FBI की investigation

रात का सन्नाटा… और एक खामोश इमारत।

चारों तरफ अंधेरा था, पर एक कमरे में लाइट जल रही थी।

उस कमरे के अंदर कुछ लोग लैपटॉप्स के सामने बैठे थे, फाइलें खुली थीं, और दीवार पर आर्यन मल्होत्रा की तस्वीर टंगी थी।

FBI — इंडिया डिविज़न, स्पेशल सीक्रेट ऑपरेशन रूम।

“His name is everywhere — business, ports, digital imports, even Dubai connections. But we don’t have solid proof.”

एक महिला एजेंट बोली, “His public face is clean. Rich, powerful, and ‘legally’ successful. लेकिन असली खेल उसके परदे के पीछे है। हमें चाहिए एक चूक… एक ऐसा कनेक्शन, जो इस सब को एक्सपोज़ कर दे।”

हैड एजेंट राघव ने सामने रखी फाइल उठाई।

"Code name: A.M. — The Ghost of the East."

“हम उसके पीछे के हर शेड को एक्सप्लोर करेंगे। और इस बार वो नहीं बचेगा।”

उनकी आँखों में जुनून था… और एक ऐसी आग, जो बरसों की हार से जली थी।

आर्यन के हवेली जैसे बंगले में,

रात के दो बज चुके थे, पर नींद आर्यन से कोसों दूर थी।

वो अपनी स्टडी में बैठा था, सामने एक पुरानी फोटो रखी थी , जिसमें एक बच्चा अपनी माँ के साथ मुस्कुरा रहा था।

उसे देख कर ऐसा लग रहा था जैसे वो फिर से पुराने दिनों को याद कर रहा है।

“माँ, तुम होती तो शायद मैं ये इंसान ना बनता…” वो बुदबुदाया।

आर्यन मल्होत्रा की कहानी सिर्फ माफिया की नहीं थी।

वो एक ऐसे बच्चे की कहानी थी जिसे बचपन में सिस्टम ने छीन लिया था , उसकी माँ को झूठे केस में फँसाया गया, बाप ने आत्महत्या कर ली, और 14 साल की उम्र में उसने अपना नाम और शहर दोनों छोड़ दिया था डर के वजह से नहीं अपने परिवार के साथ हुआ अन्याये का बदला लेने।

अब उसे सिर्फ दो चीज़ों पर यक़ीन था पैसा और पावर।

और वो दोनों उसने क़ायनात से छीनकर लिए थे।

उसी वक्त फोन बजा।

“Boss, हमारे Dubai वाले shipment में दिक्कत आई है। FBI ने मुंबई पोर्ट के एक एजेंट को ट्रैक किया है।”

आर्यन ने ठंडे लहजे में कहा, “Handle it. कोई भी गलती नही होना चाहिए और कोई चीज नहीं छूटना चाहिए।”

ये बोल उसने फोन काट दिया और wiskey पीते हुए

आर्यन ने अपनी गर्दन पर हाथ रब करने लगा ऐसा लग रहा था की वो अपनी गुस्से को कंट्रोल करने का कोशिश कर रहा है।

अगली सुबह,

सिया एक और नए दिन के साथ तैयार थी। वो कॉलेज के लिए रेडी हो चुकी थी उसने ब्रेकफास्ट कर कॉलेज के लिए निकल गई।

उसका मन थोड़ा सा उलझा हुआ था पिछली रात वो सपना फिर आया था। वही धुंधली छाया, वही साँसों की आवाज़।

क्लास में बैठी सिया अपने सपनो के बारे में सोच रही थी हर बार की तरह इस बार भी उसे रियल वाली फीलिंग आ रही थी मानो ये उसके साथ सच में हुआ हो।

“तू बहुत deep सोचने लगी है आजकल,” तृप्ति ने कहा।

सिया मुस्कुराई, “पता नही यार क्या हो रहा है ऐसे क्यों हो रहा है, शायद कोई कहानी बनने को तैयार।”

तृप्ति बोली, “ तुम और तुम्हारी बातें मुझे समझ नहीं आती”

सिया अपनी बैग उठाते हुए बोली, “मुझे समझना किसी की बस की बात नहीं है पहेलियों की पहेली हूं सबके समझ से बाहर हूं कब क्या कर दूं किसी को नही पता”।

“अब इसका क्या मतलब है”, तृप्ति ने अपनी आंखें रोल करते हुए पूछी।

सिया बोली, “तुम खुद ही सोच लो वैसे मैं लाइब्रेरी जा रही हूं अगर कुछ काम हो तो वही आ जाना ठीक है।”

