दोस्ती से प्यार तक

दोस्ती से प्यार तक

पहले दिन की रैगिंग

( यह कहानी है तो ऐसे लोगों की जो अभी-अभी स्कूल पूरा करके कॉलेज में पहुंचे थे एक लड़का और एक लड़की दोनों की अलग-अलग खूबियां और अलग-अलग बर्ताव था लेकिन एक चीज उन दोनों में सामान्य थी दोनों ही पढ़ने में बहुत अच्छे थे । दोनों को कॉलेज में स्कॉलरशिप मिली थी जिसके कारण आज वह भारत के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज में खड़े थे । लड़की जो कि हमेशा हस्ती मुस्कुराती रहती थी , उस लड़की को हर एक से दोस्ती करना और नए-नए दोस्त बनना बहुत पसंद था उस लड़की का नाम उर्वशी था । वहीं दूसरी तरफ लड़का जो हमेशा सबसे दूर रहता था । वह एक हड्डी पहनकर रखता था । जिसकी टोपी हमेशा उसके सर पर होती थी । कोई भी उसका चेहरा नहीं देख सकता था क्योंकि हमेशा उसके सर पर टोपी और चेहरे पर काले रंग का मास्क लगा होता था । वह लड़का किसी से भी बात करना पसंद नहीं करता था । हर एक से दूरी बनाकर रखता था । अगर किसी से बात भी करते हो था तो एक हद में करता था । उस लड़के का नाम था रौनक । रौनक को हमेशा से एक सच्चे और अच्छे दोस्त की तलाश थी लेकिन उसे कभी एक सच्चा और अच्छा दोस्त नहीं मिला । वहीं उर्वशी को हर एक को अपना दोस्त बनान बहुत पसंद था । उर्वशी और रौनक आज दोनों का ही पहला दिन था । अब उर्वशी अपने स्वभाव के मुताबिक कॉलेज को देखने लगी वह बहुत खुश थी । उसे यकीन नहीं हो रहा था कि वो भारत के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल गया था उसने अपनी पहली ही क्लास में अपने कई से दोस्त बना लिए थे और उनके साथ पूरा कॉलेज घूम रही थी । रौनक भी उनकी क्लास में ही था । रौनक सबसे आगे बैठा था लेकिन अकेला बैठा था । उसके आस - पास कुछ लोग थे लेकिन वह लोग होकर भी नहीं थे । हर कोई अपनी बातों में लगा हुआ था । हर कोई एक दूसरे से मिलना चाहता था क्योंकि अब उन्हें अगले 5 साल एक साथ ही बिताने थे लेकिन रौनक अपने स्वभाव के मुताबिक केवल पढ़ाई में ही ध्यान दे रहा था । उसे कोई मतलब नहीं था कि कोई उसके बारे में क्या सोचता था । वह कोई दोस्त नहीं बनाना चाहता था  क्योंकि वह इस दुनिया को अच्छे से समझने लगा था । उसे पता था की जरूरत पड़ने पर उसका कोई साथ नहीं देगा इसलिए उसने फैसला किया था कि जब तक उसे कोई ऐसा साथी नहीं मिल जाता जो कि हमेशा उसके साथ रहे तब तक वह किसी से भी दोस्ती नहीं करेगा । बेशक वह हर एक को पहले परखता था लेकिन रौनक की नजर इतनी तेज थी कि वह हर एक को पहली नजर में ही पहचान जाता था और हैरानी की बात यह थी कि वह जिसके भी बारे में जो भी सोच रहा था वह हमेशा सही भी होता था उसकी नजर कभी भी गलत नहीं होती थी । रौनक अपनी पढ़ाई कर ही रहा था कि तभी उसके साथ में बैठा एक उसी के क्लासमेट ने उससे बात करते हुए कहा । )

यदु : मेरा नाम यदु है ! मुझे तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लगा तुम कौन ?

रौनक : मैं रौनक हूं ।

यदु : तुम मुझसे इस तरह से बात क्यों कर रहे हो ?

