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The Secret Bride Of a Mafia

City of Lion

शहर की सबसे ऊँची बिल्डिंग – Malhotra Empire – की टॉप फ्लोर पर खड़ा एक शख्स अपने शहर को वैसे देख रहा था, जैसे किसी बादशाह ने अपनी सल्तनत को देखा हो।

उसके पीछे कांच की दीवारें, सामने चमकती लाइट्स, और उसके हाथ में एक ग्लास — whiskey हल्के-हल्के हिल रही थी, पर उसके चेहरे पर एक भी लहर नहीं।

आर्यन मल्होत्रा — नाम ही काफी था।

एक ऐसा नाम, जो बिज़नेस वर्ल्ड के टॉप लिस्ट में आता था।

एक ऐसा चेहरा, जो हर अखबार के फ्रंट पेज पर छपता था।

लेकिन उसकी असली कहानी? वो सिर्फ कुछ गिने-चुने लोग जानते थे… और वो सब या तो उसकी टीम में थे, या ज़मीन के नीचे।

“Shipment कहाँ पहुँचा?” उसकी आवाज़ साइलेंस तोड़ते हुए कमरे में गूंजती है।

फोन के दूसरे छोर से जवाब आता है, “Boss, Dubai से माल रवाना हो गया है। पर FBI की नज़र तेज़ है।”

आर्यन की आँखों में कोई डर नहीं झलकता। सिर्फ एक ठंडी मुस्कान, “तेज़ है… तो टूटेगा भी जल्दी।”

उसी वक़्त

एक सुनसान बिल्डिंग की छत पर, एक शख्स कैमरा सेट कर रहा था। दूर से आर्यन की मूवमेंट्स रिकॉर्ड हो रही थीं।

“Target in visual. Malhotra is in the building,” उसने अपने वायरलेस में कहा।

एक फीमेल वॉइस जवाब देती है, “Maintain the distance, Agent 47. हमें सबूत चाहिए, अंदाज़ा नहीं।”

FBI की टीम पिछले चार महीने से आर्यन पर नज़र रख रही थी।

डील्स, बिज़नेस ट्रांजेक्शन्स, अंडरवर्ल्ड कनेक्शन — सब कुछ एक फाइल में जमा किया जा रहा था। लेकिन वो चालाक था। उसका हर क़दम ऐसा था, जैसे शतरंज का मास्टर हो… और सामने वाला सिर्फ प्यादा।

दूसरी तरफ

रंग-बिरंगे बैलून, कैंटीन की आवाज़ें, और कॉलेज के गलियारे…

वहाँ एक लड़की अपने दोस्तों के साथ हँस रही थी — उसकी हँसी में ऐसी मासूमियत थी, जैसे ज़िंदगी ने अभी उसे छुआ तक न हो।

सिया वर्मा — सोशल वर्क की स्टूडेंट, दिल से सीधी-सादी और दुनिया की चालाकियों से दूर।

“अरे सिया! तूने आज फिर अपनी चप्पल उल्टी पहन ली!” एक दोस्त ने चिढ़ाया।

सिया हँसते हुए बोली, “कम से कम पहन तो ली! तुम लोग तो आज लेट ही हो!”

उसकी आँखों में कुछ अलग था — न सपने बहुत बड़े थे, न ख्वाहिशें भारी।

बस छोटी-छोटी चीज़ों में वो खुश रहना जानती थी।

उसे क्या पता था… कि उसकी सीधी-सादी दुनिया जल्द ही टकराने वाली है एक ऐसे तूफान से… जो उसकी ज़िंदगी की दिशा ही बदल देगा।

रात को

आर्यन अपनी गाड़ी में बैठकर किसी सीक्रेट लोकेशन की ओर निकला। उसके बॉडीगार्ड्स पीछे-पीछे।

FBI की टीम भी तैयार थी — एक छोटी सी गलती, और रेड की योजना थी।

लेकिन आर्यन को सब पता था। उसकी दुनिया में कोई उसकी मर्ज़ी के बिना साँस तक नहीं ले सकता था।

उसने अचानक अपनी गाड़ी रोक दी।

पीछे खड़ी surveillance वैन में बैठे एजेंट चौंक गए।

“Why did he stop? Did he sense us?”

