MY LITTLE SPACE (About Author)

MY LITTLE SPACE (About Author)

WHY I WRITE! // MY GRANDMOTHER

I write when my heart gets too heavy to hold

I write about my scars new or old

I write when I have a lot to share

But to hear it out, No one has time to spare

I write when I feel as lonely as one could be

When no tears, but a well-dressed and smile is what one could see

I write when thoughts in my mind begins to sink

I write to share whatever I think

I write not to be desire of being known

but to know the voice within my soul....

Ritika Jain

awww such a beautiful poem I've read in my life 😩🤌

here I'm writing something for my late grandfather..I just miss him so much 😔

it's in hindi..soon write in English too...

आज बहुत थक गई थी और कम नंबर आने के कारण दुखी थी। समझ नहीं आ रहा था की क्या करूं और क्या नहीं।जैसे ही घर में घुसी एक मीठी सी मुस्कराहट ने मेरा सारा मूड ठीक कर दिया। "अरे बेगम देख कौन आया है, आजा आजा बेटा"। उन्होंने अपने दोनो हाथों को फैलाया और मुझे गले से लगा लिया। उनकी प्यारी सी मुस्कराहट, आशीर्वाद के लिए उठता हाथ और मेरे घर आने के कारण उनकी आखों में आई एक अनोखी चमक, मानो मैं सारे दुख दर्द भूल गई और उनके पैर पर सिर रखकर लेट गई। उन्होंने अपना हाथ मेरे सिर पर फिराया और बोले "मेरो बेटा मेरो बेटू मेरी गुड़िया" मैंने मुस्कराकर उन्हें देखा उनकी उम्र के साथ आई चहरे पर झुर्रियां, सफेद बाल और मन को शांति देने वाले मीठे से बोल मानो मुझे अब और जिंदगी में कुछ नही चाहिए। "क्या हुआ क्यों दुखी होती है,आज अच्छा नही गया तो क्या हुआ फिर से खड़े होकर फिर कोशिश करेंगे क्यों बरखुरदार?" पहले तो मैं चौंक गई कि बिना कुछ बताए दादाजी को पता कैसे चला फिर मैंने मुस्कराकर सर हां मैं हिलाया। उन्होंने हंसते मेरे सर पर हाथ रखा और बोले "तू मेरा शेर बेटा है और शेरों के मुंह किसने धोए" मैंने बोला"शिकारी ने " इस बात पर हम दोनों ठहाके मारकर हंसने लगे। मेरा मेरे दादाजी से बहुत लगाव था। हम ऐसे ही रोज हंसते और वो अपने समय की बहुत सारी कहानियां सुनाते। पर समय बहुत तेज़ चलता है इस बात का पता मुझे आज समझ आया। आज जब मैं घर में गई तो पूरा परिवार रो रहा था ।अपने समय में शेर के नाम से जाने जाने वाले आज ज़मीन पर लेटे थे। आज उनके चेहरे पर अजीब सी शांति थी। सफेद कपड़े में लिपटे हुए,आखें बंद थीं।मेरे पैर कांप रहे थे और दिल में एक अजीब सा दर्द मेहसूस हो रहा था समझ नहीं आ रहा था कि ये सपना है या सच । आखों में आंसू जैसे रुकने का नाम ही न ले रहे हों। मेरी अम्मा जी के हाथों से टूटी चूड़ियां ज़मीन पर गिरी थीं और वो बस रोए जा रही थीं। उनके जाने के बाद पूरा परिवार टूट-सा गया। सब उन्हें याद करते और एक कोने में जाकर रोते ताकि अम्मा जी को और दुःख ना हो। आज शाम को जब मैं घर में गई तो आज कोई नहीं था गले से लगाने वाला। आज कोई नहीं था मेरा बेसब्री से इंतज़ार करने वाला। आज कोई नहीं था अपने समय की कहानियां सुनाने वाला।आज कोई नहीं था मुझसे ये पूंछने वाला कि बेटा तू कैसी है।याद आती है उनकी प्यारी सी मुस्कराहट की, उनके प्यार की, उनके आशीर्वाद की,मुझे याद आती है उनकी। वो जहां भीं हों बस खुश हों और उनका आशीर्वाद हम पर बना रहे। इस लेख के माध्यम से में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहती हूं और कहना चाहती हूं कि दादाजी मुझे आपकी बहुत याद आती है, आपकी जगह मेरे दिल मैं कोई नहीं ले सकता। आपका बहुत बहुत धन्यवाद हर चीज़ के लिए।

अपने समय के शेर के नाम से जानें जाने वाले मेरे दादा जी (ठा. जंगबहादुर सिंह) का स्वर्गवास 25/10/2023 दिन बुधवार को हो गया।

बड़े बुजुर्ग जैसे भी हों बस सही सलामत बैठे रहें उनसे घर भरा भरा रहता है, वरना घर में कुछ नहीं दिखाई देता।...

I love you soo much dadaji 😭❣️

-yooni~

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Comments

🅓🅐🅨

🅓🅐🅨

if it is cut off make it.. make it vertical from the setting ✨

2024-07-25

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