( दरअसल रौनक हर किसी से थोड़े रोबीले तरीके से बात करता था इसलिए यदु ने ऐसा सवाल किया तभी रौनक ने कहा । )

रौनक : मैं हर एक से इसी तरह बात करता हूं अगर तुम्हें अच्छा लगे तो बात करो वरना मत करो ?

यदु : अरे बड़े अजीब हो तुम ठीक है मुझे भी तुमसे कोई बात करने का शौक नहीं !

( इतना कहकर यदु रौनक से दूर हो गया इसी तरह पूरा कॉलेज खत्म हो गया । उर्वशी ने अपनी बहुत सी सहेलियां बना ली थी लेकिन रौनक चुपचाप अपने काम से काम रखा । कॉलेज खत्म होने के बाद रौनक ने लाइब्रेरी जाकर समय अपनी पढ़ाई को देने का फैसला किया लेकिन उस वक्त वहां पर बहुत से बच्चे थे इसलिए रौनक ने फैसला किया कि वह तभी जाएगा जब सारे बच्चे वहां से चले जाएंगे क्योंकि रौनक को अकेला रहना बहुत पसंद था । कुछ देर बाद कॉलेज पूरा खाली हो गया रौनक ने अपनी किताबे उठाई और लाइब्रेरी की तरफ बढ़ने लगा । वहीं दूसरी तरफ उर्वशी अपनी कई सहेलियों में से एक सहेली रुबीना के साथ कॉलेज का एक चक्कर मार एक क्लास रूम में बैठ गई तभी रुबीना ने बोतल दिखाते हुए कहा । )

रुबीना : मुझे बहुत प्यास लगी है मैं थोड़ा पानी लेकर आती हूं , तुम यहीं बैठो ।

उर्वशी : ठीक है !

( रुबीना क्लासरूम से बाहर पानी लेने चली गई उर्वशी वहां के क्लासरूम का मुआयना लेने लगी कुछ देर बीतने के बाद कुछ छह सात लड़के उस क्लास में आए जिस क्लास में उर्वशी मुआयना रही थी वह लड़के दरवाजे पर ही खड़े थे और वही जम गए तभी उर्वशी ने उन्हें देखते हुए कहा । )

उर्वशी : ( घबराते हुए ) माफ कीजिए दरअसल मैं तो बस देख रही थी ।

( इतना कहकर रुबीना ने अपनी किताबें उठा ली और वहां से जाने लगी लेकिन उन लड़कों ने आगे आते हुए कहा । )

लड़का एक : अरे कमाल है हम तुम्हारे सीनियर्स हैं तो तुम ऐसे बात करोगी हमसे ?

उर्वशी : ( घबराते हुए ) क्या चाहिए आपको ?

लड़का दो : तुम्हारे पास जो कुछ भी है ।

उर्वशी : ( घबराते हुए ) मेरे पास कुछ भी नहीं है ।

लड़का तीन : तो फिर अपनी यह बेकार की किताब ही दे दो!

लड़का चार : रहने दो ! रहने दो ! किताबें रहने दो !ऐसा करो नाच के दिखाओ !

उर्वशी : ( घबराते हुए ) अरे यह क्या बात हुई ? मैं तो केवल इस क्लास का मुआयना ले रही थी इसमें आप लोग इतना नाराज क्यों हो रहे हैं?

लड़का पांच : नहीं - नहीं हम लोग नाराज नहीं हो रहे हैं , हम लोग तो तुम्हें तुम्हारी सीनियर की इज्जत करना सीख रहे हैं ।

लड़का छे : अब तुम्हारा पहला दिन है तो रैगिंग करना तो बनती है ।

( उर्वशी ने डर के मारे अपने कदम पीछे लेने शुरू किया तभी लड़का एक ने आगे आते हुए कहा । )

लड़का एक : घबराने की जरूरत नहीं है तुम बस हमें नाच के दिखा दो उसके बाद हम तुम्हें जाने देंगे !

लड़का चार : अब हमारे पास समय नहीं है थोड़ा जल्दी करो !

