nena and advik

नैना अपने सामने खड़े शक्श को देख उसमे खो गई । उसकी नज़र ही नही हट रही थी aadvik से।

Advik खुराना ,  उम्र 27 साल ।  हाइट 6 फीट , रंग गेहुंआ, दिखने में बहुत हैंडसम डैशिंग लग रहा था। उसने ब्लैक कलर की शर्ट पैंट पहनी थी। साथ में कैमल कलर का ओवरकोट। हाथ में एंटीक वॉच। वो दिखने में क्लासी लग रहा था।

नैना का कुछ रिएक्ट ना पाकर advik ने नैना के सामने चुटकी बजाई।

" कहा खो गई ब्यूटीफुल" कहते हुए advik ने नैना से  handshake किया। जिसे नैना होश में आई । Advik के टच से नैना सिहर उठी।

नैना को अपनी लाइफ में पहली बार कुछ अलग फील हुआ। जिससे उसके चेहरे पर स्माइल आ गई । स्माइल करते वक्त उसके  पिंक लिप्स बहुत ही खूबसूरत लग रहे थे।

वैसे कहर तो नैना भी ढा रही थी। उसने व्हाइट शर्ट , ब्लू जींस, ऊपर से ब्लैक ओवरकोट पहना था। बालों का  मैसी बन बनाया था । जिससे उसके  चेहरे पर लटाए आ रही थी।

"कहीं नहीं , अ आप इस शहर में अजनबी है किया? आपको आज तक इस शहर में नही देखा" नैना ने बात को पलटते हुए कहा।

"हां,मुझे घूमने का शौक है, और इस जगह के बारे में सुना था । तो बस चला आया  यहां की खूसूरती देखने"

Advik ने कहा

" पर यहां आकर देखा तो यहां के लोग , इस शहर से  ज्यादा खूबसूरत है" कहता हुआ advik नैना के करीब आया और चेहरे पर आ रहे बालों को कान के पीछे किया।

Advik को इतने करीब आते देख नैना के दिल की धड़कन बढ़ गई।

नैना ने जैसे तैसे खुद को सम्हाला।  और advik को thanks बोला की उसकी पेंटिंग उसे पसंद आई।

Advik कुछ कहता उससे पहले उसका फोन बजने लगा। उसने कॉल पिक किया। फिर बात कर उसने कॉल कट कर दिया।

" सॉरी मिस नैना, I have to go, but I hope we meet soon" कहते हुए advik ने आंखो पर ब्लैक गोगल्स पहने और गाड़ी की तरफ जाने लगा।

नैना ने कुछ बोला नहीं । उसने सिर्फ मुश्कुराकर अपना सिर हिला दिया। उसकी नज़र  अभी भी advik को देख रही थी।

ड्राइवर ने  जल्दी से आकर पेंटिंग को गाड़ी की डिक्की में रखा। और advik के लिए गेट खोला। फिर ड्राइवर ने गाड़ी स्टार्ट कर दी।  और इसी के गाड़ी वहा से चली गई।

नैना की नजर अभी भी वही थी जहां से थोड़ी देर पहले advik की गाड़ी निकली थी।

कुछ 5 मीन बाद

नैना मुड़कर दुबारा स्टूडियो जाने लगी । तो उसने देखा सामने श्रुति अपने दोनो हाथ बांधे खड़ी थी।  जिसे देख नैना ने अपना सिर हिला दिया और उसके पास गई।

" किया हुआ ऐसे क्यों घूर रही है" नैना ने श्रुति से पूछा

" वो छोड़ ये बता किया खिचड़ी पक रही थी । हम्मम" श्रुति ने आंखे छोटी करते हुए नैना से पूछा

"अरे कुछ खास नहीं"

खास नहीं , बेटा तेरी शक्ल बता रही । तेरी उससे नजर  नहीं हट रही थी। और पागलों की तरह मुश्कुराये जा रही थी"

"किया, सच में, मैं पागलों की तरह स्माइल कर रही थी। वो किया सोच रहा होगा"

