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111305052024

Peace

तू किसी रेल सी गुज़रती है

तू किसी रेल सी गुज़रती है

मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ

तू भले रत्ती भर ना सुनती हो

मैं तेरा नाम बुदबुदाता हूँ

किसी लम्बे सफर की रातों में

तुझे अलाव सा जलाता हूँ

तू किसी रेल सी गुज़रती है

मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ

काठ के ताले हैं आँख पे डाले हैं

उनमें इशारों की चाबियाँ लगा

काठ के ताले हैं आँख पे डाले हैं

उनमें इशारों की चाबियाँ लगा

रात जो बाकी है शाम से ताकी है

नीयत में थोड़ी ई ई ई ई

नीयत में थोड़ी खराबियाँ लगा खराबियाँ लगा

मैं हूँ पानी के बुलबुले जैसा

तुझे सोचूँ तो फूट जाता हूँ

तू किसी रेल सी गुज़रती है

मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ

तू किसी रेल सी गुज़रती है

मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ

थरथराता हूँ (नौ दे नौ)

थरथराता हूँ (र नन ना द द दा)

थरथराता हूँ (नौ दे नौ दे नौ दे नौ ओ)

.

.

.

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तू किसी रेल सी गुज़रती है

तू किसी रेल सी गुज़रती है

मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ

तू भले रत्ती भर ना सुनती हो

मैं तेरा नाम बुदबुदाता हूँ

किसी लम्बे सफर की रातों में

तुझे अलाव सा जलाता हूँ

तू किसी रेल सी गुज़रती है

मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ

काठ के ताले हैं आँख पे डाले हैं

उनमें इशारों की चाबियाँ लगा

काठ के ताले हैं आँख पे डाले हैं

उनमें इशारों की चाबियाँ लगा

रात जो बाकी है शाम से ताकी है

नीयत में थोड़ी ई ई ई ई

नीयत में थोड़ी खराबियाँ लगा खराबियाँ लगा

मैं हूँ पानी के बुलबुले जैसा

तुझे सोचूँ तो फूट जाता हूँ

तू किसी रेल सी गुज़रती है

मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ

तू किसी रेल सी गुज़रती है

मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ

थरथराता हूँ (नौ दे नौ)

थरथराता हूँ (र नन ना द द दा)

थरथराता हूँ (नौ दे नौ दे नौ दे नौ ओ)

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तू किसी रेल सी गुज़रती है

तू किसी रेल सी गुज़रती है

मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ

तू भले रत्ती भर ना सुनती हो

मैं तेरा नाम बुदबुदाता हूँ

किसी लम्बे सफर की रातों में

तुझे अलाव सा जलाता हूँ

तू किसी रेल सी गुज़रती है

मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ

काठ के ताले हैं आँख पे डाले हैं

उनमें इशारों की चाबियाँ लगा

काठ के ताले हैं आँख पे डाले हैं

उनमें इशारों की चाबियाँ लगा

रात जो बाकी है शाम से ताकी है

नीयत में थोड़ी ई ई ई ई

नीयत में थोड़ी खराबियाँ लगा खराबियाँ लगा

मैं हूँ पानी के बुलबुले जैसा

तुझे सोचूँ तो फूट जाता हूँ

तू किसी रेल सी गुज़रती है

मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ

तू किसी रेल सी गुज़रती है

मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ

थरथराता हूँ (नौ दे नौ)

थरथराता हूँ (र नन ना द द दा)

थरथराता हूँ (नौ दे नौ दे नौ दे नौ ओ)

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तू किसी रेल सी गुज़रती है

तू किसी रेल सी गुज़रती है

मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ

तू भले रत्ती भर ना सुनती हो

मैं तेरा नाम बुदबुदाता हूँ

किसी लम्बे सफर की रातों में

तुझे अलाव सा जलाता हूँ

तू किसी रेल सी गुज़रती है

मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ

काठ के ताले हैं आँख पे डाले हैं

उनमें इशारों की चाबियाँ लगा

काठ के ताले हैं आँख पे डाले हैं

उनमें इशारों की चाबियाँ लगा

रात जो बाकी है शाम से ताकी है

नीयत में थोड़ी ई ई ई ई

नीयत में थोड़ी खराबियाँ लगा खराबियाँ लगा

मैं हूँ पानी के बुलबुले जैसा

तुझे सोचूँ तो फूट जाता हूँ

तू किसी रेल सी गुज़रती है

मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ

तू किसी रेल सी गुज़रती है

मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ

थरथराता हूँ (नौ दे नौ)

थरथराता हूँ (र नन ना द द दा)

थरथराता हूँ (नौ दे नौ दे नौ दे नौ ओ)

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