उर्वशी : मैं तुम्हारी कंप्लेंट करूंगी रैगिंग करना कानून के हिसाब से एक जुर्म है ।लड़का तीन :तो अब तुम अपने सीनियर को बताओगे कि क्या जुर्म है और क्या नहीं !

लड़का दो : चुपचाप नाच के दिखाओ और यहां से निकल जाओ ।

लड़का छे : इसे देखकर लग नहीं रहा कि यह नाचेगी तो नहीं एक काम करते हैं इसे यहीं इसी क्लास में बंद करके चले जाते हैं , कल सुबह तक अपने आप ही इसकी अकल ठिकाने आ जाएगी ।

लड़का तीन : बिल्कुल इसे अपनी सीनियर्स की इज्जत करना आना चाहिए ।

( तभी एक गुस्से भरी आवाज सबके कानों में पड़ी । )

आवाज : रुक जाओ ! तुम्हें यह करने का हक किस ने नहीं दिया ?

( जब सब ने आवाज की दिशा में मुड़कर देखा तो एक लड़का दरवाजे की चौखट पर खड़ा था उसके पीछे से रोशनी आ रही थी इसलिए वह उसका चेहरा नहीं देख पाए तभी लड़के ने दो कदम आगे बढ़ाए तो उसका चेहरा दिखा वह और कोई नहीं रौनक था जिसके हाथों में कुछ किताबें थी । रौनक ने किताबों को रखते हुए उन लोगों से कहा । )

रौनक : तुम लोगों को किसी को परेशान करने का हक नहीं चले जाओ यहां से !

लड़का एक : तो अब तुम सिखाओगे जहां तक मुझे पता है तुम भी एक जूनियर ही हो ।

रौनक : बिल्कुल किसने कहा मैं जूनियर नहीं लेकिन तुम लोगों की अकल ठिकाने लगाने के लिए मैं अकेला ही काफी हूं चले जाओ यहां से !

लड़का तीन : अच्छा तो अपने दोस्त को बचाने आए हो तो अब देख ।

( इतना कहकर लड़के तीन उर्वशी की तरफ बढ़ने लगा उर्वशी ने घबराहट के कारण अपने कदम पीछे लिए सीढ़ियां होने के कारण उस का ध्यान नहीं गया कि अब आगे सीधी है इसके कारण उर्वशी नीचे गिर गई तभी रौनक ने एक बड़ी छलांग लगाई और उर्वशी और उस लड़के के बीच में आकर खड़ा हो गया और कहा । )

रौनक : ( गुस्से में ) यह क्या बदतमीजी है जाओ यहां से !

( रौनक की इस तरह की छलांग देख वहां पर मौजूद सारे लड़के डर गए तभी उनमें से एक लड़के ने आगे आते हुए कहा । )

लड़का तीन : तुम चाहते क्या हो यहां से यहां पर हम लोग इसकी रैगिंग कर रहे थे ।

लड़का दो : और तुम्हें बीच में आने को किसने कहा है जाओ यहां से !

उर्वशी : ( डरते हुए ) नहीं मुझे बचा लो !

( तभी लड़के छे ने आगे आते हुए कहा । )

लड़का छे : बड़े डरपोक हो तुम तुम लोगों से यह उम्मीद नहीं थी ।

( इतना कहकर उस लड़के ने उर्वशी की तरफ अपने कदम बढ़ाने शुरू कर दिए और अपना हाथ उसकी तरफ बढ़ाया था ताकी वो उससे उसकी किताब छीन सके लेकिन इससे पहले की लड़का छे उर्वशी तक पहुंच पाता रौनक ने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपने एक ही हाथ से उठाकर दूर दीवार के पास फेंक दिया लड़के छे कि यह हालत देख सारे लड़के डर गए और सब ने मिलकर लड़के छे को उठाया तभी लड़का एक ने कहा । )

लड़का एक : हम जा रहे हैं यहां से हम आगे से कोई गलत काम नहीं करेंगे बस तुम हमें माफ कर दो !