“Maintain silence… don’t move…”

आर्यन उतरा, पीछे मुड़ा, और अपनी ठंडी आँखों से अंधेरे में देखा। मानो अंधेरे से भी बातें कर लेता हो।

उसकी आवाज़ धीमी लेकिन तेज़ थी, “अगर पीछा करोगे… तो खेल खत्म कर दूँगा।”

अगली सुबह,

सिया कैंटीन की खिड़की के पास बैठी थी, हाथ में कॉफी और सामने खुली हुई डायरी।

वो कुछ लिख रही थी — अपनी ही दुनिया में गुम।

शब्द उसके दिल से निकलकर पन्नों पर उतर रहे थे — बिल्कुल वैसे ही जैसे वो महसूस करती थी, बेझिझक, सच्चे।

“कभी-कभी लगता है, ज़िंदगी एक शांत समुंदर है…

लेकिन कब उसमें कोई तूफान आ जाए, पता ही नहीं चलता।”

वहीं दूसरी तरफ — उसी शहर के किसी दूसरे कोने में आर्यन मल्होत्रा एक ब्लैक SUV में बैठा अगली डील की तैयारी कर रहा था।

“उसके बारे में पता लगाओ,” उसने अपने आदमी से कहा।

“किसके बारे में, सर?”

आर्यन की नज़रों में अजीब सी बेचैनी थी।

“जिसका नाम अभी नहीं जानता… लेकिन जिसकी झलक उस रात दिखी थी। कुछ था उसकी आँखों में… शांति… जो मेरी दुनिया में नहीं है।”

उसके मुंह से ये बात निकलते ही वो खुद भी थोड़ी देर के लिए चुप हो गया।

शहर के दो कोनों में बैठे दो लोग… जिनका मिलना अभी बाकी है, लेकिन उनकी किस्मतें एक ही धागे से बंध चुकी हैं।

सिया की उंगलियाँ कॉफी कप के किनारे घूम रही थीं, लेकिन उसका ध्यान कहीं और था।

डायरी के पन्ने पर पेन चलते-चलते रुक गया।

उसने खिड़की से बाहर झाँका — हल्की सी हवा चल रही थी, और आसमान पर बादल तैर रहे थे।

उसके बगल में बैठी तृप्ति बोली, “किसके ख्यालों में खोई है, मैडम?”

सिया हल्का मुस्कुराई, “बस यूँ ही… कल रात एक सपना देखा। किसी अनजान शहर में थी… और कोई पीछे-पीछे आ रहा था। पर चेहरा साफ़ नहीं दिखा।”

“उफ्फ… अब तो तुम भी फिल्मी होने लगी हो!” तृप्ति ने उसकी डायरी छीन ली, “क्या लिखा है इसमें? फिर से कोई शायरी?”

सिया ने हाथ बढ़ाया, “दे ना… सब कुछ नहीं लिखा जाता, कुछ चीज़ें बस महसूस की जाती हैं।”

तृप्ति ने उसे देखा, फिर डायरी वापस दे दी। “तू पागल है सिया… पर प्यारी भी।”

दूसरी ओर

आर्यन मल्होत्रा अपने प्राइवेट ऑफिस में बैठा CCTV फीड्स देख रहा था — पूरे शहर में उसके अपने कैमरे लगे थे।

हर गली, हर मोड़, हर चेहरा।

पर आज उसकी आँखें एक अनजाने चेहरे की तलाश में थीं — उस लड़की की, जिसे उसने एक शाम बाज़ार में देखा था।

वो बस दो सेकंड की झलक थी… भीड़ के बीच से गुजरती एक मासूम सी मुस्कान।

लेकिन आर्यन की आँखों में वो मुस्कान अब तक जिंदा थी।

“सर, आज रात डी-क्लास लोकेशन पर मीटिंग है,” उसका राइट हैंड मैन बोला।

आर्यन ने बिना उसकी तरफ देखे कहा, “गाड़ी तैयार रखो। और उस लड़की को ढूँढो। उसका नाम, कॉलेज, बैकग्राउंड — सब चाहिए। कुछ ऐसा है… जो समझ नहीं आ रहा।”

“क्या आप उसे पहचानते हैं?”

“नहीं…” आर्यन की आँखें स्क्रीन पर टिकी रहीं, “पर शायद मेरी किस्मत उसे पहचानती है।”

शाम के समय

सिया और उसकी क्लासमेट्स ने एक NGO विज़िट की प्लानिंग की थी। बच्चों के साथ समय बिताना, उनकी लाइफ स्टोरीज़ सुनना — यही उसका सुकून था।

NGO की इमारत के बाहर हल्की हलचल थी।

सिया आज कुछ बच्चों से मिलने आई थी, जिन्हें वो पिछले हफ़्ते से कहानी सुनाने का वादा कर चुकी थी।

वो भीतर गई, बच्चों से मिली और उन्हें लेकर बैठ गई — सब बच्चे गोल घेरा बनाकर बैठ गए और सिया ने अपनी वही जादुई आवाज़ में कहानी शुरू की।