" Ohh madam को कब से फिक्र होने लगी। कहते हुए श्रुति नैना को छेड़ने लगी।

कुछ देर बाद आर्ट एग्जीबिशन खत्म हो गया। श्रुति और नैना भी वहां से चली गई।

रात का वक्त,

नैना का घर,

जब से आर्ट एग्जीबिशन में नैना और advik को बात करते हुए श्रुति ने देखा था। तब से वो  नैना को परेशान करे जा रही थी।

"चल ये तो बता दे नाम है किया उसका " श्रुति ने फिर से नैना को परेशान करना शुरू कर दिया । और उससे अधिक के बारे में पूछने लगी।

" Advik खुराना , अब मेरा दिमाग मत खा तू " कहते हुए नैना ने उसके मुंह पर कुशन फेका। और मुंह फुलाकर सोफे पर बैठ गई ।

जिससे श्रुति बच गई । और उसके पास आ कर बैठते हुए बोली" तुझे केसा लगा , मुझे तो बेकार लगा? कहते हुए श्रुति नैना को देखने लगी।

"श्रुति यार , रोजी आंटी देखो ना ये मुझे कब से छेड़ रही है।" नैना ने रोनी शक्ल बनाते हुए रोजी से बोला । जो उन दोनो की बातो को सुन रही थी।

"ओह बस करो श्रुति बेबी । चलो डिनर कर लो" कहते हुए रोजी ने उन्हें डाइनिंग टेबल की तरफ इशारा किया।

ऐसे ही हंसी मजाक करते सब ने डिनर किया। श्रुति अपने घर चली गई। उसका घर थोड़ी ही दूर था।

ना जाने क्यों जब से आज नैना advik से मिली थी। उसकी आंखों से नींद कोसों दूर चली गई। नैना इस वक्त बाहर झूले में बैठी थी। ठंडी हवाएं चल रही थी। पर नैना को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। उसकी नजरों के सामने आज बार बार advik का चेहरा आ रहा था।

Advik के बारे में सोचते सोचते कब नैना की आंख लग गई उसे पता ही नही चला।

अगली सुबह,

सूरज की पहली किरण नैना के सुंदर से चेहरे पर पड़ी। जिससे वो कसमसाते हुए उठी।

" मैं आज बाहर ही सो गई "  कहते हुए नैना ने अंगड़ाई ली।

फिर "आ छू  आ छू "करके नैना झींकने लगी।

"नैना बेबी आपको कितनी बार बोला है की बाहर मत सोया  करो देखो ना लग गया  जुकाम " कहते हुए रोजी आई

उसके पास बैठते हुए ,  उसने नैना के हाथ में एक कप रख दिया ।

जिसे नैना ने कन्फ्यूजन से देखा। फिर जैसे ही उसने कप से सिप लिया । ।

ईईईऊऊऊ "। कहते हुए नैना का मुंह बन गया।

"किया रोजी आंटी आपने मुझे फिर से ये चूहे मारने वाली दवाई पी ला दी"

"बेबी ये  काढ़ा है , चूहे मारने वाली दवाई नहीं ।

" Whatever" कहते हुए नैना ने काढ़ा पिया और फ्रेश होने वाशरूम चली गई।

कुछ देर बाद त्यार होकर वो अपने कमरे से बाहर आई ।फिर  उसने रोजी एंटी को बाय बोला । और श्रुति के साथ  कॉलेज के लिए चली गई।

कालेज में,

क्लास अटेंड करने का बाद श्रुति और नैना कैंटीन में बैठे बातें कर रहे थे।

की तभी श्रुति को उसके पापा का फोन आया।

" Ok dad में आजाऊंगी" कहते हुए श्रुति ने अपना फोन साइड में रख दिया।

"नैना तू आज खुद  घर चली जाना। मुझे डैड के ऑफिस जाना पड़ेगा । उन्होंने मुझे बुलाया है।" श्रुति ने नैना से कहा

"Ok , no problem " नैना ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया । फिर दोनो  वापिस अपनी क्लासेज लेने चली गई।

शाम का वक्त,

श्रुति अपने डैड के ऑफिस चली गई।  और नैना स्कूटी लेकर  अपने घर के लिए चली गई।

जिसे ही नैना मेन रोड क्रॉस रही थी की तभी उसकी चीख निकल गई । और धड़ाम की तेज आवाज आई।

अब किया होगा आगे

जानने के लिए पढ़ते रहिए pain in love

 

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