लड़का तीन : सुनो लड़की मैं तुमसे माफी मांगता हूं ।

( इतना कहकर वह सारे लड़के लड़की छे को सहारा देते हुए वहां से चले गए तभी रौनक ने पीछे मुड़कर उर्वशी की तरफ हाथ बढ़ाते हुए कहा । )

रौनक : तुम ठीक तो हो ना ?

( उर्वशी ने अपना हाथ रौनक को पकड़ा और कहा । )

उर्वशी : हां मैं ठीक हूं तुम्हारी वजह से बहुत-बहुत धन्यवाद

( उर्वशी नीचे से खड़ी हो गई तभी रौनक ने इधर-उधर देखते हुए कहा । )

रौनक : तुम इस वक्त इधर क्या कर रही हो क्या यह क्लास तुम्हारी है ?

उर्वशी : नहीं यह क्लास मेरी नहीं मैं तो बस अपनी दोस्त के साथ कॉलेज घूम रही थी और थक गए तो यहां आकर बैठ गए थे ।

रौनक : दोस्त ! कहां है तुम्हारी दोस्त ?

उर्वशी : बस आती ही होगी पानी लेने गई थी ।

(तभी रौनक ने कुछ सोचते हुए कहा । )

रोनक : क्या तुम्हारी दोस्त ने गुलाबी रंग की शर्ट पहनी थी ?

उर्वशी : हां लेकिन तुम्हें कैसे पता ?

( रौनक ने अपनी दोनों हाथ अपनी जेब में डालते हुए कहा । )

रौनक : मुझे नहीं लगता अब वो वापस आएगी ।

( इतना कहकर रौनक वहां से जाने लगा तभी उर्वशी ने उसे रोकते हुए कहा । )

उर्वशी : रुको ! तुमने ऐसा क्यों कहा कि अब वह वापस नहीं आएगी ?

( रौनक ने बिना पीछे मुड़े ही जवाब दिया । )

रौनक : क्योंकि वह तुम्हें मुसीबत में देखकर यहां से भाग गई ।

उर्वशी : क्या तुम कहना क्या चाहते हो ?

( रौनक ने अपनी आंखें फेरी और कहा । )

रौनक : बेवकूफ लड़की तुम्हें अभी भी समझ नहीं आया वो तुम्हारी सच्ची दोस्त नहीं थी इसलिए उसने तुम्हें क्लासरूम के बाहर से ही मुसीबत में देखा और भाग गई ।

उर्वशी : क्या सबूत है तुम्हारे पास कि वह भाग गई ?

रौनक : सबूत चाहिए तो दिखाता हूं ना ।

( रौनक ने अपना एक हाथ पहले डेस्क की ओर करते हुए कहा । )

रौनक : जरा वहां देखो ! वहीं पर पड़ा था ना उस लड़की का बैग वहां पर कुछ भी नहीं है उसने वहीं से अपना बैग उठाया और भाग गई मैंने अपनी आंखों से देखा बाकी तुम्हारी मर्जी तुम्हें भरोसा करना है तो करो वरना मत करो मुझे किसी के भरोसे से कोई फर्क नहीं पड़ता ।

( इतना कह कर रौनक कुछ कदम आगे बढ़ाए उर्वशी हैरानी से पहले डेस्क की और ही देख रही थी तब भी उर्वशी ने रौनक को रोकते हुए कहा । )

उर्वशी : रुको ! रुको ! अगर तुम चले गए और वह लोग वापस आ गए तो वह लोग तो क्या पूरा कॉलेज तुम्हें कभी भी परेशान नहीं करेगा तुम बस मेरा नाम ले देना।

(उर्वशी जाकर रौनक के आगे खड़ी हो गई और कहा । )

उर्वशी : मुझे तो तुम्हारा नाम भी नहीं पता और न ही तुम्हारी क्लास तो तुम मुझे उसके बारे में बताओ फिर मैं तुम्हारा नाम किसी के भी आगे ले दूंगी ।

रौनक : तुम्हें यह सब करने की जरूरत नहीं है समझी ।

उर्वशी : एक लड़की से इस तरह बात करते हैं क्या ?

