अगले दिन सुबह रौनक पहले डेस्क पर ही बैठा था अभी तक क्लास शुरू नहीं हुई थी इसीलिए बच्चे एक दूसरे से बातें कर रहे थे लेकिन रौनक हर बार की तरह किताबों में ही घुसा हुआ था तभी एक बच्ची उसके पास आकर बैठी उसने उस बच्ची की शक्ल नहीं देखी और उससे अपने आप ही कुछ दूर हो गया। तभी उस बच्ची ने कहा ।)
बच्ची : हेलो मिस्टर खडूस !कैसे हो तुम ?
( रौनक ने हैरानी से अपनी किताबों से बाहर निकलते हुए लड़की को दिखा उसके सामने और कोई नहीं बल्कि उर्वशी बैठी थी उर्वशी को देख रौनक ने हैरानी से कहा । )
रौनक : ( हैरानी से ) तुम ! यहां पर तुम यहां पर क्या कर रही हो अपनी क्लास में जाओ ।
उर्वशी : मैं तो अपनी क्लास में ही हूं ।
रौनक : तो लगता है मैं ही गलत क्लास में आ गया।
( इतना कह कर रौनक उठने लगा तभी उर्वशी ने उसका हाथ पकड़ से बिठाते हुए कहा । )
उर्वशी : तुम सही क्लास में आए हो हम दोनों एक ही क्लास में हैं ।
रौनक : देखो मेरे साथ मजाक मत करो ।
उर्वशी : इतना बड़ा मजाक मैं क्यों करूंगी ?
रौनक : मुझे कैसे पता होगा कि तुम इतना मैं बड़ा मजाक क्यों करोगी लेकिन इस वक्त तुम मजाक ही कर रही हो है ना ?
उर्वशी : बिल्कुल नहीं ! मिस्टर खडूस में कोई मजाक नहीं कर रही ।
( रौनक ने अपने पीछे मुड़कर देखा तो 4 से 5 लड़के और लड़कियां उसके पीछे बैठे थे और उसने अपने साथ में देखा तो कुछ लड़के और लड़कियां उसके साथ भी बैठी थी तभी रौनक में हैरानी से पूछा । )
रौनक : ( हैरानी से ) यह सब तुम्हारे दोस्त है ?
उर्वशी : अब मुझे तुम्हारे साथ बैठना था लेकिन इन सबको तो अकेला नहीं छोड़ सकती थी ना ?
( रौनक ने परेशानी लहजे में उर्वशी की ओर देखते हुए कहा । )
रौनक : नहीं , तुम्हें मेरे साथ बैठने की जरूरत नहीं है। मुझ पर इतना बड़ा एहसान मत करो , तुम जा सकती हो ! उर्वशी:में एहसान क्या मुझे तुम्हारे साथ बैठने में बहुत खुशी होगी ।
( तभी उन सब बच्चों ने एक साथ कहा । )
सब : हेलो रौनक हमें तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लगा ।
( तभी रौनक ने अजीब तरीके से कहा । )
रौनक : ( अजीब तरीके से ) हां मुझे भी।
( रौनक फिर से अपनी पढ़ाई में घुस गया कुछ समय बाद। दरवाजे पर खड़े एक लड़के ने कुछ इशारा किया तभी उर्वशी ने अपने बैग से एक डब्बे को निकाल कर रौनक की तरफ करते हुए कहा । )
उर्वशी : ये कुछ मिठाई है , मैंने खुद अपने हाथों से तुम्हारे लिए बनाई है । प्लीज इस चख कर बताओ ना कैसे बनी है ?
