Aryan escaped again

"Zindagi mein kuch sach, khauf ke andhere mein hi chhupe hote hain..."

रात के दो बजे थे।

जहां आर्यन स्टडी रूम में काम कर रहा था। तभी उसे कॉल आया उसने कॉल उठाते हुए सर्द आवाज में बोला, “अगर कुछ काम है तो बोलो वरना अगर मेरा दिमाग खाने के लिए कॉल किए हो तो फोन रखो।”

तो दूसरी तरफ से उसका दोस्त बोला, “तुम हर बार इतने रुड हो के बात क्यों करते हो मेरे पास भी फालतू टाइम नही है मैं तो बस ये बताने के लिए कॉल किया था की fbi के कुछ लोग तुम्हारी पूरा डिटेल्स निकल रहे है वो अतुल से तुम्हारे बारे में पूछ टच कर रहे थे।”

आर्यन जो अपनी कंप्यूटर पर काम कर रहा था अचानक उसके उंगली रुक गए और बोला, “अतुल कहां है अभी पता लगाओ।”

दूसरी तरफ से अर्जुन बोला, “ ठीक है, पर उस गदर का भी पता लगा गया है जो हमारी चीज़ों को किसी और को बेच रहा था और उस आदमी का भी पता लगा गया है।”

“ठीक है मैं आ रहा हूं।” ये बोल आर्यन कॉल रख देता है।

FBI का सीक्रेट ऑपरेशन रूम।

(मुंबई से कुछ किलोमीटर दूर एक पुराना गोदाम, जिसे अंदर से हाई-टेक ऑफिस में बदला गया है।)

एक हल्की नीली रोशनी वाले कमरे में, बड़े-बड़े मॉनिटर्स पर डेटा फ्लो हो रहा था। हर जगह स्क्रीन पर बस एक ही नाम चमक रहा था — आर्यन मल्होत्रा।

आर्य, FBI एजेंट, अपनी टीम के साथ एक बड़े टेबल के चारों ओर बैठा था। एक ऐसी टीम जिसे सीक्रेटली काम करने के लिए तैयार किया गया है जिसे लीड कर रहा है एक FBI का नया हैड ऑफिसर जो फिलहाल अभी किसी के सामने नही आया उसकी पहचान ऐसे सिक्रेटली रखा गया है कि कोई हुई उस तक pohanch नही सकता। सबके सामने आर्यन की फाइल खुली थी। आर्य बोला,

"ये आदमी जितना साफ दिखता है, उतना है नहीं। उसके नेटवर्क में कुछ तो गड़बड़ चल रहा है... और हमें उसके 'ब्लैक मनी रूट' और उसके इलीगल काम तक पहुँचना ही होगा।"

एक फीमेल एजेंट बोली, "सर, आर्यन के पास एक सीक्रेट लोकेशन है जहां हाई-लेवल मीटिंग्स होती हैं। लेकिन कोई भी उस जगह तक नहीं पहुँच पाया उस लोकेशन के बारे में किसी को नही पता अगर किसी को पता चल भी गया तो तो वो अगले दिन की सूरज देख नही पाया।"

आर्य ने कहा, "तो अब हमें उसके नेटवर्क में घुसाना होगा... ये केस सिर्फ एक बिज़नेस की आड़ में चल रही है असली बिजनेस तो एक अलग क्राइम एम्पायर बनाना है, ये एक ग्लोबल खतरा बन चुका है।"

टीम में सब गंभीर हो गए। तभी स्क्रीन पर आर्यन का लाइव लोकेशन दिखने लगा।

आर्य मुस्कराया, "अब शिकार खुद अपने जल में फंसता चला जायेगा।”

शहर की सड़कों पर सन्नाटा था, लेकिन मल्होत्रा हवेली के आस-पास हद से ज्यादा सुरक्षा थी। हर कोने पर गन लिए बॉडीगार्ड्स तैनात थे। और उसी सन्नाटे को चीरता हुआ एक काला SUV बाहर निकला।

SUV के अंदर...