रौनक : मैं हर एक से ऐसी बात करता हूं इसलिए कोई मुझसे बात नहीं करता तो बेहतर होगा तुम भी मत करो !

( इतना कहकर रौनक उर्वशी के साइड में से निकलने लगा तभी उर्वशी उसके साथ चलते हुए कहा । )

उर्वशी : अच्छा कम से कम अपना नाम तो बताते जाओ !

रौनक : मेरे नाम में कुछ नहीं रखा बेहतर होगा तुम अपने काम से काम रखो ।

( तभी रौनक ने अपनी घड़ी की ओर देखा और मन में सोचा । )

रौनक : ( मन में ) अरे नहीं मुझे जाना चाहिए ।

( इतना कहकर रौनक जल्दी से सीडीओ से नीचे उतरने लगा उर्वशी उसका पीछा कर रही थी तभी जल्दी के चक्कर में उर्वशी का पैर फिसल गया रौनक को उर्वशी कुछ दो से चार सीडीओ की दूरी पर खड़ा था । उर्वशी ने अपनी आंखें बंद कर ली और चलते हुए कहा । )

उर्वशी : ( चिल्लाते हुए ) बचाओ  !

( रौनक ने पीछे मुड़कर देखा तो उर्वशी नीचे गिरने वाली थी तभी रौनक ने उर्वशी को अपनी दोनों बाजुओं से संभाला जिसके कारण रौनक ने अपना एक पाव नीचे वाली सीढ़ी पर रख दिया लेकिन इससे पहले कि वह लोग गिर पाते रौनक ने अपने आप को और उर्वशी को संभाल लिया तभी रौनक ने कहा । )

रौनक : बेवकूफ लड़की अपनी आंखें खोलो देखो तुम बिल्कुल ठीक हो ।

( उर्वशी ने अपनी आंखें खोली और सीधी खड़ी होते हुए कहा । )

उर्वशी : मैं बेवकूफ नहीं और मेरा नाम उर्वशी है तुम्हें मुझे कोई और नाम देने की जरूरत नहीं !

रौनक : अच्छी बात है अगर तुमसे सीधा चलना भी नहीं जाता तो तुम इतनी बड़ी हिलस पहनकर क्यों आती हो।

उर्वशी : ऐसे ही  तुम लड़कों की तरह कुछ भी पहन के थोड़ी ना आ जाऊंगी ?

रौनक : कुछ भी मतलब कोई फैशन शो में आ रही हो क्या तुम जो इतना सज धज के आई हुई हो ?

( उर्वशी ने कम से कम पांच इंच लंबी हिलस और एक मिडी पहन रखी थी। उसने अपने बाल भी खुले छोड़ रखे थे जिसके कारण वह बहुत सुंदर लग रही थी लेकिन रौनक के मुंह से यह सब सुन उर्वशी ने गुस्से में कहा । )

उर्वशी : ( गुस्से में मुंह चढ़ाते हुए ) मेरे पापा भी यही कहते हैं लेकिन अब कॉलेज में आई हूं तो कुछ फैशन करना तो बनता है ना !

रौनक : तुम्हारे पापा मैं तुम्हें तुम्हारे पापा की उम्र का लगता हूं ?

उर्वशी : जिस तरह से तुम बात करते हो उस तरह से तो लगये ही हो ।

रौनक : अच्छी बात है ।

( इतना कहकर रौनक वहां से जपने लगा तभी उर्वशी ने उसका हाथ पकड़ और उसे रोकते हुए कहा । )

उर्वशी : तुमने अब तक मेरा अपना नाम नहीं बताया और ना ही यह बताया कि तुम कौन सी क्लास में हो जल्दी बताओ वरना मैं तुम्हें जान नहीं दूंगी ।

( रौनक ने उर्वशी के आगे हाथ जोड़ते हुए कहा । )

रौनक : अच्छा बाबा मैं फर्स्ट ईयर के सेक्शन डी में हूं ।

( इतना कहकर रौनक वहां से चला गया लेकिन उर्वशी वही जम गई तभी उसने होश में आते हुए कहा । )