ये बोल कर वो चली गई।

कॉलेज में उसका दिन अच्छा बीता।

लाइब्रेरी में उसने एक नई किताब पढ़ना शुरू किया “Shadows and Secrets”

और उसमें लिखी एक लाइन उसके ज़ेहन में गूँजती रही:

“सच्चाई सबसे खतरनाक होती है, जब वो मोहब्बत के पीछे छुपी हो।”

दूसरी ओर, FBI अब आर्यन के स्कूल टाइम फ्रेंड्स तक पहुँच चुकी थी।

एक पुराना दोस्त मिला जिसे बचपन में ही आर्यन ने छोड़ दिया था।

पूर्वी जो fbi officer है उसने आर्यन के दोस्त से पूछी की, “आर्यन मल्होत्रा मैंने सुना है तुम आर्यन मल्होत्रा के सबसे अच्छे दोस्त हो”

अतुल जो आर्यन का दोस्त था उसने उल्टे सवाल करते हुए बोला, “ सॉरी आप kon मैंने पहचाना नहीं”

पूर्वी ने अपनी id कार्ड दिखाते हुए बोली, “ fbi officer पूर्वी मुझे आर्यन मल्होत्रा के बारे में जानना है।”

अतुल पूर्वी को देख बोला, “ कुछ हुआ है क्या आर्यन ने कुछ किया है क्या”

पूर्वी अपनी आंखों से घूरती हुई बोली, “ जितना पूछा गया उसका जवाब दो।

आर्यन बचपन से कैसे था तुम उसके दोस्त हो तो उसे अच्छी तरह जानते होगे।”

अतुल ने जायदा बोलना ठीक नही समझा और सब बताने लगा।

“उसकी आँखों में बचपन से ही कुछ अलग था, वो रोता नहीं था… बदला लेता था। और जब उसकी माँ जेल गई, तो उसकी आँखें पूरी तरह बदल गईं उसे देख कर ऐसे लगता था जैसे वो अभी सामने वाले को मार डाले स्कूल में कॉलेज में सब बचे उसे चिढ़ने लगते थे, इन सब से वो सबसे चिढ़ने लगा था पर

अचानक वो एक दिन गायब हो गया मैंने उसे बहुत ढूंढने की कोशिश की हमारे दोस्त उसे ढूंढते रहे पर वो मिला नही।”

अतुल आर्यन का सबसे अच्छा दोस्त था वो आर्यन के बारे में बताने लगा पूर्वी अतुल की बातें रिकॉर्ड की और सारी डिटेल्स ले कर चली गई।

अब FBI को यक़ीन हो चला था आर्यन सिर्फ माफिया नहीं है, वो emotionally dead इंसान है… लेकिन अगर उसकी ज़िंदगी में कोई इमोशनल लिंक हो, तो वहीं से उसकी कमजोरी बनेगी।

और वो इमोशनल लिंक धीरे-धीरे बन रही थी सिया।

अभी तक अनजानी… अनदेखी… पर किस्मत की डोर से बंधी हुई।

रात को,

सिया छत पर बैठी थी, डायरी में एक नई कविता लिख रही थी,

“उसकी आँखों में एक तूफ़ान है,

पर वो छुपा है… जैसे रात की चुप्पी में कोई साया।

मैं नहीं जानती कौन है वो,

पर मेरे ख्वाब उसे रोज़ बुलाते हैं।”

और उस छत से बहुत दूर, एक और छत पर आर्यन खड़ा था।

शहर की रोशनी उसके सामने बिछी थी, लेकिन उसका मन किसी अंधेरे को देख रहा था।

“ये सुकून मुझे क्यों बेचैन करता है? ये उस लड़की के वजह से हो रहा है, कोन है वो?” उसने खुद से पूछा।

सिया की कलम धीरे-धीरे थम रही थी, लेकिन दिल की बेचैनी और भी तेज़ होती जा रही थी।

हर रोज़ वो एक ही सपना देख रही थी… एक परछाई, जो उसे पुकारती है… लेकिन चेहरा कभी साफ़ नहीं होता।

सिया तृप्ति को कॉल कर के बोली,

“ये क्या है तृप्ति? क्यों लगता है जैसे कुछ होने वाला है?” सिया ने पूछा।

तृप्ति मुस्कुराई, “तू न बस फालतू सोचती है। तू अपनी novels की दुनिया में खोई रहती है इसलिए तुझे ऐसा लग रहा है tu बस नोवेल पढ़ना बंद कर चल अब सो जा।”

“हाँ…” सिया ने बेमन से कहा, लेकिन उसका दिल अब भी उस अनदेखे अजनबी की तलाश में था, जो बस सपनों तक सीमित था।