उसके शब्दों में ऐसा जादू था कि बच्चे भी खो से गए।

वहीं दूसरी ओर… शहर के उसी इलाके में आर्यन मल्होत्रा की कार धीरे-धीरे निकली।

वो NGO की बिल्डिंग के सामने से गुज़रा, एक हल्की सी झलक पड़ी — बच्चों की हँसी, एक लड़की की आवाज़, और बहुत सारी सादगी।

कार के अंदर बैठे-बैठे उसने एक नज़र उस इमारत पर डाली, लेकिन ज्यादा देर नहीं रुका।

वो उस मंज़िल से बस गुज़रा, ठहरा नहीं।

“ये इलाका तुम्हारे टाइप का नहीं है, सर,” ड्राइवर ने बोला।

आर्यन ने सिर्फ इतना कहा, “कभी-कभी सुकून की तलाश में इंसान ऐसे ही रास्तों से गुजरता है, जहाँ वो कभी नहीं रुकता।”

NGO ke अंदर

सिया बच्चों को कहानी सुना रही थी:

“और तब राजकुमारी को नहीं पता था कि उसके राज्य की सीमा के बाहर एक तूफ़ान धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ रहा है… मगर वो तूफ़ान क्या था, ये उसे अभी पता नहीं था।”

रात के वकत,

आर्यन अपने ऑफिस की बालकनी में खड़ा था, सिगार जलाते हुए।

उसके दिमाग़ में ना आज की डील थी, ना FBI की फाइलें।

बस एक पल — जो यूँ ही सड़क से गुजरते वक़्त आया था… और चला गया।

लेकिन किसी की आवाज़, किसी की हँसी — कहीं दिल को छू गई थी।

FBI की investigation

रात का सन्नाटा… और एक खामोश इमारत।

चारों तरफ अंधेरा था, पर एक कमरे में लाइट जल रही थी।

उस कमरे के अंदर कुछ लोग लैपटॉप्स के सामने बैठे थे, फाइलें खुली थीं, और दीवार पर आर्यन मल्होत्रा की तस्वीर टंगी थी।

FBI — इंडिया डिविज़न, स्पेशल सीक्रेट ऑपरेशन रूम।

“His name is everywhere — business, ports, digital imports, even Dubai connections. But we don’t have solid proof.”

एक महिला एजेंट बोली, “His public face is clean. Rich, powerful, and ‘legally’ successful. लेकिन असली खेल उसके परदे के पीछे है। हमें चाहिए एक चूक… एक ऐसा कनेक्शन, जो इस सब को एक्सपोज़ कर दे।”

हैड एजेंट राघव ने सामने रखी फाइल उठाई।

"Code name: A.M. — The Ghost of the East."

“हम उसके पीछे के हर शेड को एक्सप्लोर करेंगे। और इस बार वो नहीं बचेगा।”

उनकी आँखों में जुनून था… और एक ऐसी आग, जो बरसों की हार से जली थी।

आर्यन के हवेली जैसे बंगले में,

रात के दो बज चुके थे, पर नींद आर्यन से कोसों दूर थी।

वो अपनी स्टडी में बैठा था, सामने एक पुरानी फोटो रखी थी , जिसमें एक बच्चा अपनी माँ के साथ मुस्कुरा रहा था।

उसे देख कर ऐसा लग रहा था जैसे वो फिर से पुराने दिनों को याद कर रहा है।

“माँ, तुम होती तो शायद मैं ये इंसान ना बनता…” वो बुदबुदाया।

आर्यन मल्होत्रा की कहानी सिर्फ माफिया की नहीं थी।

वो एक ऐसे बच्चे की कहानी थी जिसे बचपन में सिस्टम ने छीन लिया था , उसकी माँ को झूठे केस में फँसाया गया, बाप ने आत्महत्या कर ली, और 14 साल की उम्र में उसने अपना नाम और शहर दोनों छोड़ दिया था डर के वजह से नहीं अपने परिवार के साथ हुआ अन्याये का बदला लेने।

अब उसे सिर्फ दो चीज़ों पर यक़ीन था पैसा और पावर।

और वो दोनों उसने क़ायनात से छीनकर लिए थे।

उसी वक्त फोन बजा।

“Boss, हमारे Dubai वाले shipment में दिक्कत आई है। FBI ने मुंबई पोर्ट के एक एजेंट को ट्रैक किया है।”

आर्यन ने ठंडे लहजे में कहा, “Handle it. कोई भी गलती नही होना चाहिए और कोई चीज नहीं छूटना चाहिए।”

ये बोल उसने फोन काट दिया और wiskey पीते हुए

आर्यन ने अपनी गर्दन पर हाथ रब करने लगा ऐसा लग रहा था की वो अपनी गुस्से को कंट्रोल करने का कोशिश कर रहा है।