गाड़ी की पिछली सीट पर बैठा शख्स चुप था, मगर उसकी आंखों में गुस्से की आग साफ झलक रही थी।

वो कोई और नहीं, आर्यन मल्होत्रा था।

"बॉस, फैक्ट्री की पूरी तैयारी हो चुकी है।"

ड्राइवर ने धीमे से कहा।

आर्यन (ठंडी आवाज़ में): "आज रात उसे मिटा देना है। मुझे मेरे रास्ते में आने वाले लोग पसंद नहीं..."

गाड़ी एक पुरानी फैक्ट्री की तरफ मुड़ी।

दूसरी ओर,

FBI की टीम अपनी पोजिशन ले चुकी थी।

आर्य एक राघव को ऑर्डर देता है, “ राघव, आर्यन अपनी मेंशन से निकल चुका है उसको फॉलो करो उसे पता नही चलना चाहिए, पिछली बार की गलती इस बार नही होना चाहिए।”

राघव बोला, “ इस बार कोई गलती नही होगी।”

थोड़ी देर बाद आर्यन फैक्ट्री पोहंच चुका था। पीछे पीछे राघव और उसके टीम भी थी।

राघव (अपने वॉकी पर): "टारगेट फैक्ट्री में घुस चुका है। ऑपरेशन शुरू करो सब लोग फैल जाओ।"

इसी वक्त दूसरी ओर,

शहर के दूसरे कोने पर, अपने कमरे में सो रही सिया अचानक उसका फोन बजा।

सिया (नींद में): "उफ़्फ़, कौन है ये रात के इस टायम... हेलो?"

दूसरी तरफ से आवाज़: "सिया बेटा, तेरे अंकल की तबीयत बहुत खराब है, तुरंत घर आ जा।"

सिया घबरा गई।

बिना ज्यादा सोचे, वो उठी, अपनी hoodie पहनी और स्कूटी लेकर निकल पड़ी।

सिया (स्कूटी चलाते हुए): "भगवान जी! अंकल को कुछ मत करना... मैं आ रही हूं।"

फैक्ट्री के अंदर...

आर्यन अपनी टीम के साथ अंदर दाखिल हो चुका था।

आर्यन (गदर को देखकर): " तू मुझे धोखा देगा, लेकिन इतना सस्ता निकलेगा ये नहीं सोचा था।"

गदर (डरते हुए): "मुझे मत मारो आर्यन... मैं..मैं सब वापस कर दूंगा।"

आर्यन (ठंडी मुस्कान के साथ): "अब कुछ वापस लेने का वक्त नहीं बचा।"

जैसे ही आर्यन ने अपनी गन निकाली, अचानक फायरिंग शुरू हो गई।

राघव (चिल्लाते हुए): " रुक जाओ आर्यन ऐसी भूल बिल्कुल भी मात करना।”

आर्यन (गुस्से में): "फिर आ गया तू, राघव। इस बार बच के नहीं जाएगा।"

दोनों के बीच गोलियों की बारिश होने लगी।

राघव आर्यन को एक मुका मरते हुए बोला, “ बहुत हो गया तेरा खेल खुद को हमारे हवाले कर दे।”

आर्यन एक खतरनाक हंसी के साथ राघव को जोर दार उसके पेट पर मरते हुए खुद से दूर करता है और राघव का गला पकड़ कर बोला, “ इतनी भी जल्दी क्या है एजेंट राघव अभी तो खेल शुरू हुआ है इस खेल के छोटे छोटे बड़े बड़े खिलाड़ी का सामने आना बाकी है तब तक ये खेल ऐसे ही चलता रहेगा।”

ये बोल आर्यन राघव को दूसरी तरफ फेक देता है। और आर्यन के आदमी वहां ब्लास्ट कर के निकल जाते है।

और बाहर,,

सिया उसी रास्ते से गुजर रही थी, जहां फैक्ट्री थी।

अचानक एक तेज़ धमाके की आवाज़ हुई, और सामने से एक काला SUV निकलता दिखा।

सिया (हैरान होकर): "ये क्या था? यहां तो सब कुछ जल रहा है..."