उर्वशी : ( मन में ) फर्स्ट ईयर सेक्शन डी क्या बात है हम दोनों एक ही क्लास में है और अब तक मुझे यह खबर ही नहीं थी । कोई बात नहीं अगली बार हो जाएगी लेकिन इस बार मैं तुम्हें छोडूंगी नहीं मिस्टर खडूस इस बार मैं तुमसे पूरा बदला लूंगी मेरे से पीछा छुड़वाना इतना आसान नहीं है ।

आखिर उर्वशी क्या करने वाली है ?

ये रौनक कोन है ?

ये अपना नाम क्यों नही बता रहा था ?

आखिर इसने अपना चेहरा क्यों छुपा रखा था ?

जानने के लिए पढ़िए " दोस्त से प्यार तक "

Episodes
1 पहले दिन की रैगिंग
2 डाविड एक सुपरस्टार
3 उर्वशी की बैटामिजी
4 कल का बदला
5 शिकायत !!
6 रौनक भाग गया!
7 रौनक का टशन
8 उर्वशी की बातें
9 एक रहस्य
10 मीनाक्षी की सच्चाई !
11 नर्स का राज़ !
12 चैलेंज
13 उर्वशी की विनती
14 पार्टी
15 मीनाक्षी मिल गई!
16 उर्वशी की विनती
17 उर्वशी को डराया
18 उर्वशी की बेवकूफी
19 उर्वशी हुई अगवा
20 बिजली के झटके
21 रौनक ने की जबरदस्ती
22 उर्वशी बनी मैनेजर रीमा!
23 कविश पर फूटा गुस्सा !
24 उर्वशी की दोस्त !
25 माया का गुस्सा
26 नाकाम विनती
27 रौनक को मिली धमकी
28 क्वेश्चन पेपर चोर !
29 उर्वशी की बेइज्जती
30 मैनेजर रीमा की बेइज्जती
31 एग्जाम हुए खत्म
32 अनजान महिला
33 महिला का सच
34 कहानी का दूसरा पहलू
35 ली की बतमीजी
36 ली ने मांगी माफी
37 माया का रिश्ता
38 रीमा को मिली बेरहम सजा
39 माया और रौनक का अंजन रिश्ता !
40 माया से हुए बात
41 माया का भाई !
42 रीमा पहुंची कॉलेज
43 एक दयनीय सजा
44 रीमा की माफी
45 रीमा को मिली माफी
46 सच्चाई आई सामने
47 सजा !
48 रौनक की मस्ती
49 माया ने दी सजा !
50 मिस्टर कपूर का नया साथी
51 बहन मिली या हेड ?
52 पायल का शक
53 रौनक का नया रूप
54 मिसिज कपूर को डराया
55 पायल की सजा
56 मिल गई माफी
57 सच्चाई आई सामने
58 सारे रिश्ते तोडे
59 एक नई मुसीबत
60 एक नाकाम कोशिश
61 पायल की बतमीजी
62 डाविड को मनाना है
63 माया और पायल हुई दूर
64 एक ओर ड्रामा
65 पायल का प्यार
66 माया की विनती
67 उर्वशी ने ली डाविड की आदत
68 आ गई दिव्या मैम
69 प्यार का इज़हार!