अगली सुबह,

सिया एक और नए दिन के साथ तैयार थी। वो कॉलेज के लिए रेडी हो चुकी थी उसने ब्रेकफास्ट कर कॉलेज के लिए निकल गई।

उसका मन थोड़ा सा उलझा हुआ था पिछली रात वो सपना फिर आया था। वही धुंधली छाया, वही साँसों की आवाज़।

क्लास में बैठी सिया अपने सपनो के बारे में सोच रही थी हर बार की तरह इस बार भी उसे रियल वाली फीलिंग आ रही थी मानो ये उसके साथ सच में हुआ हो।

“तू बहुत deep सोचने लगी है आजकल,” तृप्ति ने कहा।

सिया मुस्कुराई, “पता नही यार क्या हो रहा है ऐसे क्यों हो रहा है, शायद कोई कहानी बनने को तैयार।”

तृप्ति बोली, “ तुम और तुम्हारी बातें मुझे समझ नहीं आती”

सिया अपनी बैग उठाते हुए बोली, “मुझे समझना किसी की बस की बात नहीं है पहेलियों की पहेली हूं सबके समझ से बाहर हूं कब क्या कर दूं किसी को नही पता”।

“अब इसका क्या मतलब है”, तृप्ति ने अपनी आंखें रोल करते हुए पूछी।

सिया बोली, “तुम खुद ही सोच लो वैसे मैं लाइब्रेरी जा रही हूं अगर कुछ काम हो तो वही आ जाना ठीक है।”

ये बोल कर वो चली गई।

कॉलेज में उसका दिन अच्छा बीता।

लाइब्रेरी में उसने एक नई किताब पढ़ना शुरू किया “Shadows and Secrets”

और उसमें लिखी एक लाइन उसके ज़ेहन में गूँजती रही:

“सच्चाई सबसे खतरनाक होती है, जब वो मोहब्बत के पीछे छुपी हो।”

दूसरी ओर, FBI अब आर्यन के स्कूल टाइम फ्रेंड्स तक पहुँच चुकी थी।

एक पुराना दोस्त मिला जिसे बचपन में ही आर्यन ने छोड़ दिया था।

पूर्वी जो fbi officer है उसने आर्यन के दोस्त से पूछी की, “आर्यन मल्होत्रा मैंने सुना है तुम आर्यन मल्होत्रा के सबसे अच्छे दोस्त हो”

अतुल जो आर्यन का दोस्त था उसने उल्टे सवाल करते हुए बोला, “ सॉरी आप kon मैंने पहचाना नहीं”

पूर्वी ने अपनी id कार्ड दिखाते हुए बोली, “ fbi officer पूर्वी मुझे आर्यन मल्होत्रा के बारे में जानना है।”

अतुल पूर्वी को देख बोला, “ कुछ हुआ है क्या आर्यन ने कुछ किया है क्या”

पूर्वी अपनी आंखों से घूरती हुई बोली, “ जितना पूछा गया उसका जवाब दो।

आर्यन बचपन से कैसे था तुम उसके दोस्त हो तो उसे अच्छी तरह जानते होगे।”

अतुल ने जायदा बोलना ठीक नही समझा और सब बताने लगा।

“उसकी आँखों में बचपन से ही कुछ अलग था, वो रोता नहीं था… बदला लेता था। और जब उसकी माँ जेल गई, तो उसकी आँखें पूरी तरह बदल गईं उसे देख कर ऐसे लगता था जैसे वो अभी सामने वाले को मार डाले स्कूल में कॉलेज में सब बचे उसे चिढ़ने लगते थे, इन सब से वो सबसे चिढ़ने लगा था पर

अचानक वो एक दिन गायब हो गया मैंने उसे बहुत ढूंढने की कोशिश की हमारे दोस्त उसे ढूंढते रहे पर वो मिला नही।”

अतुल आर्यन का सबसे अच्छा दोस्त था वो आर्यन के बारे में बताने लगा पूर्वी अतुल की बातें रिकॉर्ड की और सारी डिटेल्स ले कर चली गई।

अब FBI को यक़ीन हो चला था आर्यन सिर्फ माफिया नहीं है, वो emotionally dead इंसान है… लेकिन अगर उसकी ज़िंदगी में कोई इमोशनल लिंक हो, तो वहीं से उसकी कमजोरी बनेगी।

और वो इमोशनल लिंक धीरे-धीरे बन रही थी सिया।

अभी तक अनजानी… अनदेखी… पर किस्मत की डोर से बंधी हुई।

रात को,

सिया छत पर बैठी थी, डायरी में एक नई कविता लिख रही थी,

“उसकी आँखों में एक तूफ़ान है,

पर वो छुपा है… जैसे रात की चुप्पी में कोई साया।

मैं नहीं जानती कौन है वो,

पर मेरे ख्वाब उसे रोज़ बुलाते हैं।”