रौनक : तुमने मेरे लिए इतनी मेहनत की इसके लिए थैंक यू लेकिन इस वक्त खाना सही नहीं होगा। मैं रिसेस में खा लूंगा ।
उर्वशी : ( नौटंकी चेहरा बनाते हुए ) मैंने तुम्हारे लिए इतनी मेहनत से बनाई है । कम से कम चख कर तो बताओ ।
( उर्वशी का ऐसा बताओ देख पहले तो रौनक ने अपना सर पकड़ लिया और उसके बाद उर्वशी की ओर देखकर मुस्कुराते हुए कहा । )
रौनक : अच्छा ठीक है।
( इतना कह कर रौनक ने डब्बा उर्वशी से ले लिया जब उसने डब्बा खोला तो उसमें कुछ लड्डू थे । रौनक ने उन लड्डुओं में से थोड़ा सा तोड़ा और दूसरी तरफ चेहरा कर अपने मुंह में पा लिया। तभी उर्वशी ने उसकी और उदासी से देखते हुए कहा । )
उर्वशी : ( उदासी से ) तुम तो लड़कियों से भी ज्यादा शर्म आते हो ।
( इतना सुनकर जब रौनक ने उर्वशी की ओर देखा तो उसकी आंखें बड़ी हो गई। उर्वशी हंसने लगी तभी वहां पर प्रोफेसर आ गए। सब बच्चों ने उन्हें खड़े होकर वेलकम किया फिर रौनक अपने चेहरे के मास्क को ठीक करने लगा और अपने मास्क के पास अपना हाथ हिलाने लगा तभी रौनक ने उर्वशी की और हैरानी से देखते हुए कहा । )
रौनक: (धीरे से ) उर्वशी तुमने इन लड्डुओं में मिर्ची मिलाई है ?
उर्वशी : ( धीरे से हंसते हुए ) हां मजा आया ?
( रौनक इधर-उधर अपनी की बोतल ढूंढने लगा तभी उर्वशी ने रौनक को एक बोतल दिखाते हुए कहा । )
उर्वशी : (धीरे से ) इसे ढूंढ रहे हो?
रौनक : ( धीरे से ) मेरी बोतल यह तुम्हारे पास कहां से आई ?
उर्वशी : ( धीरे से ) जब तुम अपनी पढ़ाई में बिजी थे तब मैंने इसे उठा लिया। उम्मीद है , तुम्हें बुरा नहीं लगा होगा ।
( तभी रौनक ने अपनी बोतल को उर्वशी से छीनने की कोशिश करते हुए कहा । )
रौनक : ( धीरे से ) मेरी बोतल मुझे वापस दो !
( तभी उर्वशी ने रौनक की बोतल उससे दूर कर ली और कहा । )
उर्वशी : (धीरे से ) तुम्हें तुम्हारी बोतल और इस मिर्ची से छुटकारा पाने का इलाज दोनों मिल जाएगा ।
रौनक : ( धीरे से ) मैं अपना चेहरा नहीं दिखा सकता। मेरी बोतल मुझे वापस दो !
( तभी उर्वशी ने रौनक की बोतल अपने दोस्तों को दे दी और कहा । )
उर्वशी : अगर तुम अपना चेहरा नहीं दिखा सकते तो मैं भी तुम्हें तुम्हारी बोतल नहीं दे सकती , अब बैठो ऐसे ही ।
( अब रौनक क्लास के बीच में तो कुछ कर ही नहीं लगता था तभी उसने अपनी मिर्ची बुलाने की कोशिश करते हुए क्लास पर ध्यान देना शुरू कर दिया, लेकिन बदकिस्मती से वह मिर्ची बहुत तेज थी इसलिए कुछ देर बाद रौनक की आंखों में से पानी निकलने लगा । रौनक ने अपना रुमाल निकाला और उसे पहुंच लिया। तभी उर्वशी ने रौनक के चेहरे की तरफ देखा। दरअसल मिर्ची के कारण रौनक की आंखें भी लाल हो चुकी थी इसलिए उर्वशी ने अपने बैग से । एक चॉकलेट निकाल कर रौनक की तरफ देते हुए कहा । )
उर्वशी : मुझे माफ करना मुझे नहीं पता था । तुम्हें मिर्ची से इतनी तकलीफ होती है ।
रौनक : ( धीरे से ) मुझे तुम पर भरोसा नहीं है । क्या पता इसमें भी तुमने मिर्ची मिला रखी हो , मुझे नहीं चाहिए ।