70 पायल की सज़ा
71 एक और शरारत
72 पोपट !
73 रीमा का गुस्सा
74 रीमा की सुरक्षा
75 डाविड का आलीशान घर
76 इल्ज़ाम झूठा या सच्चा ?
77 विनीत की घिनौनी हरकत !
78 मदद या गुनाह!
79 हरि की मदद
80 मदद की भीख !
81 50 करोड़!
82 2 लाख की नकली अंगूठी !
83 पुरानी धमकी
84 रीमा की सजा
85 माया की परेशानी
86 माया का प्यार कौन ?
87 मना लिया !
88 पास्ट !
89 हरि की कमजोरी
90 रीमा का गुस्सा
91 रीमा की मां महिमा !
92 माफी !
93 जादुई काकी ? ?
94 150 लोग !
95 अनजान रिश्ते !
96 हैड चीफ कैंडिडेट :- 2
97 रीता के काबिलियत
98 सच्चा प्यार !
99 ब्रिगेंजा की नाराजगी
100 डफर डस्टबिन !
101 लड़कों की बतमीजी !
102 मां की अंगूठी
103 उर्वशी से विदाई
104 रौनक की असली पहचान
105 निकाल दिया
106 प्रथम कि मौत की सज़ा
107 डाविड का उपकार
108 शूटिंग लोकेशन
109 बार की कर्मचारी !
110 नीलामी
111 एक नई मुसीबत
112 छोटी कोशिश !
113 मौत का कोहराम!
114 रीमा का भाई
115 पुरानी यादें!
116 प्रथम की दर्दनाक सज़ा
117 ब्रिगेज़ा का डर
118 एक अंजान बच्चा
119 हेड चीफ बने कैदी
120 किश्तों के रिशते
121 माँ की वापसी
122 झड़प!
123 सलोनी की हिम्मत!
124 रीमा की उम्र !
125 माया की जानकारी
126 शशि की एंट्री !
127 सलोनी का सबसे बाद रहस्य
128 रिसेप्शनिस्ट की बातें
129 मदद की बीख !
130 एक नाकाम कोशिश !l
131 सलोनी की परीक्षा !
132 प्रीकोरशन !
133 सलोनी का प्यार ?
134 एक नई मुसीबत !
135 प्रथम का इलाज
136 माया की नाराज़गी !
137 शशान ने बचाया
138 माया की माँग !
139 मौत का नोटिस!
140 सारा की साइड!
141 रिहाई!
142 रौनक की नाकामियां !
143 उर्वशी को बचाओ प्लीज !
144 सारा की दर्दनाक सज़ा !
145 माफी !
146 उर्वशी का शक!
147 सिक्के का दूसरा पहलु
148 रूबी की उदासी
149 जीत की खुशी!
150 हरि की मेहबूबा विता!
151 माया हुई अरेस्ट!
152 रूबी फस गई !
153 घुटने टेको!
154 रीता की चोट
155 रीमा की विनती
156 पायल , ज़िद्दी लड़की!
157 बदले की तैयारी!
158 आदमी की सज़ा
159 रूबीi का फियूनसे!
160 अविनाशी की गिद्गीधहत
Episodes