और उस छत से बहुत दूर, एक और छत पर आर्यन खड़ा था।

शहर की रोशनी उसके सामने बिछी थी, लेकिन उसका मन किसी अंधेरे को देख रहा था।

“ये सुकून मुझे क्यों बेचैन करता है? ये उस लड़की के वजह से हो रहा है, कोन है वो?” उसने खुद से पूछा।

सिया की कलम धीरे-धीरे थम रही थी, लेकिन दिल की बेचैनी और भी तेज़ होती जा रही थी।

हर रोज़ वो एक ही सपना देख रही थी… एक परछाई, जो उसे पुकारती है… लेकिन चेहरा कभी साफ़ नहीं होता।

सिया तृप्ति को कॉल कर के बोली,

“ये क्या है तृप्ति? क्यों लगता है जैसे कुछ होने वाला है?” सिया ने पूछा।

तृप्ति मुस्कुराई, “तू न बस फालतू सोचती है। तू अपनी novels की दुनिया में खोई रहती है इसलिए तुझे ऐसा लग रहा है tu बस नोवेल पढ़ना बंद कर चल अब सो जा।”

“हाँ…” सिया ने बेमन से कहा, लेकिन उसका दिल अब भी उस अनदेखे अजनबी की तलाश में था, जो बस सपनों तक सीमित था।

दूसरी ओर… आर्यन

वो अपने कमरे में दाखिल हुआ। सामने पुरानी CCTV फुटेज्स चल रही थीं — Dubai port, Delhi deals, और कुछ लोग जिनके चेहरे बार-बार blur हो जाते थे।

“Zayan, who the hell leaked that file?” उसने गुस्से से पूछा।

ज़ायन, उसका सबसे वफादार और dangerous आदमी, तुरंत उसके सामने झुका।

“Boss, हमें शक है किसी ने अंदर से info दी है। शायद कोई नया नाम है जो FBI को लीड कर रहा है।”

आर्यन की आँखों में आग थी। “उसे ज़िंदा मत छोड़ना…”

सुबह,

सिया NGO पहुँची। वहाँ के बच्चों के चेहरों पर हँसी थी, और वो मुस्कुरा पड़ी।

“दीदी, आज आप कहानी सुनाओ!” एक बच्चा बोला।

सिया ने बच्चों को एक छोटी-सी कहानी सुनाई, लेकिन फिर वो खुद खो गई अपनी बातों में…

“कभी-कभी हम जिस रास्ते पर चल रहे होते हैं, हमें लगता है वो सीधा है…

लेकिन अचानक कोई मोड़ आता है जो हमारी पूरी ज़िंदगी बदल देता है।

कभी ये मोड़ हमें किसी से मिलवाता है… और कभी किसी को हमसे छीन लेता है।”

सभी बच्चे चुप हो गए थे, और सिया के चेहरे पर एक अजीब-सी उदासी छा गई थी।

एक बच्चे ने उसके पास जा कर उसे हग कर लिया तब जा कर दिया को होश आया और वो उस बच्चे को देख बोली, “ क्या हुआ बच्चे”।

तो उस बच्चे ने बोला, “कुछ नहीं दीदी मुझे लगा कि आप बहुत उदास हो इसलिए मैंने आपको हग कर लिया”।

सिया बस मुस्कुरा दी और बच्चों को कहानी सुनाने लगी।

उसी दिन शाम को — FBI एजेंट्स

अब FBI ने सिया की NGO को under observation रखा था क्योंकि उन्हें शक था कि शायद माफिया कोई social front का इस्तेमाल कर रहा है।

क्यों की fbi का एक जासूस ने fbi वालों को ये बताया था की आर्यन हर बार जब भी shipment होता है आर्यन इसी रास्ते से जाता है। और जब उस एरिया के फुटेज को fbi वालों ने ट्रैक किया तो उन्हे doubt होने लगा था की यहां कुछ तो गड़बड़ है।

वहां आस पास fbi के लोग थे

राघव बोला, “We’ll keep an eye on everyone. Aryan Malhotra का कोई न कोई admi तो है जो, अगर उसे पकड़ लिया तो उसके खिलाफ एक स्ट्रॉन्ग सबूत मिल जायेगा हमें।”

सबने राघव का कमांड फॉलो किया।

रात,

आर्यन की स्टडी में एक पुरानी file खुली थी एक orphanage की।

नाम था — Samar Children Home

और उसी orphanage की लिस्ट में एक नाम आर्यन की नज़र में अटक गया…

"Siya Sharma – Age: 6 (Adopted)"

उसकी आँखें चौड़ी हो गईं।

“Siya…?”

