।"

सिया (हैरानी से मुस्कुराकर)

"ओह, माफ़ कीजिएगा Mr. Serious... पर कुर्सी पर आपका नाम नहीं लिखा था।"

आर्यन बोला, " तुम किसी दूसरी सीट पर का कर बैठो।"

सिया बोली, " तुम भी तो जा सकते हो न दूसरी सीट पर में क्यों जाऊं।" ये बोल कर वो आर्यन को इग्नोर का काफी पीती है , आर्यन उसे घूर कर देख रहा था वो भी वहां पर बैठ जाता है और उसे घूर कर देख रहा था ये देख कर सिया बोली, " आप मुझे ऐसे क्यों घूर रहे है सरम नही आती आपको एक लड़की को ऐसे घूरते हुए।"

आर्यन सर्द आवाज में बोला, " मेरी एक जरूरी मीटिंग है तो क्या तुम यहां से जाएगी।" तो सिया बोली, " अरे बहुत जीधी है आप मैने कहा न आप दूसरी सीट पर जा कर बैठ जाइए और अपनी मीटिंग कर लीजिए और मुझे मेरी दोस्त के साथ यहां आराम से चाय पीने दीजिए वो आती ही होगी तो आप से जाइए समझे।"

तो आर्यन गुस्से से अपने असिस्टेंट को बोला, " पियूष पता लगाओ की इस लड़की की दोस्त कहां है और उसे वही से उठवा लो और कही नदी किनारे फेक दो।" ये बोलकर वो वहां से उठ कर जाने लगता है।

ये सुन कर सिया डर जाती है और उठ कर आर्यन के सामने आती है और बोली, " क्या कहा अपने आपको शर्म नही आता एक लड़की का किडनैप करवाते हुए।" तभी पियूष बोलता है , " बॉस उस लड़की को उठवा लिया है अब क्या करना है।" आर्यन कुछ बोलने वाला था पर सिया ने आर्यन का कॉलर पकड़ कर बोली, " अपने इस आदमी से कहिए की मेरी दोस्त को जाने से वरना आपके लिए ये अच्छा नहीं होगा।" सिया बोलते जा रही थी पर आर्यन की नजर तो सिया के हाथों पर था आर्यन ने सर्द और घुसा भरी आवाज से बोला, " हाथ हटाओ।" पर सिया सुन ही नही रही थी, " मैने कहा न मेरी दोस्त को जाने दो एक सीट के लिए आप मेरी दोस्त की किडनैप कर दी।",

तभी आर्यन ने झट से सिया की हाथ पकड़ कर अपनी कॉलर छुड़ा ली और गुस्से से सिया को देखने लगा। सिया आर्यन को इस तरह गुस्से में देख डर गई वो अपनी हाथ आर्यन के हाथ से छुड़ा रही थी पर आर्यन ने इतनी मजबूती से पकड़ा हुआ था की सिया को ऐसा लग रहा था जैसे उसकी हाड़ी टूट जायेगी। आर्यन गुस्से भरी आवाज में पर धीरे से बोला, " तुमने मेरी कॉलर पर हाथ डाल कर बहुत बड़ी गलती कर दी है तुमने मेरा घुसा देखा नही है अब देखो मैं क्या करता हूं तुम्हारे साथ।" ये बोलकर वो सिया को खींचते हुए ले गया और सिया हेल्प के लिए चिलाती रह गई।

Download

Like this story? Download the app to keep your reading history.
Download

Bonus

New users downloading the APP can read 10 episodes for free

Receive
NovelToon
Step Into A Different WORLD!
Download MangaToon APP on App Store and Google Play