Updated 160 Episodes

1
पहले दिन की रैगिंग
2
डाविड एक सुपरस्टार
3
उर्वशी की बैटामिजी
4
कल का बदला
5
शिकायत !!
6
रौनक भाग गया!
7
रौनक का टशन
8
उर्वशी की बातें
9
एक रहस्य
10
मीनाक्षी की सच्चाई !
11
नर्स का राज़ !
12
चैलेंज
13
उर्वशी की विनती
14
पार्टी
15
मीनाक्षी मिल गई!
16
उर्वशी की विनती
17
उर्वशी को डराया
18
उर्वशी की बेवकूफी
19
उर्वशी हुई अगवा
20
बिजली के झटके
21
रौनक ने की जबरदस्ती
22
उर्वशी बनी मैनेजर रीमा!
23
कविश पर फूटा गुस्सा !
24
उर्वशी की दोस्त !
25
माया का गुस्सा
26
नाकाम विनती
27
रौनक को मिली धमकी
28
क्वेश्चन पेपर चोर !
29
उर्वशी की बेइज्जती
30
मैनेजर रीमा की बेइज्जती
31
एग्जाम हुए खत्म
32
अनजान महिला
33
महिला का सच
34
कहानी का दूसरा पहलू
35
ली की बतमीजी
36
ली ने मांगी माफी
37
माया का रिश्ता
38
रीमा को मिली बेरहम सजा
39
माया और रौनक का अंजन रिश्ता !
40
माया से हुए बात
41
माया का भाई !
42
रीमा पहुंची कॉलेज
43
एक दयनीय सजा
44
रीमा की माफी
45
रीमा को मिली माफी
46
सच्चाई आई सामने
47
सजा !
48
रौनक की मस्ती
49
माया ने दी सजा !
50
मिस्टर कपूर का नया साथी
51
बहन मिली या हेड ?
52
पायल का शक
53
रौनक का नया रूप
54
मिसिज कपूर को डराया
55
पायल की सजा
56
मिल गई माफी
57
सच्चाई आई सामने
58
सारे रिश्ते तोडे
59
एक नई मुसीबत
60
एक नाकाम कोशिश
61
पायल की बतमीजी
62
डाविड को मनाना है
63
माया और पायल हुई दूर
64
एक ओर ड्रामा
65
पायल का प्यार
66
माया की विनती
67
उर्वशी ने ली डाविड की आदत
68
आ गई दिव्या मैम
69
प्यार का इज़हार!
70
पायल की सज़ा
71
एक और शरारत
72
पोपट !
73
रीमा का गुस्सा
74
रीमा की सुरक्षा
75
डाविड का आलीशान घर
76
इल्ज़ाम झूठा या सच्चा ?
77
विनीत की घिनौनी हरकत !
78
मदद या गुनाह!
79
हरि की मदद
80
मदद की भीख !
81
50 करोड़!
82
2 लाख की नकली अंगूठी !
83
पुरानी धमकी
84
रीमा की सजा
85
माया की परेशानी
86
माया का प्यार कौन ?
87
मना लिया !
88
पास्ट !
89
हरि की कमजोरी
90
रीमा का गुस्सा
91
रीमा की मां महिमा !
92
माफी !
93
जादुई काकी ? ?
94
150 लोग !
95
अनजान रिश्ते !
96
हैड चीफ कैंडिडेट :- 2
97
रीता के काबिलियत
98
सच्चा प्यार !
99
ब्रिगेंजा की नाराजगी
100
डफर डस्टबिन !
101
लड़कों की बतमीजी !
102
मां की अंगूठी
103
उर्वशी से विदाई
104
रौनक की असली पहचान
105
निकाल दिया
106
प्रथम कि मौत की सज़ा
107
डाविड का उपकार
108
शूटिंग लोकेशन
109
बार की कर्मचारी !
110
नीलामी
111
एक नई मुसीबत
112
छोटी कोशिश !
113
मौत का कोहराम!
114
रीमा का भाई
115
पुरानी यादें!
116
प्रथम की दर्दनाक सज़ा
117
ब्रिगेज़ा का डर
118
एक अंजान बच्चा
119
हेड चीफ बने कैदी
120
किश्तों के रिशते
121
माँ की वापसी
122
झड़प!
123
सलोनी की हिम्मत!
124
रीमा की उम्र !
125
माया की जानकारी
126
शशि की एंट्री !
127
सलोनी का सबसे बाद रहस्य
128
रिसेप्शनिस्ट की बातें
129
मदद की बीख !
130
एक नाकाम कोशिश !l
131
सलोनी की परीक्षा !
132
प्रीकोरशन !
133
सलोनी का प्यार ?
134
एक नई मुसीबत !
135
प्रथम का इलाज
136
माया की नाराज़गी !
137
शशान ने बचाया
138
माया की माँग !
139
मौत का नोटिस!
140
सारा की साइड!
141
रिहाई!
142
रौनक की नाकामियां !
143
उर्वशी को बचाओ प्लीज !
144
सारा की दर्दनाक सज़ा !
145
माफी !
146
उर्वशी का शक!
147
सिक्के का दूसरा पहलु
148
रूबी की उदासी
149
जीत की खुशी!
150
हरि की मेहबूबा विता!
151
माया हुई अरेस्ट!
152
रूबी फस गई !
153
घुटने टेको!
154
रीता की चोट
155
रीमा की विनती
156
पायल , ज़िद्दी लड़की!
157
बदले की तैयारी!
158
आदमी की सज़ा
159
रूबीi का फियूनसे!
160
अविनाशी की गिद्गीधहत

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