उसने तुरंत कंप्यूटर पर उसकी डिटेल्स सर्च कीं सामने आया एक फोटो।

सिया की हाल की तस्वीर।

उसके चेहरे पर अजीब-सी खामोशी थी।

“ये लड़की ये इतनी मासूम… क्यों इसके नाम पर फाइल में ब्लैक मार्क है?” उसने खुद से पूछा। वो बस तस्वीर को देखे जा रहा था पर उसे वो लड़की जैसे नही दिखी जो उसने उस दिन रात को देखा था।

इधर सिया,

वो अपनी खिड़की के पास बैठी थी, चाँद को देखती हुई।

उसकी आँखें भारी थीं, लेकिन नींद नहीं आ रही थी।

“जिससे कभी मिले ही नहीं… उसका इंतज़ार कैसा होता है?”

उसने खुद से पूछा… और फिर वही सपना आया।

पर इस बार… वो परछाई एक कदम और पास आई।

उसी वक़्त आर्यन…

उसने अपने एक आदमी को कॉल किया, “मुझे उस orphanage की पूरी जानकारी चाहिए। और इस लड़की की भी Siya Sharma. सब कुछ।”

ज़ायन बोला, “Why her, boss?”

आर्यन की आवाज़ धीमी थी… “मैने जो कहा है बस वो करो जायदा सवाल जवाब मार करो मैं तुम्हारा बॉस हूं तुम नही ।”

Aryan escaped again

"Zindagi mein kuch sach, khauf ke andhere mein hi chhupe hote hain..."

रात के दो बजे थे।

जहां आर्यन स्टडी रूम में काम कर रहा था। तभी उसे कॉल आया उसने कॉल उठाते हुए सर्द आवाज में बोला, “अगर कुछ काम है तो बोलो वरना अगर मेरा दिमाग खाने के लिए कॉल किए हो तो फोन रखो।”

तो दूसरी तरफ से उसका दोस्त बोला, “तुम हर बार इतने रुड हो के बात क्यों करते हो मेरे पास भी फालतू टाइम नही है मैं तो बस ये बताने के लिए कॉल किया था की fbi के कुछ लोग तुम्हारी पूरा डिटेल्स निकल रहे है वो अतुल से तुम्हारे बारे में पूछ टच कर रहे थे।”

आर्यन जो अपनी कंप्यूटर पर काम कर रहा था अचानक उसके उंगली रुक गए और बोला, “अतुल कहां है अभी पता लगाओ।”

दूसरी तरफ से अर्जुन बोला, “ ठीक है, पर उस गदर का भी पता लगा गया है जो हमारी चीज़ों को किसी और को बेच रहा था और उस आदमी का भी पता लगा गया है।”

“ठीक है मैं आ रहा हूं।” ये बोल आर्यन कॉल रख देता है।

FBI का सीक्रेट ऑपरेशन रूम।

(मुंबई से कुछ किलोमीटर दूर एक पुराना गोदाम, जिसे अंदर से हाई-टेक ऑफिस में बदला गया है।)

एक हल्की नीली रोशनी वाले कमरे में, बड़े-बड़े मॉनिटर्स पर डेटा फ्लो हो रहा था। हर जगह स्क्रीन पर बस एक ही नाम चमक रहा था — आर्यन मल्होत्रा।

आर्य, FBI एजेंट, अपनी टीम के साथ एक बड़े टेबल के चारों ओर बैठा था। एक ऐसी टीम जिसे सीक्रेटली काम करने के लिए तैयार किया गया है जिसे लीड कर रहा है एक FBI का नया हैड ऑफिसर जो फिलहाल अभी किसी के सामने नही आया उसकी पहचान ऐसे सिक्रेटली रखा गया है कि कोई हुई उस तक pohanch नही सकता। सबके सामने आर्यन की फाइल खुली थी। आर्य बोला,

"ये आदमी जितना साफ दिखता है, उतना है नहीं। उसके नेटवर्क में कुछ तो गड़बड़ चल रहा है... और हमें उसके 'ब्लैक मनी रूट' और उसके इलीगल काम तक पहुँचना ही होगा।"

एक फीमेल एजेंट बोली, "सर, आर्यन के पास एक सीक्रेट लोकेशन है जहां हाई-लेवल मीटिंग्स होती हैं। लेकिन कोई भी उस जगह तक नहीं पहुँच पाया उस लोकेशन के बारे में किसी को नही पता अगर किसी को पता चल भी गया तो तो वो अगले दिन की सूरज देख नही पाया।"

आर्य ने कहा, "तो अब हमें उसके नेटवर्क में घुसाना होगा... ये केस सिर्फ एक बिज़नेस की आड़ में चल रही है असली बिजनेस तो एक अलग क्राइम एम्पायर बनाना है, ये एक ग्लोबल खतरा बन चुका है।"