( उर्वशी ने अपने दोस्तों की ओर इशारा किया और उसके दोस्तों ने उसे रौनक की बोतल वापस दे दी । तभी उर्वशी ने रौनक की तरफ इसकी बोतल करते हुए कहा । )
उर्वशी : ( धीरे से ) तुम्हें मेरी दी हुई चॉकलेट पर विश्वास नहीं है , लेकिन इस बोतल पर तो है ना यह तो तुम्हारी ही बोतल है इससे पानी पी लो मुझे यह सब दिखा नहीं जा रहा ।
( रौनक ने उर्वशी से बोतल ले ली और दूसरी तरफ अपना चेहरा करके पूरी बोतल खत्म कर दी । तभी उर्वशी ने चॉकलेट देते हुए कहा । )
उर्वशी : तुम्हारे चेहरे से ही पता चल रहा है कि अभी तक तुम्हारी इमेज गई नहीं। तुम भी चॉकलेट ले लो । मैं तुम्हारे लिए ही लाई थी।
रौनक : ( धीरे से ) बिल्कुल भी नहीं मुझे तुम पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं रहा ।
( रौनक सीधा बैठ गया और लेकिन अभी भी उसकी आंखों में से पानी निकल रहा था । तभी उर्वशी ने चॉकलेट खोलते हुए अपने मुंह में पाइप और कहा । )
उर्वशी : देखो , अब तो विश्वास हो गया ना अब इसे खा लो कम से कम तुम्हारी मिर्ची तो जाएगी आई एम सो सॉरी मैंने तुम्हारे साथ ऐसा प्रैंक किया। मुझे तुम्हारे साथ ऐसा प्रैंक करना ही नहीं चाहिए था।
( रौनक ने जल्दी से उर्वशी से दो टुकड़े लिए और अपने मुंह में पा लिए तभी रौनक ने धीरे से कहा । )
रौनक : ( धीरे से ) कल तुम्हें बचाने का यह अंजाम मिला आगे से मैं कभी किसी को नहीं बचाऊंगा खासकर तुम जैसे लोगों को !
उर्वशी : ( धीरे से ) आई एम सो सॉरी रौनक वह कल तुम मुझे इग्नोर करके चले गए थे बस इसलिए लेकिन मुझे सही में नहीं पता था कि मैं तुम्हें इतना परेशान कर दूंगी।
रौनक : ( धीरे से ) तुम्हें पता होने की जरूरत नहीं होती अब मैं तुम्हारी तो क्या कभी भी किसी की मदद नहीं करूंगा ?
उर्वशी : ( धीरे से ) रौनक मेरी बात तो सुनो ।
( रौनक उर्वशी की बात सुने बगैर ही उससे दूर हो गया और अपने डेस्क पर अपना बैग रख लिया ताकि उर्वशी उसके पास में आ सके और अपनी पढ़ाई में लग गया। इसी तरह रिसेस आ गई और रौनक ने उर्वशी की तरफ देखा भी नहीं और अपनी पढ़ाई में ही लगा रहा रिसेस आने पर उर्वशी खड़ी हुई और उसने रौनक का बैग पीछे कर दिया और कहा । )
उर्वशी : तो अब तुम मुझे फिर से इग्नोर कर रहे हो ?
रौनक : ( गुस्से में ) तो अभी भी तुम चाहती हो कि मैं तुम्से प्यार से बात करूं तो ठीक है !
( रौनक ने अपने हाथ जोड़ और कहा । )
रौनक : मैं आपसे बड़ी प्यार से बात कर रहा हूं और कह रहा हूं कृपया कर मुझसे दूर हो जाइए ।
उर्वशी : रौनक तुम एक बार भी बात तो सुनो हर एक चीज के बारे में बता दूंगी ।
रौनक : ( गुस्से में ) कहने और को सुनने को कुछ बचा नहीं है समझी ?
( इतना कहकर रौनक वहां से उर्वशी के बगल से निकल गया।
क्या रौनक और उर्वशी की दोस्ती खत्म ?
क्या उनकी कहानी शुरू होते ही खतम हो जाएगी ?
क्या रौनक उर्वशी से दूर हो जाएगा ?
जानने के लिए पढ़िए " दोस्ती से प्यार तक "
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