सिया पेड़ के पीछे छुप गई और जाते हुए SUV को देख रही थी। सभी गाड़ी के जाने के बाद वो फैक्ट्री के अंदर जाति है और देखती है तो सब कुछ जल चुका था कुछ लास पड़े हुए थे। जिसे देख कर उसकी आंखें बड़ी बड़ी हो गई वो तुरंत वहां से भाग निकली पर जाते जाते उसके हाथ एक चीज लगी थी जिसे वो अपने साथ ले गई।”

FBI ऑपरेशन टीम बेस पर वापस लौट चुकी थी।

राघव और बाकी टीम घायल थे तो उन्हें बेस के हॉस्पिटल रूम में रखा गया था।

सभी लोग एक बड़े स्क्रीन की तरफ देख रहे थे, जहां एक घड़ी लगातार समय गिन रही थी।

सन्नाटा था। सबकी नजरें एक ही चीज़ पर टिकी थीं।

आर्य (धीरे से):

"बस अब आने वाला है..."

एक एजेंट:

"तय वक्त पर कॉल आएगा... पहली बार वो खुद बात करेगा।"

दूसरा एजेंट (काफी गंभीर):

"FBI का नया चीफ हेड है जिसने अभी तक अपना चेहरा तक नहीं दिखाया। सिर्फ उसकी आवाज़, उसके फैसले और अब वो खुद इस मिशन को लीड कर रहा है।"

आर्य बोला,

"Aryan Malhotra का खेल अब खत्म होगा, अगर उसका प्लान काम कर गया"

दूसरी ओर,

सिया अपने अंकल के घर पहुंच चुकी थी। दरवाज़ा खुला था।

अंदर माहौल थोड़ा अजीब सा लग रहा था।

सिया बोली,

_"अरे आंटी! इतनी रात को भी दरवाज़ा खोल कर रखते हो?”

आंटी (बदले हुए चेहरे के साथ):

_"हां बेटा... तू आने वाली थी न इसलिए..."

सिया कुछ और बोलती, उससे पहले ही कमरे का दरवाज़ा लॉक हो गया।

अंकल पीछे से आए और बोले,

"अब तुझे वही ले जाएगा जिसे बेचना है... जो दाम लगाया है, उसके लिए तू ही काफी है अब तुझे हमसे कोन बचाएगा।”

सिया हैरानी से चीखते हुए बोली,

"क्या? ये आप क्या बोल रहे है अंकल, आपने मुझे बेचने का सोचा? आप मेरे मम्मी-पापा जैसे थे!"

आंटी मुस्कुरा कर बोली,

"पैसे सब कुछ होते हैं बेटा... और अब तेरा काम है हमारी कीमत चुकाना!"

सिया जैसे-तैसे एक फूलदान से उन्हें फेक कर मारती है और दरवाज़ा खोल कर भाग निकलती है।

भागते हुए उसकी सांसें तेज़ हो रही थीं, उसके चेहरे पर आंखों में आसूं और डर होना चाहिए था पर नही उसके चेहरे पर गुस्सा भरा हुआ था जिसे देख कर कोई भी डर जाता। पता नही क्यों पर वो अब पहली वाली दिया नही लग रही थी।

सिया (भागते हुए)

"अब किसी पर भरोसा नहीं कर सकती... मुझे खुद को बचाना होगा इन लोगों से।"

FBI रूम के सीक्रेट बेस,

स्क्रीन ब्लिंक करती है... कॉल आ चुका है।

सभी एजेंट्स खड़े हो जाते हैं।

स्क्रीन पर बस एक आवाज़ आती है ठंडी, सख्त और पूरी टीम को झकझोर देने वाली।

रहस्यमयी आवाज़

"एक काम दिया गया था तुम सबको पर वो भी तुमसे नही हुआ अब जैसे जैसे मैं कहूंगा वैसे ही होगा, मैने एक नया प्लान बनाया है और मेरे प्लान के अकॉर्डिंग तुम सब काम करोगे "

सभी एक-दूसरे की तरफ हैरानी से देखते हैं।

कौन है ये इंसान, जिसकी एक आवाज़ से FBI जैसी एजेंसी भी खड़ी हो जाती है?

कॉल काट होने के बाद, स्क्रीन पर लिखा था

"इस खेल में, नकाब सिर्फ आर्यन पर नहीं... कई चेहरों पर है।”

सब ये पढ़ कर एक दूसरे को देखते है आर्य बोला, “ अब इसका क्या मतलब है और भी लोग है क्या।” ये बोल वो कन्फ्यूज लुक देता है।

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