टीम में सब गंभीर हो गए। तभी स्क्रीन पर आर्यन का लाइव लोकेशन दिखने लगा।

आर्य मुस्कराया, "अब शिकार खुद अपने जल में फंसता चला जायेगा।”

शहर की सड़कों पर सन्नाटा था, लेकिन मल्होत्रा हवेली के आस-पास हद से ज्यादा सुरक्षा थी। हर कोने पर गन लिए बॉडीगार्ड्स तैनात थे। और उसी सन्नाटे को चीरता हुआ एक काला SUV बाहर निकला।

SUV के अंदर...

गाड़ी की पिछली सीट पर बैठा शख्स चुप था, मगर उसकी आंखों में गुस्से की आग साफ झलक रही थी।

वो कोई और नहीं, आर्यन मल्होत्रा था।

"बॉस, फैक्ट्री की पूरी तैयारी हो चुकी है।"

ड्राइवर ने धीमे से कहा।

आर्यन (ठंडी आवाज़ में): "आज रात उसे मिटा देना है। मुझे मेरे रास्ते में आने वाले लोग पसंद नहीं..."

गाड़ी एक पुरानी फैक्ट्री की तरफ मुड़ी।

दूसरी ओर,

FBI की टीम अपनी पोजिशन ले चुकी थी।

आर्य एक राघव को ऑर्डर देता है, “ राघव, आर्यन अपनी मेंशन से निकल चुका है उसको फॉलो करो उसे पता नही चलना चाहिए, पिछली बार की गलती इस बार नही होना चाहिए।”

राघव बोला, “ इस बार कोई गलती नही होगी।”

थोड़ी देर बाद आर्यन फैक्ट्री पोहंच चुका था। पीछे पीछे राघव और उसके टीम भी थी।

राघव (अपने वॉकी पर): "टारगेट फैक्ट्री में घुस चुका है। ऑपरेशन शुरू करो सब लोग फैल जाओ।"

इसी वक्त दूसरी ओर,

शहर के दूसरे कोने पर, अपने कमरे में सो रही सिया अचानक उसका फोन बजा।

सिया (नींद में): "उफ़्फ़, कौन है ये रात के इस टायम... हेलो?"

दूसरी तरफ से आवाज़: "सिया बेटा, तेरे अंकल की तबीयत बहुत खराब है, तुरंत घर आ जा।"

सिया घबरा गई।

बिना ज्यादा सोचे, वो उठी, अपनी hoodie पहनी और स्कूटी लेकर निकल पड़ी।

सिया (स्कूटी चलाते हुए): "भगवान जी! अंकल को कुछ मत करना... मैं आ रही हूं।"

फैक्ट्री के अंदर...

आर्यन अपनी टीम के साथ अंदर दाखिल हो चुका था।

आर्यन (गदर को देखकर): " तू मुझे धोखा देगा, लेकिन इतना सस्ता निकलेगा ये नहीं सोचा था।"

गदर (डरते हुए): "मुझे मत मारो आर्यन... मैं..मैं सब वापस कर दूंगा।"

आर्यन (ठंडी मुस्कान के साथ): "अब कुछ वापस लेने का वक्त नहीं बचा।"

जैसे ही आर्यन ने अपनी गन निकाली, अचानक फायरिंग शुरू हो गई।

राघव (चिल्लाते हुए): " रुक जाओ आर्यन ऐसी भूल बिल्कुल भी मात करना।”

आर्यन (गुस्से में): "फिर आ गया तू, राघव। इस बार बच के नहीं जाएगा।"

दोनों के बीच गोलियों की बारिश होने लगी।

राघव आर्यन को एक मुका मरते हुए बोला, “ बहुत हो गया तेरा खेल खुद को हमारे हवाले कर दे।”

आर्यन एक खतरनाक हंसी के साथ राघव को जोर दार उसके पेट पर मरते हुए खुद से दूर करता है और राघव का गला पकड़ कर बोला, “ इतनी भी जल्दी क्या है एजेंट राघव अभी तो खेल शुरू हुआ है इस खेल के छोटे छोटे बड़े बड़े खिलाड़ी का सामने आना बाकी है तब तक ये खेल ऐसे ही चलता रहेगा।”

ये बोल आर्यन राघव को दूसरी तरफ फेक देता है। और आर्यन के आदमी वहां ब्लास्ट कर के निकल जाते है।

और बाहर,,

सिया उसी रास्ते से गुजर रही थी, जहां फैक्ट्री थी।

अचानक एक तेज़ धमाके की आवाज़ हुई, और सामने से एक काला SUV निकलता दिखा।

सिया (हैरान होकर): "ये क्या था? यहां तो सब कुछ जल रहा है..."