दूसरी ओर… आर्यन

वो अपने कमरे में दाखिल हुआ। सामने पुरानी CCTV फुटेज्स चल रही थीं — Dubai port, Delhi deals, और कुछ लोग जिनके चेहरे बार-बार blur हो जाते थे।

“Zayan, who the hell leaked that file?” उसने गुस्से से पूछा।

ज़ायन, उसका सबसे वफादार और dangerous आदमी, तुरंत उसके सामने झुका।

“Boss, हमें शक है किसी ने अंदर से info दी है। शायद कोई नया नाम है जो FBI को लीड कर रहा है।”

आर्यन की आँखों में आग थी। “उसे ज़िंदा मत छोड़ना…”

सुबह,

सिया NGO पहुँची। वहाँ के बच्चों के चेहरों पर हँसी थी, और वो मुस्कुरा पड़ी।

“दीदी, आज आप कहानी सुनाओ!” एक बच्चा बोला।

सिया ने बच्चों को एक छोटी-सी कहानी सुनाई, लेकिन फिर वो खुद खो गई अपनी बातों में…

“कभी-कभी हम जिस रास्ते पर चल रहे होते हैं, हमें लगता है वो सीधा है…

लेकिन अचानक कोई मोड़ आता है जो हमारी पूरी ज़िंदगी बदल देता है।

कभी ये मोड़ हमें किसी से मिलवाता है… और कभी किसी को हमसे छीन लेता है।”

सभी बच्चे चुप हो गए थे, और सिया के चेहरे पर एक अजीब-सी उदासी छा गई थी।

एक बच्चे ने उसके पास जा कर उसे हग कर लिया तब जा कर दिया को होश आया और वो उस बच्चे को देख बोली, “ क्या हुआ बच्चे”।

तो उस बच्चे ने बोला, “कुछ नहीं दीदी मुझे लगा कि आप बहुत उदास हो इसलिए मैंने आपको हग कर लिया”।

सिया बस मुस्कुरा दी और बच्चों को कहानी सुनाने लगी।

उसी दिन शाम को — FBI एजेंट्स

अब FBI ने सिया की NGO को under observation रखा था क्योंकि उन्हें शक था कि शायद माफिया कोई social front का इस्तेमाल कर रहा है।

क्यों की fbi का एक जासूस ने fbi वालों को ये बताया था की आर्यन हर बार जब भी shipment होता है आर्यन इसी रास्ते से जाता है। और जब उस एरिया के फुटेज को fbi वालों ने ट्रैक किया तो उन्हे doubt होने लगा था की यहां कुछ तो गड़बड़ है।

वहां आस पास fbi के लोग थे

राघव बोला, “We’ll keep an eye on everyone. Aryan Malhotra का कोई न कोई admi तो है जो, अगर उसे पकड़ लिया तो उसके खिलाफ एक स्ट्रॉन्ग सबूत मिल जायेगा हमें।”

सबने राघव का कमांड फॉलो किया।

रात,

आर्यन की स्टडी में एक पुरानी file खुली थी एक orphanage की।

नाम था — Samar Children Home

और उसी orphanage की लिस्ट में एक नाम आर्यन की नज़र में अटक गया…

"Siya Sharma – Age: 6 (Adopted)"

उसकी आँखें चौड़ी हो गईं।

“Siya…?”

उसने तुरंत कंप्यूटर पर उसकी डिटेल्स सर्च कीं सामने आया एक फोटो।

सिया की हाल की तस्वीर।

उसके चेहरे पर अजीब-सी खामोशी थी।

“ये लड़की ये इतनी मासूम… क्यों इसके नाम पर फाइल में ब्लैक मार्क है?” उसने खुद से पूछा। वो बस तस्वीर को देखे जा रहा था पर उसे वो लड़की जैसे नही दिखी जो उसने उस दिन रात को देखा था।

इधर सिया,

वो अपनी खिड़की के पास बैठी थी, चाँद को देखती हुई।

उसकी आँखें भारी थीं, लेकिन नींद नहीं आ रही थी।

“जिससे कभी मिले ही नहीं… उसका इंतज़ार कैसा होता है?”

उसने खुद से पूछा… और फिर वही सपना आया।

पर इस बार… वो परछाई एक कदम और पास आई।

उसी वक़्त आर्यन…

उसने अपने एक आदमी को कॉल किया, “मुझे उस orphanage की पूरी जानकारी चाहिए। और इस लड़की की भी Siya Sharma. सब कुछ।”

ज़ायन बोला, “Why her, boss?”

आर्यन की आवाज़ धीमी थी… “मैने जो कहा है बस वो करो जायदा सवाल जवाब मार करो मैं तुम्हारा बॉस हूं तुम नही ।”

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