सिया पेड़ के पीछे छुप गई और जाते हुए SUV को देख रही थी। सभी गाड़ी के जाने के बाद वो फैक्ट्री के अंदर जाति है और देखती है तो सब कुछ जल चुका था कुछ लास पड़े हुए थे। जिसे देख कर उसकी आंखें बड़ी बड़ी हो गई वो तुरंत वहां से भाग निकली पर जाते जाते उसके हाथ एक चीज लगी थी जिसे वो अपने साथ ले गई।”

FBI ऑपरेशन टीम बेस पर वापस लौट चुकी थी।

राघव और बाकी टीम घायल थे तो उन्हें बेस के हॉस्पिटल रूम में रखा गया था।

सभी लोग एक बड़े स्क्रीन की तरफ देख रहे थे, जहां एक घड़ी लगातार समय गिन रही थी।

सन्नाटा था। सबकी नजरें एक ही चीज़ पर टिकी थीं।

आर्य (धीरे से):

"बस अब आने वाला है..."

एक एजेंट:

"तय वक्त पर कॉल आएगा... पहली बार वो खुद बात करेगा।"

दूसरा एजेंट (काफी गंभीर):

"FBI का नया चीफ हेड है जिसने अभी तक अपना चेहरा तक नहीं दिखाया। सिर्फ उसकी आवाज़, उसके फैसले और अब वो खुद इस मिशन को लीड कर रहा है।"

आर्य बोला,

"Aryan Malhotra का खेल अब खत्म होगा, अगर उसका प्लान काम कर गया"

दूसरी ओर,

सिया अपने अंकल के घर पहुंच चुकी थी। दरवाज़ा खुला था।

अंदर माहौल थोड़ा अजीब सा लग रहा था।

सिया बोली,

_"अरे आंटी! इतनी रात को भी दरवाज़ा खोल कर रखते हो?”

आंटी (बदले हुए चेहरे के साथ):

_"हां बेटा... तू आने वाली थी न इसलिए..."

सिया कुछ और बोलती, उससे पहले ही कमरे का दरवाज़ा लॉक हो गया।

अंकल पीछे से आए और बोले,

"अब तुझे वही ले जाएगा जिसे बेचना है... जो दाम लगाया है, उसके लिए तू ही काफी है अब तुझे हमसे कोन बचाएगा।”

सिया हैरानी से चीखते हुए बोली,

"क्या? ये आप क्या बोल रहे है अंकल, आपने मुझे बेचने का सोचा? आप मेरे मम्मी-पापा जैसे थे!"

आंटी मुस्कुरा कर बोली,

"पैसे सब कुछ होते हैं बेटा... और अब तेरा काम है हमारी कीमत चुकाना!"

सिया जैसे-तैसे एक फूलदान से उन्हें फेक कर मारती है और दरवाज़ा खोल कर भाग निकलती है।

भागते हुए उसकी सांसें तेज़ हो रही थीं, उसके चेहरे पर आंखों में आसूं और डर होना चाहिए था पर नही उसके चेहरे पर गुस्सा भरा हुआ था जिसे देख कर कोई भी डर जाता। पता नही क्यों पर वो अब पहली वाली दिया नही लग रही थी।

सिया (भागते हुए)

"अब किसी पर भरोसा नहीं कर सकती... मुझे खुद को बचाना होगा इन लोगों से।"

FBI रूम के सीक्रेट बेस,

स्क्रीन ब्लिंक करती है... कॉल आ चुका है।

सभी एजेंट्स खड़े हो जाते हैं।

स्क्रीन पर बस एक आवाज़ आती है ठंडी, सख्त और पूरी टीम को झकझोर देने वाली।

रहस्यमयी आवाज़

"एक काम दिया गया था तुम सबको पर वो भी तुमसे नही हुआ अब जैसे जैसे मैं कहूंगा वैसे ही होगा, मैने एक नया प्लान बनाया है और मेरे प्लान के अकॉर्डिंग तुम सब काम करोगे "

सभी एक-दूसरे की तरफ हैरानी से देखते हैं।

कौन है ये इंसान, जिसकी एक आवाज़ से FBI जैसी एजेंसी भी खड़ी हो जाती है?

कॉल काट होने के बाद, स्क्रीन पर लिखा था

"इस खेल में, नकाब सिर्फ आर्यन पर नहीं... कई चेहरों पर है।”

सब ये पढ़ कर एक दूसरे को देखते है आर्य बोला, “ अब इसका क्या मतलब है और भी लोग है क्या।” ये बोल वो कन्फ्यूज लुक देता है।

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